पति बना ‘कातिल’: चरित्र पर शक…उजाड़ा हंसता-खेलता परिवार, नजारा देख कांपने लगी थी कबूतरी, जानें पूरा मामला

0
26

[ad_1]

चित्रकूट जिले के मऊ थाना क्षेत्र के शेषा सुबकरा गांव की कबूतरी की उम्र महज 12 साल की है। जब उसने आधी रात को मां श्यामपति के चिल्लाने की आवाज सुनी, तो उसकी नींद टूटी। सामने का नजारा देख वह सिहर गई। पूरा शरीर उसका कांपने लगा और पिता को रक्तरंजित कुल्हाड़ी लिए देखा, तो कोने में दुबक गई।

इसके बाद वह चुपचाप निकलकर पड़ोस में रहने वाले दादा के घर पहुंची। उसने चिल्ला चिल्लाकर दरवाजा खुलवाया, तो यह सुनकर आसपास के लोगों की भी नींद खुल गई। पूरे घटनाक्रम में लगभग एक घंटे तक मौजूद सभी लोगों की घिग्गी बंधी रही। सभी सन्न थे कि आखिर लालचंद्र इतनी बड़ी घटना को कैसे अंजाम दे दिया।

कबूतरी के दादा हरिशचंद्र ने बताया कि लगभग दस मिनट तक वह कांपती हुई, गोद में चिपकी रही। उसके गले से बोल नहीं निकल रहे थे। हाथ के इशारे से अपने घर की ओर जाने के लिए कहा। वहां पहुंचकर देखा तो सब सन्न रह गए। इसी बीच कुल्हाड़ी लिए हत्यारा छोटे बेटे को गोद में लेकर भागने का प्रयास कर रहा था।



गर्दन पर किए तीन-चार वार

तभी सभी ने उसे दबोच लिया। किसी तरह उसकी गोद में मासूम को छुड़ाकर बचाया। आशंका जताई गई कि भागते समय आरोपी अपने को बचाने के लिए गोद में लिए मासूम को भी ढाल बनाकर मार सकता था। परिजनों के अनुसार हत्यारोपी ने पत्नी के गले में कम से कम तीन-चार वार किए हैं।

यह भी पढ़ें -  मेरठ: पीड़ित पिता की हाथ जोड़कर अपील, कोई न करे प्रदर्शन, जानें दीपक हत्याकांड में महापंचायत टलने की बड़ी वजह


हादसे के बाद बेटी कबूतरी का हाल बेहाल

मृतका का पति लालचंद्र निषाद नदियों से निकाली जाने वाली बालू के कार्य में मजदूरी का काम करता है। परिवार के सभी सदस्य खुशहाली से अपना जीवन व्यतीत करते थे। गुरुवार की रात्रि हुए हादसे के बाद मृतका की पुत्री कबूतरी व उसके दो पुत्रों का हाल बेहाल है।


आखिर इतनी बड़ी घटना कैसे कर सकता है

पड़ोसी भी यह समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर इतनी बड़ी घटना को अंजाम लालचंद्र ने कैसे दे दिया। पोस्टमार्टम हाउस में भी मृतका के परिजन घटना को लेकर सहमे नजर आए। वह घटना के बारे में ठीक से बता भी नहीं पा रहेहैं। पुलिस ने गृह कलेश व चरित्र पर शक की बात बताई है।


भाई बोला-लालचंद्र का चल रहा था इलाज

उसे भी परिजन ठीक से पचा नहीं पा रहे हैं। हत्यारे के भाई हरिशचंद्र का दावा है कि चरित्र पर शक की बात की जानकारी नहीं है, लेकिन लालचंद्र का इलाज जरूर चल रहा था। गृह कलेश तो सभी घरों में कुछ चलता रहता है। उसने ऐसा क्यों किया है, स्पष्ट रूप से कहना मुश्किल है।


[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here