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आगरा नगर निगम
– फोटो : अमर उजाला
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आगरा नगर निगम में नौकरी का झांसा देकर 36 युवक और युवतियों से धोखाधड़ी कर ली गई। बिचौलिये ने रकम लेकर ठेकेदार को दी थी। अब पीड़ित भटक रहे हैं। मामले में थाना जगदीशपुरा में केस दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि साक्ष्य संकलन कर कार्रवाई की जाएगी।
दीपनगर, फेज द्वितीय निवासी अमित शर्मा ने पुलिस को बताया कि एक परिचित के माध्यम से फिरोजाबाद निवासी ललित प्रताप सिंह उर्फ सोनू से मुलाकात हुई थी। सोनू ने खुद को नगर निगम में ठेकेदार बताया। कहा कि वो बेरोजगार युवक-युवतियों की नौकरी लगवाता है। 30 नवंबर 2022 को उसने एक युवती की नौकरी लगवाने के लिए कहा। 35 से 40 हजार रुपये का खर्च बताया। इसके बाद कई और युवक और युवतियों की नौकरी लगवाने का आश्वासन देकर झांसे में ले लिया।
7.30 लाख रुपये दिए थे
उन्होंने 36 युवक और युवतियों के शैक्षिक प्रमाणपत्र और 7.30 लाख रुपये दे दिए। इनमें 20 की नौकरी ठेकेदारी और 16 की क्लर्क की संविदा पर लगाने का आश्वासन दिया था। दो फरवरी 2023 तक नियुक्ति की बात कही। मगर, ऐसा नहीं हुआ। इस बारे में उन्होंने सोनू से पूछताछ की तो उसने कोई जवाब नहीं दिया। रुपये वापस मांगने पर ललित आनाकानी करने लगा। 23 मार्च को फोन पर रुपये देने से इन्कार कर दिया। जिन युवक और युवतियों से रुपये लिए थे, उन्हें भी फोन करके भड़का दिया। झूठ बोल दिया कि उसके पास रकम नहीं पहुंची है। अब सभी उनके घर के चक्कर काट रहे हैं।
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पुलिस से की शिकायत
पीड़ित ने थाना जगदीशपुरा में शिकायत की। मामले में ललित प्रताप सिंह सहित दो खिलाफ केस दर्ज किया गया है। थाना जगदीशपुरा के प्रभारी निरीक्षक देवेंद्र शंकर पांडेय ने बताया कि धोखाधड़ी, अमानत में खयानत, जान से मारने की धमकी और आपराधिक साजिश के तहत मामला दर्ज किया गया है। साक्ष्य संकलन कर कार्रवाई की जाएगी।
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