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पिता को मुखाग्नि देती छोटी बेटी
– फोटो : अमर उजाला
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बेटियां भी अब बेटों की तरह फर्ज निभा रही हैं। वह परिजनों का अंतिम संस्कार करने में आगे आ रही हैं। ऐसा ही वाकया सोमवार को हुआ। सराय दुबे निवासी तीन बेटियों ने अपने पिता राजकुमार का अंतिम संस्कार किया। छोटी बेटी चित्रा ने पिता को मुखाग्नि दी। तीन बहनों रति (23), गौरी (16) और चित्रा (13) ने मिलकर पिता के सभी संस्कार पूरे किए। हालांकि, कुछ लोगों ने इस पर आपत्ति भी जताई थी। बेटियों के अंतिम संस्कार करने की चर्चा पूरे शहर में है।
मजदूरी करने वाले राजकुमार पिछले पांच महीने से कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे। घर की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं थी। जमा-पूंजी इलाज में खर्च हो गई थी। कर्ज लेकर घर का खर्च चल रहा था। पैसों की तंगी के कारण राजकुमार का ठीक से इलाज भी नहीं हो पा रहा था। बताते हैं कि पत्नी रचना भी टीबी की बीमारी से पीड़ित हैं। 14 दिसंबर 2021 को बड़ी बेटी का विवाह मोहल्ले वालों के सहयोग से हुआ था।
गौरी और चित्रा माहेश्वरी गर्ल्स इंटर कॉलेज में पढ़ती हैं। सोमवार को राजकुमार का निधन हो जाने पर परिवार पर वज्रपात हो गया। जानकारी पर रिश्तेदार और मोहल्ले वाले भी जुट गए। लेकिन दाह संस्कार में देरी होने पर रचना ने अपनी बेटियों को आगे बढ़ने के लिए कहा तो वहां पर मौजूद कुछ लोगों ने आपत्ति भी जताई। लोगों की बातें अनसुनी कर उन्होंने अपनी बेटियों की हिम्मत बढ़ाते हुए दाह संस्कार कराया।
एसपीओ अनिल कुमार का कहना है कि परंपरा तो पूर्वजों ने बना दी कि पुरुष ही दाह संस्कार करेंगे पर अगर घर में सिर्फ महिलाएं ही हैं तो उनका आगे आना बुरा नहीं है, बल्कि यह समाज के लिए एक अच्छा संदेश है। प्रशासन को इस परिवार की आर्थिक मदद करनी चाहिए।
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