Unnao News: टेनरियों के प्रदूषित पानी को शोधित करेगा भाभा रिसर्च सेंटर

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संवाद न्यूज एजेंसी, उन्नाव

Updated Wed, 24 May 2023 11:44 PM IST

संवाद न्यूज एजेंसी

सोनिक (उन्नाव)। टेनरियों के प्रदूषित पानी को शोधित करने का बीड़ा भाभा रिसर्च सेंटर ने उठाया है। इसके लिए एक नई टेक्नोलॉजी तैयार की है। इसी टेक्नोलॉजी का प्रयोग करने की संभावनाओं को तलाशने भाभा रिसर्च सेंटर की एक 12 सदस्यीय वैज्ञानिक टीम बुधवार को दही चौकी स्थित सीईटीपी (कॉमन इनफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट) पहुंची। टीम ने प्लांट का निरीक्षण करने के साथ ही अधिकारियों के साथ बैठक भी की। हालांकि वैज्ञानिकों ने मीडिया से दूरी बनाए रखी।बताया कि कार्ययोजना को अंतिम रूप देने से पहले जानकारी नहीं दे सकते।

जिले में दो औद्योगिक क्षेत्रों दही चौकी व बंथर में दो सैकड़ा से अधिक फैक्ट्रियां संचालित हैं। इनमें 41 टेनरियां भी हैं। टेनरियों से केमिकल युक्त प्रदूषित पानी निकलता है। जिनके शोधन के लिए दो सीईटीपी भी संचालित हैं लेकिन इसके बाद भी प्रदूषित पानी पूरी तरह से शुद्ध नहीं हो पाता है। यही पानी सीधे गंगा में जाता है। जिससे गंगा का पानी भी प्रदूषित और मैला होता है। अब इसी प्रदूषित पानी को शोधित करने के लिए भाभा रिसर्च सेंटर ने इलेक्ट्रान बीम टेक्नोलॉजी तैयार की है। इसके जरिए टेनरियों का पानी शोधन करने का दावा किया जा रहा है। पहले चरण में रिसर्च सेंटर दही चौकी सीईटीपी में इस टेक्नोलॉजी का प्रयोग करेगा। इसकी संभावनाओं को तलाशने बुधवार को भाभा रिसर्च सेंटर के 12 वरिष्ठ वैज्ञानिक दही चौकी सीईटीपी पहुंचे। यहां पर उन्होंने प्लांट का गहनता से निरीक्षण किया। अभी तक शोधित हो रहे पानी की गुणवत्ता देखी। अब तक प्रयोग में लाई जा रही शोधन प्रक्रिया की जानकारी ली। फिर प्रदूषण विभाग और सीईटीपी प्रबंधन के साथ बैठक की। सूत्रों की मानें तो वैज्ञानिकों ने टेनरियों से रोजाना आने वाले पानी की मात्रा की जानकारी लेने के साथ शोधन में आने वाले खर्च के बारे में भी पूछा।

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जानकारों के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने इस टेक्नोलॉजी के जरिए कम समय में पानी का शोधन होने की जानकारी दी है। इस दौरान क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी सीपी माथुर, सहायक प्रदूषण अधिकारी शिवबालक, सीईटीपी के आशुतोष टंडन और मनोज कुमार आदि मौजूद रहे। इंसेट दही चौकी सीईटीपी से जुड़ी हैं 14 टेनरी दही चौकी सीईटीपी काफी बड़ी है। इससे औद्योगिक क्षेत्र की 14 टेनरी व दो डॉग फूड की इकाइयां भी जुड़ी हैं। इन टेनरियों से रोजाना 2150 लीटर दूषित पानी सीईटीपी में आता है। जिसे सीईटीपी में शोधित करने का दावा किया जाता है। हालांकि इसके बाद भी गंगा में प्रदूषित पानी पहुंचने की शिकायतें प्रदूषण विभाग तक पहुंचती रहती हैं। इसको देखते हुए ही अब भाभा रिसर्च सेंटर के वैज्ञानिकों की मदद से पानी को पूरी तरह से शोधित करने की कवायद शुरू की गई है।

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