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विस्तार
अलीगढ़ शहर की सरकार में ट्रिपल इंजन 14 दिन पहले जुड़ गया। जिसकी औपचारिक प्रक्रिया 15वें दिन यानि शनिवार को शहर की भगवा सरकार द्वारा शपथ लेने के बाद पूरी होगी। इस शपथ में सबसे खास बात है कि पिछली भगवा सरकार के बाद यह भगवा सरकार 10 वर्ष, 10 माह और 10 दिन बाद शपथ लेने जा रही है। इससे पहले भाजपा के मेयर के रूप में शकुंतला भारती ने 18 जुलाई 2012 को शपथ ली थी और 2017 में उनका कार्यकाल खत्म होने के बाद बसपा के मेयर ने यह पद भाजपा से छीन लिया था। यह पांच वर्ष का ब्रेक शनिवार को हट जाएगा।
प्रदेश व केंद्र में सत्ताधारी भाजपा अलीगढ़ सीट की वापसी के लिए जबरदस्त तरीके से प्रयासरत थी। इसके पीछे की मुख्य वजह तो यह कि नगर निगम बनने के बाद से लगातार चार बार भाजपा का इस सीट पर कब्जा था। प्रदेश की सत्ता में रहते पिछला चुनाव बसपा ने जीतकर प्रदेश में बड़ा संदेश देने का प्रयास किया था। इस हार को चुनौती के रूप में स्वीकारते हुए भाजपा ने पिछले एक वर्ष से मेयर पद पर वापसी के लिए हर वो संभव प्रयास किए, जिसके जरिये जीत की राह आसान हुई और अबकी बार रिकार्ड मतों से प्रशांत सिंघल मेयर निर्वाचित हुए। साथ में 90 में से भाजपा के 45 पार्षद भी जीते। इस जीत से भाजपा में जबरदस्त उत्साह है।
ये है शपथ का अंतराल
2012:-1 जुलाई को मतदान, 7 जुलाई को परिणाम, 18 जुलाई को शपथ।
2017:-26 नवंबर को मतदान, 1 दिसंबर को परिणाम, 12 दिसंबर को शपथ।
2023:-11 मई को मतदान, 13 मई को परिणाम, 27 मई को शपथ होने जा रही।
ये हैं दस प्रमुख चुनौतियां
- गृह व संपत्ति कर के मुद्दे पर सबसे ज्यादा उम्मीद लगाकर बैठी है जनता
- सीमा विस्तार वाले इलाकों को शहरी सुविधा का आभास कराना चुनौती
- नगर निगम अफसरों की बेलगामी और लेटलतीफी में सुधार बड़ी चुनौती
- आम शहरी को सफाई, पेयजल, स्ट्रीट लाइट के प्रति संतुष्ट करना चुनौती
- कटोरेनुमा कहे जाने वाले शहर को जलभराव की समस्या से स्थायी निजात
- अतिक्रमण और अव्यवस्थित यातायात की समस्या से निजात में सफलता
- शहर में समस्याओं को बढ़ावा दे रहे आवारा जानवरों से निजात दिलाना
- दबाव बनाकर स्मार्ट सिटी के कार्य जल्द पूर्ण कराना, शहर सुंदर बनाना
- समस्याओं के लिए नगर निगम में पब्लिक के चक्कर लगना कैसे बंद हो
- सदन में सबसे मजबूत विपक्षी दल सपा के पार्षदों को संतुष्ट रखना चुनौती
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