[ad_1]
अवैध कॉलोनी में चला बुलडोजर प्रतीकात्मक
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
अलीगढ़ के टप्पल इलाके में यमुना एक्सप्रेस के सहारे ग्राम पंचायत की बेशकीमती जमीनों पर अलीगढ़, दिल्ली और नोएडा से जुड़े कुछ भू माफिया लोगों को फर्जी नक्शा दिखाकर जमीनों को बेचकर लाखों रुपये का चूना लगा रहे हैं। इन फर्जी कॉलोनियों में जमीन का बैनामा कराकर दाखिल खारिज कराने तहसील आए खरीदारों के सामने सच्चाई आई तो उनके होश उड़ गए।
इस मामले में खरीदार जमीन दिलाने वालों को तलाश रहे हैं तो खुद को बिल्डर बताने वाले लोग मुंह फेर रहे हैं। खैर तहसील के एक अधिवक्ता ने इसकी सब रजिस्ट्रार से शिकायत की है। जिम्मेदार अधिकारी इस प्रकरण में खुद का पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं। ग्राम पंचायत टप्पल को नगर पंचायत बनाने के बाद प्रदेश सरकार के इस दर्जें को वापस ले लिया है।
जिला प्रशासन की ओर से फर्जीवाड़ा करने वाले बिल्डरों पर मुकदमा दर्ज करा देने के बाद से दिल्ली, नोएडा एवं एनसीआर से जुड़े लोगों ने टप्पल क्षेत्र में भूमि की खरीद-फरोख्त कम कर दी थी। भू-माफिया ने इसका तोड़ खोज लिया और फर्जी कॉलोनियों में प्लॉटिंग के लिए नया तरीका अपनाते हुए सब रजिस्ट्रार कार्यालय, खैर से फर्जी तरीके से नक्शा पास दिखाकर प्लॉटिंग शुरू कर दी है। पूर्व में तत्कालीन एसडीएम खैर द्वारा अवैध घोषित की गई कॉलोनी के बिल्डरों ने फिर से कॉलोनी में प्लॉटिंग शुरू कर दी है। अवैध कॉलोनियों में अवैध प्लॉट खरीदने वाले दिल्ली, एनसीआर के खरीदारों ने प्लॉट का दाखिल खारिज कराने के लिए तहसील में संपर्क किया तो फर्जीवाडे की पोल खुल गई।
इन बैनामों के साथ सब-रजिस्ट्रार कार्यालय की मोहर एवं हस्ताक्षर युक्त नक्शा संलग्न था। तहसील खैर के अधिवक्ता चंद्रशेखर सारस्वत ने नक्शे को लेकर सब -रजिस्ट्रार को दिखाया तो उन्होंने इसको गलत एवं फर्जी बताया। इस पर अधिवक्ता की ओर से इसकी शिकायत मुख्यमंत्री एवं जिलाधिकारी से की है। इस संबंध में खैर सब रजिस्ट्रार कार्यालय के अफसरों ने कहा है कि किसी जालसाज द्वारा कार्यालय की फर्जी तरीके से मोहर बनवाकर नक्शों पर लगाई गई है। नक्शा पास कराने से कार्यालय का कोई संबंध नहीं हैं। उनका कहना है कि नक्शा पास करने का कार्य नगर पालिका, नगर पंचायत, नगर निगम विकास प्राधिकरण का है।
ग्राम समाज की भूमि पर कर लिया था कब्जा
टप्पल के किसान नेताओं की शिकायत पर जिला प्रशासन ने 25 नवंबर 2022 को तत्कालीन एसडीएम अनिल कटियार के नेतृत्व में राजस्व टीम से इसकी जांच कराई गई। जांच में सामने आया कि दिल्ली, नोएडा के भू- माफियाओं ने ग्राम समाज की भूमि पर अवैध कब्जा कर वहां अवैध कॉलोनी बसाते हुए फर्जी तरीके से महंगे दामों में प्लॉट बेच डाले। इसमें खैर तहसील से जुड़े दलालों की भी भूमिका थी। इस पर तत्कालीन एडीएम वित्त एवं राजस्व अमित कुमार भट्ट ने जांच कराई तो जमीनों के फर्जीवाड़े का खेल सामने आया था। कई बिल्डरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। टप्पल के ही लालपुर एवं आसपास के गांवों की करीब 560 बीघा भूमि पर भी कुछ भू- माफिया ने अवैध कब्जा कर लिया था। इस जमीन को कब्जा मुक्त कराते हुए राजस्व अभिलेखों में ग्राम पंचायत की जगह के रूप में दर्ज किया गया है।
टप्पल में यदि सरकारी जमीनों का फर्जी नक्शे के आधार पर विकसित कर अवैध कॉलोनियां बनायी जा रही हैं एवं बिल्डरों द्वारा फर्जीवाड़ा किया जा रहा है तो इसकी जांच करायी जाएगी। जो भी दोषी पाया जाएगा उनके खिलाफ प्रभावी कार्रवाई अमल में लायी जाएगी। – मीनू राणा, एडीएम वित्त एवं राजस्व
[ad_2]
Source link