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उन्नाव। प्राइमरी स्कूलों में अध्ययनरत बालिका पावर एंजिल और हर बालक में मॉनीटर के गुण विकसित किए जाएंगे। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग उच्च प्राथमिक विद्यालयों में मीना मंच और प्राथमिक स्कूलों में बाल संसद का गठन किया जाएगा।
नई शिक्षा नीति के तहत एक कार्ययोजना तैयार की गई है। इसका उद्देश्य 6 से 14 साल तक के बालक बालिकाओं को मानसिक एवं सामाजिक रूप से पूरी तरह से दक्ष बनाना है। मीना मंच के माध्यम से बालिकाओं में नेतृत्व तथा अभिव्यक्ति की क्षमता शक्ति बढ़ाने के साथ साथ उन्हें विभिन्न कौशल में पारंगत करना है। मंच के माध्यम से सामाजिक और आर्थिक दृष्टि से पिछड़ी सभी बालिकाओं को विद्यालय में नामांकित कराने के लिए स्कूलों में मीना मंच का संचालन किया जाएगा।
इसी प्रकार से बालकों में उनके आसपास के परिवेश के प्रति जिम्मेदारी का भाव विकसित करने के लिए प्राथमिक स्कूलों में बाल संसद का गठन कर उसे सक्रिय किया जाएगा। बीएसए संजय तिवारी ने बताया कि नई शिक्षानीति के तहत इन कार्यक्रमों को स्कूल खुलने पर लागू करने के निर्देश हैं। इसकी तैयारियां चल रही हैं। जैसे ही छात्र स्कूल आना शुरू होंगे मीना मंच के साथ बाल संसद का गठन किया जाएगा।
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