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बाएं से गोरखपुर के माफिया अजीत शाही, राकेश यादव, सुधीर सिंह और विनोद उपाध्याय।
– फोटो : अमर उजाला।
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यूपी के बदमाशों की टॉप सूची में शामिल माफिया विनोद उपाध्याय को पकड़ने में पुलिस को नाकामी हाथ लगी है। पुलिस ने विनोद के भतीजों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया है। रिश्तेदारों के घर दबिश दी, लेकिन माफिया और उसके भाई संजय का कोई सुराग नहीं मिला है।
उधर, सिंचाई विभाग के दो इंजीनियरों से पूछताछ के बाद अब सभी माफिया के खातों का रिकॉर्ड पुलिस जुटा रही है। ताकि यह पता चल सके कि ठेके के खेल में अंडरग्राउंड होकर कौन-कौन से माफिया सक्रिय हैं और सरकारी विभागों के अधिकारी उन्हें क्या लाभ पहुंचा रहे हैं। पूरे वसूली तंत्र का खुलासा करने की तैयारी जोरों पर है।
माफिया विनोद उपाध्याय और उसका भाई संजय उपाध्याय रंगदारी के मामले में फरार हैं। दोनों पर एसएसपी ने 25 हजार का इनाम भी घोषित किया है। गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने विनोद उपाध्याय के शाहपुर स्थित आवास पर दबिश दी थी और उसके दो भतीजे को हिरासत में लेकर देवरिया स्थित उसके ससुराल भी गई थी। भतीजों से पूछताछ के बाद पुलिस ने कई रिश्तेदारों का नाम पता हासिल किया है, जिसके बाद घर पर पुलिस ने दबिश दी है।
पुलिस ने इस बीच दो इंजीनियर और एक प्रॉपर्टी डीलर से भी पूछताछ की है, जिसमें कई अहम जानकारियां हासिल हुई हैं। पुलिस माफिया विनोद उपाध्याय, राकेश यादव, सुधीर सिंह और अजीत शाही के बैंक खातों की जांच कराएगी। बैंक के जरिए पुलिस इस बात का सबूत जुटाएगी की किस-किस से लेनदेन हुआ है और किस-किस मद में कहां-कहां से खातों में रुपये आए हैं।
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