Who is Brij Bhushan: यूपी के पांच जिलों में है बृजभूषण का असर, दाऊद गैंग से रिश्तों के आरोप में जेल जा चुके

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राम मंदिर आंदोलन का दौर चल रहा था। अब के अयोध्या और तब के फैजाबाद में आंदोलनकारियों और कारसेवकों की मदद करने वालों में एक बड़ा नाम बृजभूषण शरण सिंह का भी था। उस वक्त वे सांसद बन चुके थे, लेकिन 1993 में एक ऐसी घटना घटी, जिसमें उन पर अंडरवर्ल्ड के माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गों को संरक्षण देने का आरोप लगा।

बृजभूषण शरण को जेल हुई, लेकिन बाद में बरी भी कर दिए गए। बृजभूषण शरण सिंह के बारे में उत्तर प्रदेश के राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि वे सिर्फ सांसद ही नहीं हैं, बल्कि आसपास के पांच-सात जिलों में उनकी सियासी धमक भी बहुत मजबूत है।  

कोई माफिया तो कोई रॉबिनहुड कहता है

बृजभूषण शरण सिंह बहराइच के कैसरगंज से सांसद हैं। उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार और करीब तीन दशक तक क्राइम रिपोर्टिंग करने वाले मनीष मिश्रा कहते हैं कि बृजभूषण शरण सिंह की उत्तर प्रदेश में दबंग और रॉबिनहुड जैसी इमेज है। उनका कहना है कि बृजभूषण शरण पर कई मुकदमे दर्ज हुए। कुछ मामलों में वे बरी हो गए, कुछ अभी चल रहे हैं। मनीष कहते हैं कि जब वे उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में क्राइम रिपोर्टिंग करते थे। बृजभूषण शरण सिंह पर दाऊद इब्राहिम के गुर्गों को संरक्षण देने का आरोप लगा। बाद में उन्हें टाडा के अंतर्गत तिहाड़ जेल में बंद किया गया। उन पर हत्या-डकैती समेत कई मुकदमे दर्ज हुए।

कल्पनाथ राय की भी चली गई थी कुर्सी

वरिष्ठ पत्रकार मनीष मिश्रा कहते हैं कि जिस दौर में बृजभूषण शरण सिंह पर डी कंपनी से संबंध के आरोप लगे थे, उस वक्त अंडरवर्ल्ड में दाऊद की तूती बोलती थी। मनीष कहते हैं कि दाऊद इब्राहिम के बहनोई इब्राहिम कासकर को उस वक्त के अंडरवर्ल्ड माफिया अरुण गवली के लोगों ने मार दिया था। इसका बदला लेने के लिए दाऊद के गुर्गों समेत छोटा राजन, छोटा शकील और सुभाष ठाकुर ने अरुण गवली के शूटर शैलेश हाल्दानकर और विपिन की हत्या कर दी। इस हत्या के बाद अचानक उत्तर प्रदेश का गोंडा जिला सबसे ज्यादा चर्चा में आ गया। मनीष मिश्रा कहते हैं आरोप लगा कि हत्याकांड में शामिल शार्प शूटरों को बृजभूषण शरण सिंह ने पनाह दी। इस पूरे घटनाक्रम के बाद बृजभूषण शरण सिंह को टाडा कानून के तहत जेल में बंद कर दिया गया। उनके साथ तत्कालीन केंद्रीय मंत्री और मऊ जिले की घोसी सीट से सांसद कल्पनाथ राय को भी सह आरोपी बनाया गया। बाद में कल्पनाथ राय की कुर्सी भी चली गई।

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जब अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा- सावरकर को याद करो

उत्तर प्रदेश की राजनीति को करीब से समझने वाले राजनीतिक जानकारों का कहना है कि बृजभूषण शरण सिंह की संघ से लेकर भारतीय जनता पार्टी में जबरदस्त पैठ रही। राजनीतिक विश्लेषक जटाशंकर सिंह कहते हैं, यही वजह थी जब बृजभूषण शरण सिंह जेल में बंद थे तो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें चिट्ठी लिखकर वीर सावरकर को याद करने को कहा था। वाजपेयी ने चिट्ठी में लिखा था कि अगर अच्छे दिन नहीं रहे तो बुरे दिन तो बिल्कुल नहीं रहेंगे। इसलिए आप हिम्मत बनाए रखिए। जेल में पढ़ने और संगीत सुन कर खुश रहने का मंत्र भी अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें दिया था।

भाजपा भी सीधे हाथ डालने से कतराती है

उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार मनीष मिश्रा कहते हैं कि बृजभूषण शरण सिंह की तूती सिर्फ अपनी लोकसभा में ही नहीं बोलती, बल्कि अयोध्या, गोंडा, श्रावस्ती, बहराइच और बलरामपुर आसपास के कई जिलों में बृजभूषण शरण सिंह का वजूद कायम है। राजनीतिक विश्लेषक जीडी शुक्ला कहते हैं कि बृजभूषण शरण सिंह पर इतना विवाद होने के बाद भी भाजपा सीधे तौर पर हाथ इसलिए नहीं डाल पा रही है, क्योंकि सिंह का वजूद आसपास के जिलों की कई लोकसभा सीटों समेत दर्जनों विधानसभाओं पर मजबूत है। शुक्ला कहते हैं कि 1996 में जब बृजभूषण शरण सिंह की जगह उनकी पत्नी केतकी सिंह को टिकट दिया गया, तो भी वे भारी मतों से कांग्रेस प्रत्याशी को हराकर संसद पहुंची थीं।

पार्टी का चुनाव चिह्न लेते हैं बृजभूषण, जीतते तो अपने दम पर हैं

बृजभूषण शरण सिंह के बारे में गोंडा और बहराइच के राजनीतिक जानकार कहते हैं कि वैसे तो भाजपा और संघ से बृजभूषण की बहुत नजदीकियां हैं, लेकिन उनके बारे में दूसरा पहलू यह भी कहा जाता है कि वे महज पार्टी का चुनाव चिह्न लेते हैं और अपने रसूख की बदौलत अपनी ही नहीं, बल्कि आसपास के करीब आधा दर्जन जिलों के चुनावों में भी कई नेताओं की नैया पार लगा देते हैं। हालांकि, इसको लेकर अन्य पार्टी के नेताओं का कहना है कि यह महज बृजभूषण शरण सिंह की उनके लोगों द्वारा ऐसी इमेज बनाने की कोशिश है।

समाजवादी पार्टी से ताल्लुक रखने वाले बहराइच के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि अगर इतना ही दबदबा है, तो वे अपने आसपास के सभी जिलों की सभी विधानसभा सीटों पर भाजपा के विधायक क्यों नहीं बनवा पाए?

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