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यूपी पुलिस।
– फोटो : अमर उजाला।
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अलीगढ़ की खैर तहसील के समाधान दिवस में चार दिन पहले फर्जी एसडीएम पकड़े जाने के मामले में थाना पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं। पुलिस ने पहले तो अधिकारियों के निर्देश के बावजूद मुकदमा दर्ज करने में देरी की और बाद में उसे नोटिस थमा कर थाने से ही छोड़ दिया। इसे लेकर एसएसपी ने एसपी देहात को जांच सौंपी है।
खुद एसएसपी कलानिधि नैथानी ने इस बात का संज्ञान लिया कि जब पहले दिन फर्जी एसडीएम बनकर आया युवक पकड़ा गया। उसी दिन अधिकारियों ने मुकदमे के निर्देश दे दिए थे और मीडिया को भी जानकारी दे दी थी। बावजूद इसके अगले दिन थाना पुलिस ने उसका बिना मुकदमा दर्ज किए शांति भंग में चालान किया। जब उसे एसडीएम के समक्ष पेश किया तो वहां उसका रिमांड नहीं लिया गया और मामला वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचा।
इसके बाद मुकदमा तो पुलिस ने दर्ज कर लिया। मगर तीसरे दिन उसे जेल भेजने के बाद विवेचना में सहयोग करने का नोटिस देकर छोड़ दिया गया। इस प्रकरण को एसएसपी ने गंभीरता से लेते हुए थाना पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़ा किया है। पूरे मामले में एसपी देहात को जांच सौंपते हुए उनसे रिपोर्ट तलब की है। उस रिपोर्ट के आधार पर आगे कार्रवाई तय की जाएगी।
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