Unnao News: चालक की हत्या कर लूटी डीसीएम, बेचने में धरे गए

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उन्नाव। बदायुं टोलप्लाजा पर सवारी बन बैठे तीन वाहन लुटेरों ने सीतापुर के पास चालक की हत्या कर दी। शव को गाड़ी में डाल लिया। लुटेरों ने उन्नाव पहुंचकर एक युवक से घटना की जानकारी और डीसीएम बिकवाने के लिए मदद मांगी। हत्या की जानकारी होने पर युवक ने पुलिस को सूचना दे दी। रविवार रात लखनऊ-कानपुर हाईवे पर गदन खेड़ा बाईपास चौराहा के पास पुलिस ने लुटेरों को दबोच लिया। डीसीएम से चालक का शव भी बरामद किया। गाड़ी पर लिखे नंबर से मालिक और चालक के परिजनों से संपर्क किया। मंगलवार शाम मृतक के परिजन जिला अस्पताल पहुंचे। मृतक के बेटे ने शव की पहचान की और लुटेरों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई।

उत्तराखंड के उधमसिंह नगर के जसपुर ढाड़ीपुरा निवासी विजेंद्र सिंह (40) डीसीएम चालक था। वह काशीपुर जिले के महेशपुर जीत कालोनी निवासी धीरज सिंह की डीसीएम चलाता था। रविवार को विजेंद्र डीसीएम में धागा लादकर भदोही जिला जाने के लिए निकला था। बदायूं जिले में टोल प्लाजा पार करने के बाद उसे हाईवे किनारे तीन युवक खड़े मिले। सभी ने लखनऊ तक जाने की बात कही तो उसने उन्हें बैठा लिया। लुटेरों ने सीतापुर के पास सुनसान स्थान पर चालक को बंधक बना लिया और सिर पर लोहे की रॉड से वार कर हत्या कर दी। इसके शव को डीसीएम में ही छिपा लिया और उन्नाव में रहने वाले एक युवक से डीसीएम बेचने में उसकी मदद मांगी। युवक पुलिस के संपर्क में होने से मुखबिरी कर दी। मामला पुलिस तक पहुंचा तो सदर कोतवाली और दही थाना पुलिस सक्रिय हुई। युवक के माध्यम से डीसीएम को उन्नाव लाने की बात कहलाई। रविवार रात करीब 1:30 बजे डीसीसीएम जैसे ही गदनखेड़ा बाईपास पहुंची पुलिस ने रोका और तीनों हत्यारोपी लुटरों को दबोच लिया और डीसीएम से शव बरामद किया। लुटेरों को दही थाने ले जाकर कड़ाई से पूछताछ की। लूटेरों ने अपना नाम अलीगढ़ जिला निवासी राहुल, दूसरे ने खुर्जा निवासी रवी और तीसरा बिहार के दरभंगा निवासी चंदन है। तीनों ने घटना की पूरी जानकारी देने के साथ ही पूर्व में इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने की बात कबूली है। कोतवाली प्रभारी अश्वनी कुमार मिश्रा ने बताया कि मृतक के बेटे निखिल ने शव की पहचान की और उसकी तहरीर पर तीनों लूट और हत्या की रिपोर्ट दर्ज की गई है।

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पहले डीजे का काम करते थे तीनों हत्यारोपी, ऐसे मुखबिर के संपर्क में आए

पुलिस के हत्थे चढ़े तीनों लुटेरे व हत्यारोपी हैदराबाद शहर निवासी कल्लू के साथ मिलकर डीजे का काम करते थे। करीब छह महीने से तीनों आरोपी कल्लू से गाडिय़ों के खरीदफरोख्त का काम शुरू करने की बात कह अलग हो गए थे। रविवार रात चालक की हत्या के बाद डीसीएम कटवाने के लिए हत्यारोपियों ने कल्लू को फोन किया। कल्लू को इनकी हकीकत पहले से पता होने से उसने तीनों को फंसाने की योजना बनाई। उन्हें उन्नाव निवासी रिश्तेदार जो कि पुलिस के मुखबिर थे उन्हें गाड़ी कटवाने वाला बता मोबाइल नंबर दे दिया। लूटेरों ने उनसे संपर्क किया और पुलिस के हत्थे चढ़ गए।

हत्यारोपियों का शिकार हुआ चालक था परिवार का सहारा

मृतक विजेंद्र सिंह परिवार का सहारा था। मृतक के बेटे निखिल ने बताया कि पिता डीसीएम चलाकर ही हम लोगों का खर्च उठाते थे। घर में खेती भी अधिक नहंी है। वह दो भाईयों में बड़े थे। पत्नी उर्मिला के साथ तीन बच्चों में दो बेटी और एक बेटा है।

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