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बरेली में महिला की हत्या
– फोटो : अमर उजाला
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बरेली के शाही में तीन दिन से लापता कुल्छा गांव की महिला धानवती का क्षत-विक्षत शव सोमवार सुबह गन्ने के खेत में मिलने के बाद भी पुलिस उसे हत्या नहीं मान रही। पुलिस का कहना है कि शव सड़ा-गला होने की वजह से पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या के तथ्य स्पष्ट नहीं हैं। गर्दन पर गहरा घाव जरूर है। इसलिए अभी जांच जारी है। विसरा रिपोर्ट आने का इंतजार है।
पुलिस के इस तर्क पर गांव वालों और परिजनों ने सवाल उठाए हैं कि यदि हत्या नहीं हुई तो क्या धानवती सड़क पर चलते हुए खुद गन्ने के खेत में चली गईं? गर्दन रेत ली? हाथ-पैर काट लिए और मर गईं? यदि उन्हें जान देनी होती तो गांव से दूर गन्ने के खेत में ही क्यों जाती?
अस्पताल से लौटते समय यदि वह अचानक गायब हो गईं और शव खेत में मिला है तो इसका मतलब यही है कि उनके साथ वारदात हुई है। एक हाथ की कलाई और एक पैर का पंजा हड्डी समेत कटा है। यह स्थिति किसी जानवर के नोचने वाली नहीं है। घटनास्थल पर गन्ने टूटे मिलने से संघर्ष होने की बात भी प्रतीत हो रही है।
गांव पहुंचे सीओ और एसओ, की पूछताछ
मंगलवार को सीओ मीरगंज हर्ष मोदी और एसओ बलवीर सिंह ने गांव पहुंचकर परिजनों व अन्य लोगों से बात ही। सीओ ने मृतका के पति व पुत्र से अलग-अलग काफी देर तक महिला के बारे में कई बिंदुओं पर चर्चा की। एसओ ने इसी रास्ते पर बैठने वाले तांत्रिक से जानकारी जुटाने की कोशिश की। वह भी कुछ नहीं बता सका। करीब तीन घंटे पड़ताल करने के बाद पुलिस लौट गई। एसओ ने बताया कि धानवती जिस लौंग को सही कराने सराफ के पास गई थीं, वह भी शव के पास पॉलिथिन में मिल गई है।
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