यूपी के विभिन्न क्षेत्रों के साथ ही दिल्ली, नोएडा समेत लगभग पूरे देशभर में इस समय आंखों के रोगी बढ़ गए हैं। हर अस्पताल में इस समय संक्रामक बीमारी कंजक्टिवाइटिस आई फ्लू के रोगी आपको मिल जाएंगे। हालांकि, ये स्थिति इस बार की नहीं है बल्कि, हर बार बारिश के बाद कंजक्टिवाइटिस आई फ्लू की समस्या बढ़ जाती है। इसमें इंफेक्शन की वजह से आंखें गुलाबी हो जाती हैं और फिर इनमें से पानी आने लगता है। समय के साथ आंखों में सूजन और दर्द भी होने लगता है।
मॉनसून में बैक्टीरिया, वायरस और क्लैमाइडिया इंफेक्शन का खतरा ज्यादा होता है। दरअसल, इस मौसम में ह्यूमिडिटी की वजह से वायरस को जहां फैलने का मौका मिलता है वहीं, नमी की वजह से इंफेक्शन हमारे बीच लंबे समय तक के लिए रहता है। ऐसा ही कुछ कंजक्टिवाइटिस के साथ भी है। ये एडेनोवायरस, हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस और वैरिसेला जोस्टर जैसे वायरस की वजह से होता है। पर इस मौसम में ज्यादा पसीना आने की वजह से लोग अपनी आंखों को बार-बार छूते हैं और ये इंफेक्शन फैलने लगता है। यदि आपको कंजक्टिवाइटिस हो गया है तो आपको सबसे पहले बाकी लोगों से दूरी बनाते हुए एक काला चश्मा पहन लेना चाहिए। इसके अलावा कॉन्टेक्ट लेंस, तौलिया और रूमाल के इस्तेमाल से बचें। स्वीमिंग करने न जाएं और ज्यादा धूप में न निकलें। भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।
कंजक्टिवाइटिस से बचने के उपाय
बार बार अपनी आंखों को छूने से परहेज करें, आंखों की ठंडे पानी से सफाई करते रहें, अपने तौलिए और रूमाल को किसी के साथ शेयर न करें, घर से बाहर निकलते समय चश्मा पहने रहें, अपने तकिए का कवर साफ रखें और इसे बदलते रहें, आंखों में काजल और मस्कारा आदि लगाते समय मेकअप टूल्स की साफ-सफाई का खास ध्यान रखें, आई लैंस की सफाई का खास ध्यान रखें आदि। इस इंफेक्शन से बचने का एक उपाय ये भी है कि आप इसके लक्षणों को देखते ही सतर्क हो जाएं और दूसरों से खुद को अलग करके चिकित्सक से सम्पर्क करें। अगर आपकी आंखें लाल हो रही हैं, आंखों में चुभन और खुजली है तो लोगों से दूरी बनाएं। इसके अलावा अगर आपकी आंखें चिपक रही हैं या इनमें सूजन है और लाइट सेंसिटिविटी हो रही है तो भी चिकित्सक के पास जाकर अपनी जांच अवश्य करवाएं।