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सफीपुर। तहसील क्षेत्र के टिकरेश्वर महादेव मंदिर परिसर में चल रही सात दिवसीय संगीतमय भागवत कथा में रविवार को राम जन्म का प्रसंग सुनाया गया।
कथा वाचक आचार्य पंडित वेदव्यास ने कहा कि जब-जब इस धरती पर आसुरी शक्तियां बढ़ीं, उनका नाश करने के लिए भगवान ने अवतार लिया। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जन्म भी धर्म की रक्षा के लिए हुआ था।
उन्होंने कहा कि संसार में जितने भी असुर हुए, सभी ने ईश्वर के अस्तित्व को नकार दिया और खुद भगवान बनने का ढोंग करने लगे। लेकिन जब ईश्वर ने अपनी सत्ता की झलक दिखाई तो सभी का अस्तित्व समाप्त हो गया।
कथा आयोजक यजमान शमशेर सिंह, बाबू सिंह, रणवीर व रणविजय सिंह ने बताया कि शिवरात्रि पर भंडारे का आयोजन होगा।
औरास ब्लॉक क्षेत्र के गांव बिसवल स्थित जंगलेश्वर महादेव मंदिर में चल रहे महायज्ञ और रामकथा का रविवार को समापन हो गया।
नैमिषारण्य के वेद प्रकाश शास्त्री और हरिद्वार से आए प्रेमशंकर मिश्र ने श्रद्धालुओं से पूर्णाहुति कराई। वृंदावन धाम र्से आइं भागवत कथा व्यास राधाकिशोरी और राधिकाशरण महाराज ने श्रद्धालुओं को जटायु और रावण की कथा सुनाई।
दोपहर को भंडारे में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। आयोजक महंत गिरीशदास ने सभी का आभार जताया। इस दौरान पप्पू सिंह, दीपू सिंह, बाबूलाल यादव, अवधेश, रामबालक, प्रदीप, अनुराग उपस्थित रहे।
सफीपुर। तहसील क्षेत्र के टिकरेश्वर महादेव मंदिर परिसर में चल रही सात दिवसीय संगीतमय भागवत कथा में रविवार को राम जन्म का प्रसंग सुनाया गया।
कथा वाचक आचार्य पंडित वेदव्यास ने कहा कि जब-जब इस धरती पर आसुरी शक्तियां बढ़ीं, उनका नाश करने के लिए भगवान ने अवतार लिया। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जन्म भी धर्म की रक्षा के लिए हुआ था।
उन्होंने कहा कि संसार में जितने भी असुर हुए, सभी ने ईश्वर के अस्तित्व को नकार दिया और खुद भगवान बनने का ढोंग करने लगे। लेकिन जब ईश्वर ने अपनी सत्ता की झलक दिखाई तो सभी का अस्तित्व समाप्त हो गया।
कथा आयोजक यजमान शमशेर सिंह, बाबू सिंह, रणवीर व रणविजय सिंह ने बताया कि शिवरात्रि पर भंडारे का आयोजन होगा।
औरास ब्लॉक क्षेत्र के गांव बिसवल स्थित जंगलेश्वर महादेव मंदिर में चल रहे महायज्ञ और रामकथा का रविवार को समापन हो गया।
नैमिषारण्य के वेद प्रकाश शास्त्री और हरिद्वार से आए प्रेमशंकर मिश्र ने श्रद्धालुओं से पूर्णाहुति कराई। वृंदावन धाम र्से आइं भागवत कथा व्यास राधाकिशोरी और राधिकाशरण महाराज ने श्रद्धालुओं को जटायु और रावण की कथा सुनाई।
दोपहर को भंडारे में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। आयोजक महंत गिरीशदास ने सभी का आभार जताया। इस दौरान पप्पू सिंह, दीपू सिंह, बाबूलाल यादव, अवधेश, रामबालक, प्रदीप, अनुराग उपस्थित रहे।
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