- आंख मिचौली बंद करके आंख से आंख मिलाकर बात करने का समय है- पीएम मोदी
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में उन तीन बुराइयों को जिक्र किया जिससे देश को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है। पीएम मोदी ने इन बुराइयों को दूर करने का संकल्प लिया। पीएम मोदी ने देशवासियों से अपील की कि वे इन बुराइयों के खिलाफ अपनी लड़ाई को मजूबत करें।
पीएम मोदी ने कहा- ‘आंख मिचौली बंद करके आंख से आंख मिलाकर बात करने का समय है। भ्रष्टाचार से मुक्ति की जंग हर क्षेत्र में होना चाहिए। ये मेरे जीवन का कमिटमेंट है कि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ता रहूंगा। परिवारवाद ने देश को जकड़कर रखा है। देश के लोगों का हक छीना है। तुष्टिकरण ने देश के राष्ट्रीय चरित्र को तहस-नहस कर दिया है, दाग लगा दिया है। इन तीन बुराइयों के खिलाफ पूरे सामर्थ्य के साथ लड़ना है।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले से अपने संबोधन में कहा कि ‘अमृत काल‘ के दौरान लिए गए निर्णय और उठाए गए कदम आने वाली सहस्राब्दी को प्रभावित करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत ‘गुलामी की मानसिकता’ से बाहर निकल आया है और नए आत्मविश्वास एवं संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हम भाग्यशाली हैं कि आजादी के ‘अमृत काल’ में जी रहे हैं। इस ‘अमृत काल’ में हम जो निर्णय लेंगे, हमारे कार्य और बलिदान अगली सहस्राब्दी के गौरवशाली इतिहास का मार्ग प्रशस्त करेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस युग की घटनाएं अगली सहस्राब्दी को प्रभावित करेंगी।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में ‘जनसांख्यिकी, लोकतंत्र और विविधता’ है। उन्होंने कहा, ‘‘इन तीनों में सभी सपनों को पूरा करने की क्षमता है। जबकि अन्य देश बूढ़े हो रहे हैं, भारत युवा है। हमारे यहां दुनिया में सबसे ज्यादा युवा हैं।’’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने महंगाई को नियंत्रित करने के लिए ‘भरसक प्रयास’ किए और जनता के इस बोझ को कम से कम करने के लिए आने वाले दिनों में भी प्रयास जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया महंगाई के संकट से जूझ रही है और पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को महंगाई ने दबोच कर रखा है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘दुनिया अभी भी कोविड महामारी के प्रकोप से पूरी तरह उबर नहीं पाई है। युद्ध ने एक और समस्या पैदा कर दी है। दुनिया मुद्रास्फीति की समस्या से जूझ रही है। मुद्रास्फीति ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को जकड़ लिया है।‘‘
उन्होंने कहा, ‘‘हम भी दुनिया से, जिन सामानों की जरूरत होती है, लाते हैं। हम सामान तो आयात करते हैं, साथ ही महंगाई भी आयात करते हैं। पूरी दुनिया को महंगाई ने जकड़ कर रखा है।’’ मोदी ने कहा, ‘‘भारत ने महंगाई को नियंत्रित रखने के लिए भरसक प्रयास किए हैं। पिछले कालखंड की तुलना में हमें कुछ सफलता भी मिली है। लेकिन इतने से संतोष नहीं। दुनिया से हमारी चीजें अच्छी हैं, बस यही सोचकर हम नहीं रह सकते। मुझे तो, मेरे देशवासियों पर महंगाई का बोझ कम से कम हो, इस दिशा में और भी कदम उठाने हैं। हम उन कदमों को उठाते रहेंगे, मेरा प्रयास निरंतर जारी रहेगा।’’