निशानेबाजी में सिफ्ट कौर सामरा ने स्वर्ण पदक जीतकर बनाया वल्र्ड रिकार्ड, भारत का नाम किया रोशन

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हांगझोउ। युवा निशानेबाज सिफ्ट कौर सामरा ने महिला 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशन स्पर्धा में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीता जबकि भारतीय निशानेबाजों ने बुधवार को यहां एशियाई खेलों में दबदबा बनाते हुए सात पदक अपने नाम किए। सिफ्ट की ही स्पर्धा में आशी चैकसी ने 451.9 अंक के साथ कांस्य पदक जीता। आशी एक समय रजत पदक की दौड़ में शामिल थी। ईशा सिंह ने महिला 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में 34 अंक के साथ रजत पदक जीता। ईशा ने रजत पदक के दौरान अपनी सीनियर साथी मनु भाकर को भी पछाड़ा जो क्वालीफिकेशन में शीर्ष पर रहने के बाद पांचवें स्थान पर रहीं।

सिफ्ट ने 469.6 के विश्व रिकॉर्ड स्कोर के साथ स्वर्ण पदक जीता। वह राइफल थ्री पोजीशन में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय निशानेबाज भी बनीं। इससे पहले भाकर, ईशा और रिदम सांगवान की तिकड़ी ने टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता। निशानेबाजी के दिन के अंतिम फाइनल में अनंत जीत सिंह नरुका ने पुरुष स्कीट स्पर्धा में रजत पदक जीता। उन्होंने इससे पहले अंगद वीर सिंह बाजवा और गुरजोत खांगुरा के साथ मिलकर टीम स्पर्धा का कांस्य पदक भी जीता। नरुका, बाजवा और खांगुरा की तिकड़ी ने टीम स्पर्धा में 355 अंक के साथ तीसरा स्थान हासिल किया।

मेजबान चीन ने स्वर्ण पदक जबकि कतर ने रजत पदक जीता। नरुका ने व्यक्तिगत फाइनल के अंतिम दौर में 10 में से 10 अंक जुटाए लेकिन इसके बावजूद 60 में से 58 अंक ही बना पाए। कुवैत के अब्दुल्ला अलरशीदी ने 60 में से परफेक्ट 60 से विश्व रिकॉर्ड की बराबरी करते हुए स्वर्ण पदक जीता। कतर के नासिर अल-अतिया ने 46 अंक के साथ कांस्य पदक अपने नाम किया। भारत की महिला टीम हालांकि स्कीट स्पर्धा में चैथे स्थान पर रहते हुए स्पर्धा से बाहर हो गई। टीम स्पर्धा में कजाखस्तान, चीन और थाईलैंड शीर्ष तीन स्थान पर रहे। महिला थ्री पोजीशन में मेजबान देश चीन की कियोंगयुई झेंग ने 462.3 अंक के साथ रजत पदक जीता और भारतीय निशानेबाजों को पहले दो स्थानों पर आने से रोका।

सिफ्ट ने क्वालीफिकेशन में 600 में से 594 अंक से चीन की शिया सियु के साथ एशियाई खेलों का रिकॉर्ड तोड़ा। चीन की खिलाड़ी हालांकि 10 अंक के अंदरूनी हिस्से में अधिक निशाने लगाकर शीर्ष पर रही। आशी ने 590 अंक के साथ छठे स्थान पर रहते हुए फाइनल में जगह बनाई। माणिनी 18वें स्थान पर रहीं। उन्होंने 580 अंक जुटाए। आशी, माणिनी और सिफ्ट की तिकड़ी ने क्वालीफिकेशन में 1764 अंक के साथ दूसरे स्थान पर रहते हुए रजत पदक अपने नाम किया। मेजबान चीन ने कुल 1773 अंक के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया जबकि दक्षिण कोरिया ने 1756 अंक के साथ कांस्य पदक जीता। महिला 25 मीटर पिस्टल में मनु, ईशा और रिदम की टीम कुल 1759 अंक के साथ टीम स्पर्धा में शीर्ष पर रही।

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चीन की टीम ने 1756 अंक के साथ रजत पदक जीता जबकि दक्षिण कोरिया की टीम 1742 अंक के साथ तीसरे स्थान पर रही। मनु ने क्वालीफिकेशन में कुल 590 अंक के साथ शीर्ष पर रहते हुए फाइनल में जगह बनाई। ईशा 586 अंक के साथ पांचवें स्थान पर रहते हुए फाइनल में पहुंची। रिदम (583) ने भी सातवां स्थान हासिल किया लेकिन वह फाइनल में नहीं पहुंची क्योंकि एक देश के दो निशानेबाजों को ही फाइनल में खेलने की अनुमति है। ईशा ने 25 मीटर रेंज में 34 अंक के साथ रजत पदक जतीा। चीन की रुइ ल्यू ने खेलों के रिकॉर्ड 38 अंक के साथ स्वर्ण पदक जीता जबकि दक्षिण कोरिया की जिन येंग 29 अंक के साथ कांस्य पदक अपने नाम करने में सफल रहीं।

ल्यू ने स्वर्ण पदक जीतने के दौरान भारत की राही सरनोबत के 34 अंक के रिकॉर्ड को भी तोड़ा। स्वर्ण पदक के मुकाबले में ईशा पांच निशानों में से तीन में चूक गई जबकि चीन की खिलाड़ी ने चार निशाने सही लगातार शीर्ष पर रहना सुनिश्चित किया। ईशा का पदक यहां निशानेबाजी में भारत का 10वां पदक है। भारत 2018 खेलों के अपने प्रदर्शन में सुधार कर चुका है जहां उसने नौ पदक जीते थे। हालांकि कोरिया की निशानेबाज का एक शॉट मिस होने से फाइनल में लंबे समय तक विलंब हुआ। जजों ने इसके बाद टारगेट का निरीक्षण किया और बैक अप टारगेट भी दिया जिससे कि पता चला सके कि निशानेबाज का निशाना चूका है या निशाना दर्ज करने में चूक गई।

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