ठहरो जरा…..यात्रा पर निकलने से पहले जरूर जान लें अपनी ट्रेन की स्थिति, रेल रोको प्रदर्शन के कारण दर्जनों ट्रेनें हुईं कैंसिल

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पंजाब में किसानों का तीन दिवसीय रेल रोको प्रदर्शन जारी रहने और कई जगहों पर रेल की पटरियों पर बैठने से कम से कम 92 ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई है। रेलवे द्वारा सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर दी गई जानकारी के मुताबिक, लोहिया खास एक्सप्रेस स्पेशल, कोटकापुरा-फाजिल्का डेमू एक्स्प्रेस स्पेशल, जालंधर सिटी-होशियारपुर डेमू स्पेशल समेत दर्जनों ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। बता दें कि किसानों ने हालिया बाढ़ से हुए नुकसान के लिए वित्तीय पैकेज, एमएसपी की कानूनी गारंटी और व्यापक कर्ज माफी की मांग को लेकर अपना विरोध प्रदर्शन शुरू किया।

रेलवे अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले गुरुवार को फिरोजपुर मंडल के तहत 91 ट्रेनों में से 51 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया था और 24 ट्रेनों को गंतव्य से पहले समाप्त किया गया था जबकि 5 ट्रेनों को प्रस्थान स्टेशन से आगे से चलाया गया। वहीं, 11 ट्रेनों का मार्ग परिवर्तित किया गया। शुक्रवार को ट्रेनों की स्थिति के बारे में भी रेलवे ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी कि किन रूटों पर कौन-कौन सी ट्रेनें कैंसिल की गई हैं या उन्हें डायवर्ट किया गया है। आप भी इस लिस्ट में ट्रेनों के आवागमन की मौजूदा स्थिति जान सकते हैं।

बता दें कि प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे केंद्र के खिलाफ 30 सितंबर तक अपना आंदोलन चलाएंगे। गुरुवार को मोगा, होशियारपुर, गुरदासपुर, जालंधर, तरन तारन, संगरूर, पटियाला, फिरोजपुर, बठिंडा और अमृतसर में 17 जगहों पर किसानों ने आंदोलन की शुरुआत की। अमृतसर में किसान देवीदास पुरा में अमृतसर-दिल्ली रेलवे ट्रैक पर बैठ गए। इस प्रदर्शन में किसान मजदूर संघर्ष समिति, भारतीय किसान यूनियन (क्रांतिकारी), भारतीय किसान यूनियन (एकता आजाद), आजाद किसान समिति दोआबा, भारतीय किसान यूनियन (बेहरामके), भारतीय किसान यूनियन (शहीद भगत सिंह) और भारतीय किसान यूनियन (छोटू राम) सहित कई किसान संगठन हिस्सा ले रहे हैं।

किसानों की मांग में उत्तर भारत में बाढ़ से प्रभावित किसानों के लिए वित्तीय पैकेज, सभी फसलों पर एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी और कर्ज माफी सहित अन्य मांगें शामिल हैं। अमृतसर में किसान नेता गुरबचन सिंह ने कहा कि किसानों और मजदूरों का पूरा कर्ज माफ होना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने यह भी मांग की कि खत्म हो चुके कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई थी, उनके परिवार को 10 लाख रुपये और एक परिजन को सरकारी नौकरी दी जाए।

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