Lucknow : पराली जलाने पर किसानों से न केवल जुर्माना वसूल किया जाएगा, बल्कि उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज होगा। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने इस सिलसिले में अफसरों को निर्देश दिए। मुख्य सचिव शुक्रवार को लोकभवन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मंडलायुक्तों व जिलाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं पर कड़ी निगरानी रखी जाए। किसानों को पराली प्रबंधन के उपायों के बारे में जानकारी मुहैया कराई जाए। उन्होंने कहा कि किसानों से पराली न जलाने की अपील की जाए। उन्होंने कहा कि राजस्व ग्राम के लिए लेखपालों की जिम्मेदारी तय की जाए। ग्राम न्याय पंचायत, विकास खंड, तहसील व जिला स्तरीय टीमों का गठन कर जन जागरूकता व प्रवर्तन की प्रभावी कार्रवाई की जाए। एकल कृषि यंत्र व फार्म मशीनरी बैंक का प्रयोग फसल अवशेष प्रबंधन के लिए किया जाए।
उन्होंने कहा कि किसानों को बताया जाए कि पराली जलाने की घटनाओं पर सैटेलाइट से लगातार निगरानी रखी जा रही है। पराली जलाने से कार्बन डाई ऑक्साइड व कार्बन मोनो ऑक्साइड जैसी जहरीली गैस निकलती है। इससे पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ता है, साथ ही सांस संबंधी कई बीमारियां फैलती हैं। पराली या फसलों के अवशेष को वेस्ट डिकम्पोजर के जरिए से खाद बनाकर उपयोग किया जा सकता है। बैठक में अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, सचिव कृषि राजशेखर सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।