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सार
कर्नाटक के छात्र नवीन की खारकीव में मौत और तीसरे दिन किसी भी छात्र के घर न लौटने से अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है। ताजनगरी के तीन बच्चे युद्धग्रस्त यूक्रेन के शहर खारकीव और राजधानी कीव में फंसे हुए हैं।
रूस और यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध में फंसे ताजनगरी के छात्र-छात्राओं के लिए संकट गहरा रहा है। खारकीव में फंसी अंजलि पचौरी दो दिन से भूखी प्यासी बंकर में छिपी है। निकल नहीं पा रही। वहीं, कीव में देवेंद्र व हार्दिक फंसे हुए हैं। इनके अलावा कीव में फंसी अदिति पोलैंड बॉर्डर पहुंच गई है, जबकि शोएब रोमानिया बॉर्डर के लिए निकल चुके हैं।
खारकीव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस प्रथम वर्ष की छात्रा अंजलि पचौरी 30 नवंबर 2021 को यूक्रेन गई थी। शास्त्रीपुरम निवासी अंजलि के पिता बृज गोपाल ने बताया कि बेटी खारकीव से नहीं निकल पा रही। चारों तरफ बमबारी हो रही है। हॉस्टल में बने बंकर में दो दिन से पानी पीकर जीवित है। खाना खत्म हो चुका है। उन्होंने कंट्रोल रूम व प्रशासन के इंतजामों पर भी सवाल खड़े किए हैं।
भारतीय दूतावास ने जारी की शहर छोड़ने की एडवायजरी
उधर, भारतीय दूतावास ने यूक्रेन की राजधानी कीव में फंसे सभी भारतीयों को तत्काल शहर छोड़ने की एडवायजरी जारी की है। ताजनगरी के चार छात्र कीव में फंसे थे। सभी एमबीबीएस के छात्र हैं। जिनमें बमरौली कटरा निवासी देवेंद्र सिंह राना और विमल विहार निवासी हार्दिक सिंह कीव से नहीं निकल पा रहे हैं।
देवेंद्र के साले सतेंद्र ने बताया कि कीव से निकलने के लिए कोई साधन नहीं मिल रहा है। वहां रुक-रुक कर मिसाइल हमले हो रहे हैं। दोपहर बाद देवेंद्र से कोई संपर्क नहीं हो सका है। केके नगर निवासी अदिति सिंह की बहन अंकिता ने बताया कि अदिति मंगलवार को कीव से निकल कर पोलैंड बॉर्डर पहुंच गई हैं, जबकि रुई की मंडी शाहगंज निवासी शोएब खान के अभिभावक विनय ने बताया कि रोमानिया बॉर्डर के लिए निकल चुके हैं।
आरोप : प्रशासन से नहीं मिला सहयोग
खारकीव में फंसी अंजलि के पिता बृज गोपाल ने बताया कि चार दिन से खारकीव से पोलैंड बॉर्डर 1200 और रोमानिया बॉर्डर 1700 किमी दूर है। पूरा शहर रूसी सैनिकों ने घेर रखा है। तीन दिन से मिसाइल और बम से हमले हो रहे हैं। चारों तरफ गोलीबारी हो रही है। उन्होंने कहा, मैंने अपनी बेटी को निकालने के लिए राज्य के नोडल अधिकारी रणवीर प्रसाद से संपर्क किया, परंतु कोई सहयोग नहीं मिला। कंट्रोल रूम व प्रशासन के इंतजाम नाकाफी हैं।
आशंका : कीव में हो सकता है बड़ा हमला
यूक्रेन की राजधानी कीव में बड़ा हमला हो सकता है। दूतावास ने सभी भारतीयों से तत्काल कीव छोड़ने के लिए कहा है। ऐसे में दो छात्र जो कीव में फंसे हुए हैं उन्हें लेकर परिजन व्याकुल हैं। उन्हें अपने बच्चों की चिंता सता रही है। मंगलवार को यूक्रेन पर रूसी हमले का पांचवां दिन था। ऐसे में आशंका जाहिर की जा रही है कि आगामी दो दिनों में युद्ध व्यापक रूप ले सकता है।
विस्तार
रूस और यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध में फंसे ताजनगरी के छात्र-छात्राओं के लिए संकट गहरा रहा है। खारकीव में फंसी अंजलि पचौरी दो दिन से भूखी प्यासी बंकर में छिपी है। निकल नहीं पा रही। वहीं, कीव में देवेंद्र व हार्दिक फंसे हुए हैं। इनके अलावा कीव में फंसी अदिति पोलैंड बॉर्डर पहुंच गई है, जबकि शोएब रोमानिया बॉर्डर के लिए निकल चुके हैं।
खारकीव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस प्रथम वर्ष की छात्रा अंजलि पचौरी 30 नवंबर 2021 को यूक्रेन गई थी। शास्त्रीपुरम निवासी अंजलि के पिता बृज गोपाल ने बताया कि बेटी खारकीव से नहीं निकल पा रही। चारों तरफ बमबारी हो रही है। हॉस्टल में बने बंकर में दो दिन से पानी पीकर जीवित है। खाना खत्म हो चुका है। उन्होंने कंट्रोल रूम व प्रशासन के इंतजामों पर भी सवाल खड़े किए हैं।
भारतीय दूतावास ने जारी की शहर छोड़ने की एडवायजरी
उधर, भारतीय दूतावास ने यूक्रेन की राजधानी कीव में फंसे सभी भारतीयों को तत्काल शहर छोड़ने की एडवायजरी जारी की है। ताजनगरी के चार छात्र कीव में फंसे थे। सभी एमबीबीएस के छात्र हैं। जिनमें बमरौली कटरा निवासी देवेंद्र सिंह राना और विमल विहार निवासी हार्दिक सिंह कीव से नहीं निकल पा रहे हैं।
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