प्रयागराज : जज के नाम से नैनी सेंट्रल जेल में भेजा फर्जी आदेश, बंदी की जेल बदलने को कहा गया, एक गिरफ्तार

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सार

सोनभद्र का रहने वाला विवेक सिंह करीब आठ महीनों से नैनी जेल में निरुद्ध है। उसे प्रशासनिक आधार पर सोनभद्र जेल से स्थानांतरित किया गया था। कुछ दिनों पहले नैनी जेल अधीक्षक के पास एक ईमेल आया।

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नैनी सेंट्रल जेल में जज के नाम से फर्जी आदेश भेजने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। जज के नाम पर फर्जी आईडी बनाकर जेल अधीक्षक को ईमेल भेजा गया। इसमें हत्या के मामले में निरुद्ध बंदी को स्थानांतरित करने की बात लिखी गई थी।

अधीक्षक की शिकायत पर साइबर थाना पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू की और फिर एक युवक को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि अब तक ईमेल भेजने वाले का पता नहीं चल सका है। पुलिस का कहना है कि उसकी तलाश की जा रही है।

सोनभद्र का रहने वाला विवेक सिंह करीब आठ महीनों से नैनी जेल में निरुद्ध है। उसे प्रशासनिक आधार पर सोनभद्र जेल से स्थानांतरित किया गया था। कुछ दिनों पहले नैनी जेल अधीक्षक के पास एक ईमेल आया। चौंकाने वाली यह है कि मेल जिस आईडी से भेजा गया, वह एक जज के नाम से बनाई गई थी। इसमें बंदी विवेक सिंह को सोनभद्र जेल भेजने की बात लिखी हुई थी।

आमतौर पर प्रशासनिक आदेशों की हार्ड कॉपी जेल में भेजी जाती है। ऐसे में शक होने पर जेल प्रशासन ने उच्चाधिकारियों के साथ ही जज को भी सूचना दी, जिनके नाम से आइडी बनाई गई थी। इसके बाद पता चला कि बंदी को स्थानांतरित कराने के लिए यह फर्जीवाड़ा किया गया है। इसके बाद जेल अधीक्षक ने तहरीर देकर साइबर थाने में अज्ञात में एफआईआर दर्ज कराई।

अपने नाम से लेकर जेल में पहुंचाया था सिम
केस दर्ज कर साइबर थाना पुलिस जांच पड़ताल में जुटी तो पता चला कि ईमेल आईडी बनाने के लिए जिस सिम का इस्तेमाल किया गया, वह गाजीपुर के सुजीत बिंद के नाम पर लिया गया। इसके बाद पुलिस उसकी तलाश में जुट गई और सटीक सूचना पर उसे गिरफ्तार भी कर लिया।

पूछताछ में सुजीत ने बताया कि उसने अपने नाम से सिम खरीदकर गाजीपुर जेल में बंद शिवा सिंह को दिया था। ईमेल आईडी किसने बनाई, इस बारे में वह कुछ नहीं बता पाया। जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। 

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शिवा उगलेगा राज, किसने बनाई आईडी
सूत्रों का कहना है कि साइबर थाने की पुलिस ने भले ही एक युवक को गिरफ्तार कर लिया हो, लेकिन फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड कौन है, इसका खुलासा होना अभी बाकी है। मामले के खुलासे के लिए पुलिस कोर्ट से अनुमति लेकर गाजीपुर जेल में बंद शिवा से पूछताछ करेगी।

उससे पूछताछ में ही पता चल सकेगा कि जज के नाम से फर्जी ईमेल आईडी किसने बनाई। इसके अलावा साइबर थाना पुलिस उस आईपी एड्रेस को भी ट्रेस करने में जुटी है, जिससे ईमेल भेजा गया। साइबर थाना प्रभारी राजीव तिवारी ने बताया कि एक युवक को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा मामले में संलिप्त अन्य लोगों का पता लगाया जा रहा है।

विस्तार

नैनी सेंट्रल जेल में जज के नाम से फर्जी आदेश भेजने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। जज के नाम पर फर्जी आईडी बनाकर जेल अधीक्षक को ईमेल भेजा गया। इसमें हत्या के मामले में निरुद्ध बंदी को स्थानांतरित करने की बात लिखी गई थी।

अधीक्षक की शिकायत पर साइबर थाना पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू की और फिर एक युवक को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि अब तक ईमेल भेजने वाले का पता नहीं चल सका है। पुलिस का कहना है कि उसकी तलाश की जा रही है।

सोनभद्र का रहने वाला विवेक सिंह करीब आठ महीनों से नैनी जेल में निरुद्ध है। उसे प्रशासनिक आधार पर सोनभद्र जेल से स्थानांतरित किया गया था। कुछ दिनों पहले नैनी जेल अधीक्षक के पास एक ईमेल आया। चौंकाने वाली यह है कि मेल जिस आईडी से भेजा गया, वह एक जज के नाम से बनाई गई थी। इसमें बंदी विवेक सिंह को सोनभद्र जेल भेजने की बात लिखी हुई थी।

आमतौर पर प्रशासनिक आदेशों की हार्ड कॉपी जेल में भेजी जाती है। ऐसे में शक होने पर जेल प्रशासन ने उच्चाधिकारियों के साथ ही जज को भी सूचना दी, जिनके नाम से आइडी बनाई गई थी। इसके बाद पता चला कि बंदी को स्थानांतरित कराने के लिए यह फर्जीवाड़ा किया गया है। इसके बाद जेल अधीक्षक ने तहरीर देकर साइबर थाने में अज्ञात में एफआईआर दर्ज कराई।

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