न्याय की आस में जिले से राजधानी तक का सफर और फिर आत्मदाह का प्रयास…………..

0
51

न्याय की जड़ें इतनी कमजोर होती जा रही हैं कि पीड़ित को परेषान होकर आत्मघाती कदम उठाना ही पड़ जाता है। यदि जनता को स्थानीय स्तर पर न्याय मिले तो राजधानी तक जाने की कोई जरूरत ही नहीं पड़ेगी और न कोई जाना ही चाहेगा। हम बात कर रहे हैं उन्नाव की। जी हां उन्नाव में न्याय न मिलने पर कई पीड़ितों द्वारा राजधानी पहुंचकर आत्मदाह का प्रयास किया जा चुका है।

ताजा मामला पुरवा कोतवाली क्षेत्र के एक गांव का है। बताया जाता है कि थाने के चक्कर काटकर परेषान हो चुकी महिला ने मंगलवार को सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ से मदद की गुहार लगाई, वहां पर ऐसा क्या हुआ कि पीड़िता ने सीएम के जनता दरबार से निकलने के बाद खुद को आग लगा ली। इस मामले ने जिले व राजधानी के अलावा पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया। इस मामले में जिला पुलिस के अलावा शासन तक से सवाल पूछे जाने लगे हैं। वहीं आनन फानन बिना दिनांक डाले उपजिलाधिकारी महोदय द्वारा भी कार्यवाही प्रति को वायरल कराया गया। लेकिन न्याय की आस अभी भी कोसों दूर नजर आ रही है। सभी अपना दामन दागदार होने से बचा रहे हैं।

2018 से प्रारम्भ हुआ यह सिलसिला अनवरत है जारी

– अप्रैल-2018 में माखी कांड की दुष्कर्म पीड़िता ने आरोप लगाया था कि उसके पिता को झूठे मुकदमे में फंसाया जा रहा है और हत्या की साजिश रची जा रही है। इसके बाद उसने परिवार सहित लखनऊ में सीएम आवास के सामने आत्मदाह की कोशिश की थी।

– जनवरी-2022 में सदर कोतवाली के कांशीराम कालोनी निवासी दलित युवती का अपहरण कर हत्या करने के मामले में उसके परिजनों ने लखनऊ पहुंचकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की गाड़ी के सामने छलांग लगाई थी। इसके बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

यह भी पढ़ें -  वेंकटेश प्रसाद के "एजेंडा पेडलर" चार्ज के बाद, भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीडियो चैट करना चाहते हैं। गति महान कहते हैं नहीं | क्रिकेट खबर

– वर्ष-2022 में पूर्व कैबिनेट मंत्री के भतीजे व सपा के पूर्व जिला महासचिव गंगाघाट कोतवाली क्षेत्र के आनंद नगर निवासी सुरेश पाल, उनके साथी जितेंद्र, बाबूलाल, पप्पू, धीरज आदि पर मनोहरपुर की दलित महिला मूर्ति देवी ने जमीन कब्जाने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें भी पीड़िता ने मई-2022 में मुख्यमंत्री के जनता दर्शन में आत्मदाह करने का प्रयास किया था। आनन-फानन अधिकारियों ने उसकी जमीन पर जाकर जांच की थी और आरोपियों पर रिपोर्ट दर्ज की थी।

– गंगाघाट कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला चंपापुरवा निवासी सुरेश का 14 वर्षीय बेटा अरुण निषाद का 28 फरवरी-2022 को कटरी स्थित सरसों के खेत में रक्तरंजित शव मिला था। न्याय न मिलने पर पूरा परिवार लखनऊ में विधानसभा के सामने आत्मदाह करने पहुंचा था। जहां मौजूद पुलिस कर्मियों ने सभी को पकड़ा था और मामले की उच्च स्तरीय जांच शुरू कराई गई थी।

– 12 दिसंबर-2023 को सोहरामऊ थानाक्षेत्र के हसनापुर गांव में हुए जमीनी विवाद में वीरेंद्र सिंह ने खुद पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा ली थी। इसमें कुछ दिनों के इलाज के बाद लखनऊ में उसकी मौत हो गई थी।

– 27 दिसंबर-2023 को एसपी कार्यालय परिसर में पुरवा कोतवाली क्षेत्र के भूलेमऊ गांव निवासी दलित श्रीचंद्र पुत्र रामस्वरूप ने आत्मदाह का प्रयास किया था। जिस पर परिवार के सदस्यों ने तत्कालीन सीओ व अन्य पर गंभीर आरोप लगाये थे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here