आगरा: बिना माचिस कोई आग जलाए तो इसे चमत्कार न समझें, अंधविश्वास-पाखंड से बचें, वैज्ञानिक नजरिए से देखें

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सार

आगरा के एमडी जैन इंटर कालेज में ‘अंधविश्वास उन्मूलन: चमत्कारों की वैज्ञानिक व्याख्या’  विषय पर वर्कशाप का आयोजन किया गया है। इसमें बिना माचिस आग जलाने जैसे चमत्कारों के वैज्ञानिक तथ्यों के बारे में जानकारी दी गई। 

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आगरा में क्षेत्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी केंद्र की ओर से राष्ट्रीय गणित दिवस के उपलक्ष्य में एमडी जैन इंटर कॉलेज, हरीपर्वत में ‘अंधविश्वास उन्मूलन: चमत्कारों की वैज्ञानिक व्याख्या’ विषय पर कार्यशाला हुई। इसमें चीफ रिसोर्सपर्सन व विज्ञान संचारक प्रमोद मिश्रा ने शिक्षकों को बताया कि जो लोग हवन कुंड में बिना किसी माचिस के आग लगाकर दिखाते हैं, वह कोई चमत्कार नहीं होता है। देसी घी के रूप में ग्लिसरीन से हवन कुंड में छिपाए हुए पोटैशियम परमैग्नेट पर अभिक्रिया से बिना माचिस जलाए अग्नि प्रज्ज्वलित करते हैं। 

प्रमोद ने एक रस्सी को काटकर जोड़ा। उन्होंने बताया कि हमारी ज्ञानेंद्रियों को भ्रमित करके चमत्कार दिखाया जाता है। उन्होंने कहा कि पाइप को एक आंख के सीध में रखकर दूसरे आंख के सामने हाथ रखने पर हाथ में छेद का एहसास होता है। इसी तरह से उन्होंने चावल से नजर उतारने का भी प्रदर्शन किया, जिस प्रक्रिया में चाकू चावल में फंस जाता है। बताया कि चाकू को चावल में चार-पांच बार ऊपर-नीचे करने पर चावल ठोस हो जाता है और चाकू चावल में फंस जाता है। 

अंधविश्वास हमें नकारात्मकता की ओर ले जाता है

उद्घाटन सत्र में वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. देवेंद्र शाह ने कहा कि आस्था एवं अंधविश्वास के बीच एक लकीर होती है। जनसमुदाय को इसे समझना जरूरी है। जहां आस्था हमें जीवन का सकारात्मक स्वरूप दिखाती है। वहीं, अंधविश्वास हमें नकारात्मकता की ओर ले जाता है। एमडी जैन इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य जीएल जैन ने कार्यशाला में सभी का स्वागत किया। 

उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि कार्यशाला में बताई गई बातों को जनसमुदाय तक पहुंचाने का काम करें। कार्यशाला समन्वयक डॉ. निखिल जैन ने कहा कि व्यक्ति को अपने दिमाग को पैराशूट की तरह खुला रखना चाहिए और आसपास होने वाली घटनाओं का वैज्ञानिक विश्लेषण करना चाहिए। कार्यशाला के पहले दिन 50 शिक्षकों ने प्रतिभाग किया। संचालन रीनेश मित्तल ने किया। 

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कपूर को हाथ व जीभ पर जलाकर दिखाया

कार्यशाला में कपूर को हाथ और जीभ पर जलाकर दिखाया गया। बताया गया कि कपूर सीधे ठोस से गैस में बदल जाता है। जीभ पर लार के कारण वह गरमी अवशोषित कर लेता है। इसलिए जीभ पर कपूर थोड़ी देर तक जलाया जा सकता है।  

विस्तार

आगरा में क्षेत्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी केंद्र की ओर से राष्ट्रीय गणित दिवस के उपलक्ष्य में एमडी जैन इंटर कॉलेज, हरीपर्वत में ‘अंधविश्वास उन्मूलन: चमत्कारों की वैज्ञानिक व्याख्या’ विषय पर कार्यशाला हुई। इसमें चीफ रिसोर्सपर्सन व विज्ञान संचारक प्रमोद मिश्रा ने शिक्षकों को बताया कि जो लोग हवन कुंड में बिना किसी माचिस के आग लगाकर दिखाते हैं, वह कोई चमत्कार नहीं होता है। देसी घी के रूप में ग्लिसरीन से हवन कुंड में छिपाए हुए पोटैशियम परमैग्नेट पर अभिक्रिया से बिना माचिस जलाए अग्नि प्रज्ज्वलित करते हैं। 

प्रमोद ने एक रस्सी को काटकर जोड़ा। उन्होंने बताया कि हमारी ज्ञानेंद्रियों को भ्रमित करके चमत्कार दिखाया जाता है। उन्होंने कहा कि पाइप को एक आंख के सीध में रखकर दूसरे आंख के सामने हाथ रखने पर हाथ में छेद का एहसास होता है। इसी तरह से उन्होंने चावल से नजर उतारने का भी प्रदर्शन किया, जिस प्रक्रिया में चाकू चावल में फंस जाता है। बताया कि चाकू को चावल में चार-पांच बार ऊपर-नीचे करने पर चावल ठोस हो जाता है और चाकू चावल में फंस जाता है। 

अंधविश्वास हमें नकारात्मकता की ओर ले जाता है

उद्घाटन सत्र में वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. देवेंद्र शाह ने कहा कि आस्था एवं अंधविश्वास के बीच एक लकीर होती है। जनसमुदाय को इसे समझना जरूरी है। जहां आस्था हमें जीवन का सकारात्मक स्वरूप दिखाती है। वहीं, अंधविश्वास हमें नकारात्मकता की ओर ले जाता है। एमडी जैन इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य जीएल जैन ने कार्यशाला में सभी का स्वागत किया। 

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