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सार
मैनपुरी के बेवर में महज 11 साल के बच्चे ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। इस घटना से परिजन और आस पड़ोस के लोग स्तब्ध हैं। बेटे का शव देखकर माता-पिता बेसुध हो गए। किसी तरह दोनों को रिश्तेदारों ने संभाला।
मैनपुरी के बेवर थाना क्षेत्र के गांव करपिया में शुक्रवार की दोपहर कक्षा छह के छात्र ने घर में फंदा लगाकर जान दे दी। परिजन बालक को अस्पताल ले गए। वहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। परिजन ने बगैर किसी पुलिस कार्रवाई के शव का अंतिम संस्कार कर दिया। 11 वर्षीय बालक के इस आत्मघाती कदम से हर कोई स्तब्ध है।
गांव करपिया निवासी संदीप भास्कर खेतीबाड़ी करते हैं। उनका 11 वर्षीय पुत्र नैतिक कक्षा छह का छात्र था। शुक्रवार को वह रोज की तरह स्कूल से घर आया और छत पर बने अपने कमरे में चला गया। दोपहर करीब एक बजे वह कमरे में पढ़ रहा था, वहीं माता-पिता नीचे कमरे में बैठे थे। इस बीच नैतिक की चीख सुनकर परिजन कमरे में पहुंचे तो उसे फंदे पर लटका देखा। उसे फंदे से उतारने के बाद स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया।
वहां चिकित्सकों ने नैतिक को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजन शव को लेकर घर आ गए। पुलिस को सूचना दिए बगैर ही परिजनों ने अंतिम संस्कार कर दिया। आत्महत्या की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी। थानाध्यक्ष सुरेश चंद्र शर्मा ने बताया कि घटना के संबंध में परिजनों की ओर से कोई सूचना नहीं दी गई है। मीडिया कर्मियों से ही घटना की जानकारी हुई है। पुलिस मामले की जांच करेगी।
आखिर क्यों 11 साल के बालक ने उठाया यह कदम
11 साल के नैतिक के साथ आखिर ऐसा क्या हुआ, जो उसे आत्मघाती कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा। इस सवाल का जवाब परिजन नहीं दे सके। आस पड़ोस के लोग और रिश्तेदार तरह-तरह के कयास लगा रहे थे। नैतिक ने घर के कमरे में रस्सी के सहारे छत पर लगे कुंडे में फंदा लगाया। बेटे का शव देखकर पिता संदीप भास्कर और मां सीता देवी बेसुध हो गए।
किसी तरह रिश्तेदारों और आस पड़ोस के लोगों ने उन्हें संभाला। परिजनों ने बताया कि तीन भाई बहन में नैतिक दूसरे नंबर का था। बड़ी बहन 14 वर्षीय निहारिका के अलावा आठ वर्षीय छोटा भाई रौनक है। नैतिक काफी होनहार छात्र व माता पिता का लाड़ला था। उसकी मौत से जहां परिवार के लोग दुखी हैं, वहीं आसपास के लोग भी स्तब्ध हैं।
स्टंट तो नहीं कर रहा था मासूम
नैतिक के आत्महत्या करने की वजह परिजन नहीं बता सके। रिश्तेदार और आसपड़ोस के लोग तरह-तरह के कयास लगा रहे थे। बच्चा हंसता खेलता था अपनी पढ़ाई करता था। चर्चा करते हुए आस पड़ोस के लोगों ने कहा कि कहीं स्टंट तो नहीं कर रहा था बच्चा, जिससे उसकी जान चली गई।
बच्चों से संवाद बनाएं
जिला अस्पताल के बालरोग विशेषज्ञ डॉ. अभिषेक दुबे ने घटना पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि मोबाइल फोन, गेम और टीवी बच्चों पर विपरीत प्रभाव डाल रहे हैं। पढ़ाई को लेकर भी बच्चे तनाव में रह रहे हैं। मां-बाप को अपने बच्चों के साथ संवाद बनाना चाहितए। उनके मन में क्या चल रहा है तथा स्कूल के माहौल आदि की जानकारी लेनी चाहिए। कुल मिलाकर मां-बाप को बच्चों के समय देना चाहिए।
विस्तार
मैनपुरी के बेवर थाना क्षेत्र के गांव करपिया में शुक्रवार की दोपहर कक्षा छह के छात्र ने घर में फंदा लगाकर जान दे दी। परिजन बालक को अस्पताल ले गए। वहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। परिजन ने बगैर किसी पुलिस कार्रवाई के शव का अंतिम संस्कार कर दिया। 11 वर्षीय बालक के इस आत्मघाती कदम से हर कोई स्तब्ध है।
गांव करपिया निवासी संदीप भास्कर खेतीबाड़ी करते हैं। उनका 11 वर्षीय पुत्र नैतिक कक्षा छह का छात्र था। शुक्रवार को वह रोज की तरह स्कूल से घर आया और छत पर बने अपने कमरे में चला गया। दोपहर करीब एक बजे वह कमरे में पढ़ रहा था, वहीं माता-पिता नीचे कमरे में बैठे थे। इस बीच नैतिक की चीख सुनकर परिजन कमरे में पहुंचे तो उसे फंदे पर लटका देखा। उसे फंदे से उतारने के बाद स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया।
वहां चिकित्सकों ने नैतिक को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजन शव को लेकर घर आ गए। पुलिस को सूचना दिए बगैर ही परिजनों ने अंतिम संस्कार कर दिया। आत्महत्या की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी। थानाध्यक्ष सुरेश चंद्र शर्मा ने बताया कि घटना के संबंध में परिजनों की ओर से कोई सूचना नहीं दी गई है। मीडिया कर्मियों से ही घटना की जानकारी हुई है। पुलिस मामले की जांच करेगी।
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