बाघ ने नीलगाय का किया शिकार, वन विभाग की 9 टीमों को दिया चकमा

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लखनऊ : केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमान खेड़ा में घूम रहे बाघ ने मीठे नगर जाने वाली सड़क की तरफ जंगल में नीलगाय का शिकार किया। बाघ ने शिकार करने के बाद नील गाय को जंगल मे करीब 200 मीटर अंदर घसीट कर ले गया। जिसके बाद बाघ ने उसे खाया। ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम मौके पर जाकर निरीक्षण किया । वन विभाग की टीम शिकार बाघ के द्वारा किये जाने की पुष्टि की।

डीएफओ डॉ. सितांशु पांडेय ने बताया कि बाघ ने मीठे नगर की तरफ जंगल मे नील गाय का शिकार किया है । यह जोन 2 है। जिसमें बाघ ने शिकार किया है। बाघ ने शिकार करने के बाद बाघ ने करीब 35 प्रतिशत नील गाय को खाया है। डीएफओ ने बताया कि बाघ को पकड़ने के लिए रहमान खेड़ा फार्म को तीन जोन में बांटा गया। बाघ इन्ही तीन जोन में रोकने का प्रयास किया जा रहा है। जिसमे टीम को सफलता भी मिल रही है।

डीएफओ ने बताया कि बाघ को पकड़ने के लिए पूरी तैयारी है। इस ऑपरेशन में टीम लीडर अपर मुख्य वन संरक्षक रेणु सिंह के नेतृत्व में वन विभाग की 5 टीम लगी है जबकि 4 टीम बाहर की है। अब तक कुल 32 ट्रैप कैमरे व 4 केज लगाए गए हैं।

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डीएफओ का कहना है कि हथिनियां डायना और सुलोचना मीठेनगर और बुधड़ियां गांव में सुबह शाम पेट्रोलिंग कर रही है, लेकिन अभी तक बाघ को पकड़ने में रणनीति कारगर साबित नहीं हो सकी। केंद्रीय उपोष्णीय बागवानी संस्थान सीआईएसएच के अमरूद के बाग में वन्य विभाग को नये पगचिन्ह मिले हैं। लिहाजा, सीआईएसएच से मीठे नगर गांव की तरफ जाने वाले मार्ग पर डबल ट्रैप पिंजरा लगाया गया है। वन विभाग के अधिकारियों का दावा है कि सीआईएसएच परिसर में बाघ के लिए मुफीद आवास बनाया जा रहा है। यहां बाघ को पकड़ना सुरक्षित और आसान है। हालांकि, बीते दो दिन में सीआईएसएच परिसर में बाघ में नए-नए पघचिन्ह मिल रहे है।

दरअसल, बाघ का मूवमेंट देखकर वन विभाग ने ग्रामीणों को जंगल की तरफ न जाने का आग्रह किया था। बावजूद इसके कड़ाके की ठंड से बचने के लिए महिलाएं लकड़ियां बटोरने के लिए जंगलों का रुख कर रही है। शुक्रवार को ग्रामीण महिलाएं लकड़ियां बटोरने के लिए जंगलों की तरफ गई तब कॉबिंग कर रही वनविभाग की टीम ने उन्हें रोककर हिदायत दी है।

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