बजट में मांगों की अनदेखी से नाराज कर्मचारियों का 7-8 फरवरी को देश भर में धरना प्रदर्शन का ऐलान

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लखनऊ : राज्य कर्मचारियों के सबसे बड़े संगठन अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ ने बजट में कर्मचारियों की प्रमुख मांगों की अनदेखी करने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। महासंघ ने इसके खिलाफ 7-8 फरवरी को देश के सभी जिला मुख्यालयों पर धरने प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।

अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बजट में 8वें सेंट्रल पे कमीशन की सिफारिशों को जनवरी, 2026 से लागू करने के लिए कोई आवंटन नहीं किया गया है। इससे साफ है कि उक्त सिफारिशों को जनवरी, 2026 से लागू नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसी के साथ ही कर्मचारियों की प्रमुख मांग पीएफआरडीए एक्ट रद्द कर पुरानी पेंशन बहाली, कोविड 19 में फ्रिज किए 18 महीने के डीए, डीआर रिलीज करने, आउटसोर्स, ठेका संविदा कर्मियों को नियमित करने, खाली पड़े पदों को भरने और नेशनल मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) के तहत पीएसयू के निजीकरण पर रोक लगाने आदि मांगों को संबोधित नहीं किया गया है।

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उन्होंने कहा बजट में निजीकरण की नीतियों पर रोक लगाने की मांग की अनदेखी की है। बजट में निजीकरण को बढ़ावा दिया गया है। उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ के जिला अध्यक्ष अफीफ सिद्दीकी ने कहा कि कोरोना काल में रोके गए महंगाई भत्ता एवं अन्य भत्तों के लिए किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं करना कर्मचारी वर्ग को हतोत्साहित करेगा।

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