यूपी बोर्ड परीक्षा में पहली बार लागू हुए ये 11 नियम

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लखनऊ । उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की बोर्ड परीक्षाएं 24 फरवरी से शुरू हो चुकी हैं। यह परीक्षाएं आगामी 12 मार्च तक चलेंगी। यूपी बोर्ड ने पहली बार छात्रों के तनाव को दूर करने के लिए हेल्प लाइन डेस्क स्थापित किया है तो वहीं प्रायोगिक परीक्षा से लेकर विभिन्न विषयों की परीक्षा में तनाव दूर करने से लेकर बेहतर अंक लाने के लिए लगातार हेल्प डेस्क और हेल्पलाइन नंबर शुरु किए गए।

इतना ही नहीं, बोर्ड के इतिहास में यह पहला अवसर है जब परीक्षा केंद्रों पर मनोवैज्ञानिकों को तैनात किया गया है। परीक्षा के दौरान बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने छात्रों से अपील भी किया कि सहज और तनावमुक्त होकर परीक्षा दें। यूपी बोर्ड ने जिस तरह मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए छात्रों की परीक्षा पूर्व मदद, काउंसिलिंग और हैल्प लाइन शुरू किया है उससे छात्र और उनके अभिभावक दोनों ही खुश हैं। आमलोगों में भी बोर्ड ने सकारात्मक और सहयोग परक संदेश दिया है। हालांकि परीक्षा की सुचिता बरकरार रखने और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न होने पाए इसके लिए भी बोर्ड ने पर्याप्त उपाए किए हैं। खासकर इस बार तकनीक का सहारा व्यापक स्तर पर लिया जा रहा है। यहां तक कि प्रायोगिक परीक्षाओं में भी छात्रों और परीक्षकों के लिए एप का प्रयोग किया गया। किसी भी प्रकार के भेदभाव को रोकने के लिए तत्काल नंबर अपलोड करने का निर्देश भी दिया गया है।

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इस तरह के 11 नए प्रयोग पहली बार हुआ
1-किसी भी प्रकार की अव्यवस्था पर अतिरिक्त प्रश्न पत्र का सेट तैयार रखा गया है।
2-सभी परीक्षा केंद्रों पर आलमारी की व्यवस्था की गई।
3- अतिरिक्त प्रश्नपत्र के लिए अलग से आममारी लगाई गई।
4-प्रश्नपत्रों की केंद्रवार कोडिंग की गई है।
5-किसी भी गड़बड़ी से बचने के लिए डबल लॉक किया गया।
6-जिलावार पर्यवेक्षक तैनात किए गए।
7-पेपरआउट होने पर परीक्षा केंद्र का पता चल जाएगा।
8-मुख्य कॉपी और अतिरिक्त कॉपी पर नंबरिंग लागू किया गया।
9-मंडलीय पर्यवेक्षक अलग से तैयार किए गए।
10-अलग-अलग मंडलों के हिसाब से राज्यस्तरीय पर्यवेक्षक भी तैनात
11-नाम, जेंडर या किसी भी परिवर्तन के लिए 24 घंटे हेल्पलाइन चालू की गई।

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