देहरादून के चमोली जिले के माणा गांव स्थित सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के शिविर पर शुक्रवार को हुए हिमस्खलन में कई फीट बर्फ के नीचे फंसे श्रमिकों को निकालने के लिए शनिवार तड़के मौसम खुलते ही युद्ध स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री से रेस्क्यू ऑपरेशन का अपडेट लिया तो मुख्यमंत्री ने ग्राउंड जीरो ज्योर्तिमठ पहुंचकर सर्च एंड रेस्क्यू अभियान की जानकारी ली।
सेना ने बताया कि ऑपरेशन में 50 श्रमिकों को सकुशल रेस्क्यू कर लिया गया, इनमें से 4 श्रमिकों की मौत हो गई जबकि अभी बर्फ में दबीं पांच जिंदगियों की तलाश है।
शनिवार सुबह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात कर श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए चलाए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन की विस्तार से जानकारी ली। साथ ही, उन्होंने प्रदेश में हो रही बारिश और हिमपात की स्थिति पर भी विस्तृत जानकारी ली। इस दौरान प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री को केंद्र सरकार की ओर से किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए हर संभव सहायता प्रदान किए जाने का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री धामी शनिवार सुबह ही ज्योर्तिमठ पहुंचे, जहां उन्होंने सर्च और रेस्क्यू अभियान का जायजा लिया। उन्होंने घटना स्थल का हवाई निरीक्षण भी किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि 55 में से 50 लोगों को सर्च और रेस्क्यू किया जा चुका है। बाकी 5 लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान जारी है। जो लोग रेस्क्यू किए गए हैं उनको ज्योतिर्मठ लाया जा रहा है। सभी का उपचार किया जा रहा है। आवश्यकता पड़ने पर हायर सेंटर भी रेफर किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने आर्मी हॉस्पिटल में उपचाराधीन श्रमिकों से मुलाकात कर हालचाल जाना। उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देशित किया कि खोज बचाव कार्य में किसी प्रकार की आवश्यक संसाधनों की कमी न रहे। जो भी आवश्यकताएं हैं, उनको समय से चिन्हित किया जाए। केन्द्र सरकार से पूरी मदद मुहैया की जा रही है।
जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी ने बताया कि शुक्रवार सुबह माणा पास के निकट हिमस्खलन हुआ। वहीं पर बीआरओ के 57 श्रमिक कंटेनरों में रहते थे जिनमें से 2 श्रमिक छुट्टी पर थे। 55 श्रमिकों में से आईटीबीपी, सेना ने तेजी से खोजबीन करते हुए अब तक 50 को रेस्क्यू कर लिया है। केन्द्र व राज्य सरकार की ओर से भेजे एमआई-17 समेत 6 हेलीकॉप्टरों की मदद से अभी तक 25 श्रमिकों को ज्योर्तिमठ लाया गया है, जिनमें से 4 को गंभीर चोटें आयीं हैं। उनका आर्मी अस्पताल में इलाज चल रहा है। उन्होंने देवदूत बनी आईटीबीपी और आर्मी द्वारा किए गए रेस्क्यू ऑपरेशन की प्रशंसा की। बताया कि, एनडीआरएफ की 28 सदस्यीय टीम भी घटना स्थल पर पहुंच चुकी है। उन्हें काफी अनुभव है, जिस तरह रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है बाकि श्रमिकों को जल्द रेस्क्यू किया जाएगा।