187 रिक्रूट बने सिपाही

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फतेहपुर चौरासी। खाकी वर्दी पहनने का सपना लेकर छह माह से मेहनत कर रहे 187 रिक्रूट प्रशिक्षण पूरा कर सिपाही बन गए। शुक्रवार को दीक्षांत समारोह में सभी ने खाकी वर्दी पहनकर कर्तव्य निष्ठा की शपथ ली। पासिंग आउट परेड में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले 20 सिपाहियों को सम्मानित किया गया। इस दौरान सिपाही बनने की खुशी सभी के चेहरे पर झलक रही थी।
कालीमिट्टी स्थित शहीद गुलाब सिंह लोधी पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में छह माह से सिपाही पद के लिए भर्ती हुए 187 रिक्रूटों का प्रशिक्षण चल रहा था। गुरुवार को सभी ने प्रशिक्षण पूरा किया था। शुक्रवार को आयोजित दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पुलिस उप महानिरीक्षक प्रशिक्षण निदेशालय लखनऊ महेंद्र सिंह यादव ने प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले इन सिपाहियों को कर्तव्य निष्ठा व पद गोपनीयता की शपथ दिलाई। डीआईजी ने इन सिपाहियों से कहा कि भारत में दुनिया का सबसे बड़ा पुलिस बल है। एक पुलिस जवान द्वारा किए गए अच्छे कार्य पर पूरा विभाग गर्व करता है। यदि कभी गलती हो या दंड मिले, तो हतोत्साहित होने के जगह सीख लेकर सुधार करें।
प्रशिक्षण में श्रेष्ठ प्रदर्शन के करने में संजीव कुमार को सर्वांग सर्वोत्तम पुरस्कार के लिए चुना गया। आईटीआई में गोविंद कुमार शुक्ला, टीटीआई में नुरुद्दीन सिद्दीकी समेत 20 सिपाहियों को मेडल व प्रशस्ति पत्र देकर मुख्य अतिथि ने सम्मानित किया। दीक्षांत समारोह में सीओ दिनेश कुमार यादव, ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी राजबहादुर सिंह, प्रतिसार निरीक्षक शाकेव हाशमी, निरीक्षक श्याम कृष्ण मिश्र समेत तमाम लोग मौजूद रहे।
उन्नाव के तीन प्रशिक्षु बने सिपाही
दीक्षांत समारोह में उन्नाव जिले के तीन प्रशिक्षु भी सिपाही बने। फतेहपुर चौरासी की ग्राम पंचायत लवानी के मजरा जवाहर खेड़ा निवासी सुनीत कुमार यादव को पुलिस की वर्दी में देख किसान पिता भगवानदीन यादव, मां केतकी, बहन नीलम और कल्पना, भाई सुनील कुमार की आंखों में खुशी के आंसू आ गए। सदर तहसील के ग्राम किशोरीखेड़ा निवासी शिवचंद्र यादव के बेटे पंकज और भगवंतनगर निवासी राकेश सिंह का बेटा शशांक सिंह भी सिपाही बने। पंकज के पिता होमगार्ड हैं। शशांक सिंह के पिता मेडिकल स्टोर चलाते हैं।

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फतेहपुर चौरासी। खाकी वर्दी पहनने का सपना लेकर छह माह से मेहनत कर रहे 187 रिक्रूट प्रशिक्षण पूरा कर सिपाही बन गए। शुक्रवार को दीक्षांत समारोह में सभी ने खाकी वर्दी पहनकर कर्तव्य निष्ठा की शपथ ली। पासिंग आउट परेड में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले 20 सिपाहियों को सम्मानित किया गया। इस दौरान सिपाही बनने की खुशी सभी के चेहरे पर झलक रही थी।

कालीमिट्टी स्थित शहीद गुलाब सिंह लोधी पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में छह माह से सिपाही पद के लिए भर्ती हुए 187 रिक्रूटों का प्रशिक्षण चल रहा था। गुरुवार को सभी ने प्रशिक्षण पूरा किया था। शुक्रवार को आयोजित दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पुलिस उप महानिरीक्षक प्रशिक्षण निदेशालय लखनऊ महेंद्र सिंह यादव ने प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले इन सिपाहियों को कर्तव्य निष्ठा व पद गोपनीयता की शपथ दिलाई। डीआईजी ने इन सिपाहियों से कहा कि भारत में दुनिया का सबसे बड़ा पुलिस बल है। एक पुलिस जवान द्वारा किए गए अच्छे कार्य पर पूरा विभाग गर्व करता है। यदि कभी गलती हो या दंड मिले, तो हतोत्साहित होने के जगह सीख लेकर सुधार करें।

प्रशिक्षण में श्रेष्ठ प्रदर्शन के करने में संजीव कुमार को सर्वांग सर्वोत्तम पुरस्कार के लिए चुना गया। आईटीआई में गोविंद कुमार शुक्ला, टीटीआई में नुरुद्दीन सिद्दीकी समेत 20 सिपाहियों को मेडल व प्रशस्ति पत्र देकर मुख्य अतिथि ने सम्मानित किया। दीक्षांत समारोह में सीओ दिनेश कुमार यादव, ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी राजबहादुर सिंह, प्रतिसार निरीक्षक शाकेव हाशमी, निरीक्षक श्याम कृष्ण मिश्र समेत तमाम लोग मौजूद रहे।

उन्नाव के तीन प्रशिक्षु बने सिपाही

दीक्षांत समारोह में उन्नाव जिले के तीन प्रशिक्षु भी सिपाही बने। फतेहपुर चौरासी की ग्राम पंचायत लवानी के मजरा जवाहर खेड़ा निवासी सुनीत कुमार यादव को पुलिस की वर्दी में देख किसान पिता भगवानदीन यादव, मां केतकी, बहन नीलम और कल्पना, भाई सुनील कुमार की आंखों में खुशी के आंसू आ गए। सदर तहसील के ग्राम किशोरीखेड़ा निवासी शिवचंद्र यादव के बेटे पंकज और भगवंतनगर निवासी राकेश सिंह का बेटा शशांक सिंह भी सिपाही बने। पंकज के पिता होमगार्ड हैं। शशांक सिंह के पिता मेडिकल स्टोर चलाते हैं।

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