नई दिल्लीः पीएम मोदी ने नई दिल्ली में आज कर्तव्य पथ पर कर्तव्य भवन-3 का उद्घाटन किया। इसके बाद वह शाम को साढ़े 6 बजे सार्वजनिक कार्यक्रम में संबोधित करेंगे। आपको बता दें कि कर्तव्य भवन को दिल्ली भर में फैले विभिन्न मंत्रालयों और विभागों को एक साथ लाकर दक्षता, नवाचार और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें गृह मंत्रालय, एमएसएमई मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी), पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय/विभाग और प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) के कार्यालय होंगे।
कर्तव्य भवन-3 में गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME), कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय (DoPT), पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय, साथ ही प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय स्थापित किया जाएगा। इनमें से कुछ मंत्रालय आज से ही इस नए भवन में स्थानांतरित होने शुरू हो जाएंगे। ये मंत्रालय शास्त्री भवन, कृषि भवन, निर्माण भवन और उद्योग भवन जैसे पुराने भवनों से शिफ्ट होंगे, जो 1950-70 के दशक में बने थे और अब जर्जर हालत में हैं। सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत कुल 10 कर्तव्य भवन बनाए जाने हैं, और कर्तव्य भवन-3 पहला पूर्ण हुआ भवन है, जिसका उद्घाटन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के अनुसार, कर्तव्य भवन-3 सेंट्रल विस्टा परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह भवन कॉमन सेंट्रल सेक्रेटेरिएट के तहत बनने वाले कई भवनों में से पहला है, जिसका लक्ष्य प्रशासनिक कार्यों को अधिक सुगम और कुशल बनाना है।
कर्तव्य भवन-3 की विशेषताएं
यह भवन दिल्ली के जनपथ पर स्थित है और 1.5 लाख वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। इसमें दो बेसमेंट स्तरों सहित कुल 10 मंजिलें हैं। भवन में 600 वाहनों के लिए पार्किंग की सुविधा, 24 बड़े कॉन्फ्रेंस रूम और 26 छोटे कॉन्फ्रेंस रूम उपलब्ध हैं।
भवन में आधुनिक और सुरक्षित सुविधाएं शामिल हैं, जैसे:
– स्मार्ट एंट्री सिस्टम, इलेक्ट्रॉनिक निगरानी, और कमांड सेंटर।
– सौर पैनल, सौर वॉटर हीटर, और इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन।
– पर्यावरण-अनुकूल डिजाइन, जिसमें अपशिष्ट जल का पुनर्चक्रण और ठोस कचरा प्रबंधन प्रणाली शामिल है।
– विशेष कांच की खिड़कियां, जो भवन को ठंडा रखती हैं और बाहरी शोर को कम करती हैं।
– 30% कम ऊर्जा खपत के लिए डिजाइन, जिसमें एलईडी लाइटें, ऑटोमेटिक सेंसर, और ऊर्जा-बचत वाली स्मार्ट लिफ्टें शामिल हैं।
नॉर्थ और साउथ ब्लॉक का भविष्य
नॉर्थ और साउथ ब्लॉक में मौजूद सभी मंत्रालय धीरे-धीरे कर्तव्य भवनों में स्थानांतरित होंगे। इन दोनों ब्लॉकों को खाली कर संग्रहालय में परिवर्तित किया जाएगा, जिसका नाम “युगे युगीन भारत” संग्रहालय होगा। इस संग्रहालय में महाभारत काल से लेकर वर्तमान तक भारत के इतिहास, कला, और संस्कृति को प्रदर्शित किया जाएगा, बिना इमारतों की मूल संरचना में कोई बदलाव किए।
नए भवनों की आवश्यकता क्यों?
केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि कर्तव्य भवन-3 के सभागार में पत्रकारों से बातचीत के दौरान अगले महीने तक कर्तव्य भवन-1 और कर्तव्य भवन-2 भी तैयार हो जाएंगे, क्योंकि इनका निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। बाकी सात प्रस्तावित भवनों का निर्माण अप्रैल 2027 तक पूरा होगा। इस परियोजना पर लगभग 1000 करोड़ रुपये की लागत आएगी। मंत्री ने बताया कि नए और आधुनिक भवनों की जरूरत इसलिए पड़ी, क्योंकि मौजूदा भवन 1950-70 के दशक में बने थे और अब पुराने हो चुके हैं। इनका रखरखाव महंगा और चुनौतीपूर्ण हो गया था।