सूतक काल शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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चंद्रग्रहण के चलते देवालयों के द्वार अब बंद होने शुरू हो गए हैं। आज दोपहर 12:30 बजे से ‘सूतक काल’ (अशुभ काल) शुरू होने के कारण श्री केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिए गए हैं। आज लगने वाले पूर्ण चंद्रग्रहण से पहले यह सूतक काल (अशुभ काल) शुरू हो गया है।

उधर, लखनऊ में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के वैज्ञानिक सुमित श्रीवास्तव ने कहा, “यह पूर्ण चंद्रग्रहण है। पूर्ण चंद्रग्रहण रात 8:58 बजे शुरू होगा। चंद्रग्रहण का वास्तविक आरंभ रात 9:57 बजे होगा। पूर्ण ग्रहण रात 11 बजे के आसपास शुरू होगा। चंद्रमा लगभग 82 मिनट तक लाल रहेगा। चंद्रग्रहण रात 12:22 बजे समाप्त होगा।”

आंशिक चरण, यानी आंतरिक और उपछाया चरण, सुबह 2.30 बजे होगा। उन्होंने बताया कि चंद्र ग्रहण देखने के लिए किसी विशेष उपकरण की आवश्यकता नहीं होती। यह एक बहुत ही सुंदर खगोलीय घटना है, जिसे नंगी आंखों से भी देखा जा सकता है।”

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वर्ष 2022 के बाद भारत में दिखाई देने वाला सबसे लंबा पूर्ण चंद्रग्रहण आज रात लगने जा रहा है। खगोलविदों मुताबिक 27 जुलाई, 2018 के बाद यह पहली बार होगा जब देश के सभी हिस्सों से पूर्ण चंद्रग्रहण देखा जा सकेगा। भारतीय खगोलीय सोसाइटी (एएसआई) की जनसंपर्क और शिक्षा समिति (पीओईसी) की अध्यक्ष और नेशनल सेंटर फॉर रेडियो एस्ट्रोफिजिक्स, पुणे में एसोसिएट प्रोफेसर दिव्या ओबेरॉय ने कहा, ‘‘आपको इसके बाद इतने लंबे चंद्रग्रहण को देखने के लिए 31 दिसंबर, 2028 तक इंतजार करना होगा।’’

ओबेरॉय ने बताया कि ग्रहण दुर्लभ होते हैं तथा हर पूर्णिमा या अमावस्या को नहीं होते, क्योंकि चंद्रमा की कक्षा सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की कक्षा से लगभग पांच डिग्री झुकी हुई है। चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, जिससे उसकी छाया चंद्र सतह पर पड़ती है।

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