लखनऊ। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और यूपी एटीएस ने 25 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के एटा जिले से मोहम्मद अदनान और उसके सहयोगी अदनान खान (19) को दिल्ली स्थित उनके ठिकानों से गिरफ्तार किया था। दोनों पर उत्तर भारत में आईएस नेटवर्क बनाने की योजना बनाने और खाड़ी व अन्य विदेशी स्थानों से संचालित होने वाले संचालकों द्वारा भेजे गए वीडियो के माध्यम से युवाओं को कट्टरपंथी बनाने का आरोप था।
इस नेटवर्क के खुलासे के बाद एटीएस ने उत्तर प्रदेश के 7 जिलों में अपनी निगरानी बढ़ा दी है। अधिकारियों ने कहा कि इन खुलासों ने गंभीर सुरक्षा चिंतायें पैदा कर दी हैं, जिसके चलते संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी गई है। भोपाल निवासी मोहम्मद अदनान ने कथित तौर पर मेरठ, बरेली, शाहजहाँपुर, सहारनपुर, मुरादाबाद, लखनऊ और कानपुर सहित उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों में संपर्क स्थापित किए थे।
एक वरिष्ठ एटीएस अधिकारी ने कहा, “पूछताछ के दौरान पता चला कि उसे इन ज़िलों, उनके धार्मिक स्थलों और पिछली आतंकी घटनाओं की विस्तृत जानकारी थी। इन शहरों में कुछ समय तक रहे कई लोगों के साथ उसके संबंधों की भी जाँच की जा रही है।” एटीएस के अनुसार, मोहम्मद अदनान से ज़ब्त किए गए फ़ोन रिकॉर्ड में उत्तर प्रदेश के विभिन्न ज़िलों के लोगों से जुड़े 63 से ज़्यादा संदिग्ध नंबर थे। जाँचकर्ताओं ने कहा कि इन संपर्कों में कई युवा शामिल थे जो संदिग्ध के साथ नियमित रूप से संपर्क में थे।
अधिकारियों ने कहा कि मोहम्मद अदनान के कथित सहयोगियों की विस्तृत प्रोफ़ाइल तैयार करने और यह आकलन करने के प्रयास जारी हैं कि क्या उसका नेटवर्क इन ज़िलों से आगे तक फैला हुआ है। एटीएस संदिग्ध आईएस मॉड्यूल के पूरे दायरे का पता लगाने के लिए चैट लॉग, कॉल डेटा और डिजिटल फ़ुटप्रिंट का विश्लेषण कर रही है।
संदिग्धों के इरादों के बारे में खुलासे के बाद अधिकारियों ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थलों और सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा जाँच भी बढ़ा दी है। पुलिस इकाइयों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और ख़ुफ़िया एजेंसियाँ संभावित खतरों की पहचान करने के लिए बारीकी से समन्वय कर रही हैं।








