कठिन हालात में न मानी हार, बनीं औरों की मददगार

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उन्नाव। सजग, सचेत, सबल समर्थ, आधुनिक युग की नारी है, मत मानों अब अबला, सक्षम है, बलधारी है। कवि हरीश नारंग की यह पंक्तियां उन महिलाओं पर सटीक बैठतीं हैं, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में सफलता के नए आयाम स्थापित किए। सामाजिक बंधनों को तोड़कर स्वावलंबन के नए रास्ते खोलने के साथ समाज को नई दिशा दी है। जिले में शिक्षा, समाज सेवा, स्वास्थ्य और जन जागरुकता सहित अन्य क्षेत्रों में सामाजिक सरोकारों को पूरा करने की मुहिम में जुटीं कुछ ऐसी महिलाओं की सफलता के उदाहरण प्रस्तुत हैं।
बच्चों को सिखाया नवाचार, गांवों को कर रहीं नशामुक्त
सिकंदरपुर सरोसी ब्लॉक के नयाखेड़ा उच्च प्राथमिक स्कूल में तैनात सहायक शिक्षिका शिखा मिश्रा छात्रों को नवाचार के माध्यम से पढ़ाई के साथ ही नशामुक्ति का अभियान भी चला रही हैं। 2016 वह इस स्कूल में तैनात हुईं थीं। छात्र पढ़ाई में रुचि नहीं दिखाते थे। उन्होंने नवाचार और रुचि पूर्ण तरीके से पहाड़े सिखाए। गणित की प्रयोगशाला बनाई और कई मॉडल तैयार किए। इससे छात्रों में पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ी। वह बच्चों के साथ मिलकर आसपास के गांवों में नशामुक्ति के लिए अभियान भी चला रही हैं। पिछले तीन साल में सौ से अधिक लोगों को नशे की लत से आजाद कराया। चौपाल लगाकर महिलाओं को अधिकार भी बता रही हैं।
नीतू ने समूह बनाकर बदली 1200 महिलाओं की जिंदगी
हिलौली संवाद के अनुसार पुरैनी खेड़ा बनिगांव निवासी नीतू यादव ने स्वयं सहायता समूह के जरिये महिलाओं को रंग, गुलाल, दीया, हैंड सैनिटाइजर, हैंडवॉश आदि बनाने का प्रशिक्षण दिया। ब्लॉक के 55 गांवों में रिकार्ड 80 महिला समूहों का गठन कर 1200 महिलाओं को स्वालंबी बनाया है। नीतू ने पति मनोज की मदद से टॉयलेट क्लीनर बनाने का काम शुरू किया। उन्होंने 25 महिलाओं को साथ जोड़ा। त्योहारों के हिसाब से उपयोगी सामग्री बनाना शुरू किया। होली के लिए हर्बल रंग-गुलाल, दीवाली पर दीये बनाए। कोरोना संक्रमण के दौरान बैंक से 65 हजार रुपये ऋण लेकर टायलेट क्लीनर, हैंडवाश, सैनेटाइजर बनाना शुरू किए। समूहों के माध्यम से उत्पादों को बेचा। समूह से जुड़ी महिलाएं हर माह पांच से 15 हजार रुपये कमा रहीं हैं।
1500 रुपये से शुरू किया व्यापार 15 लाख तक पहुंचा
चकलवंशी संवाद के अनुसार ब्लाक मियागंज के मोहल्ला घसियारी मंडी निवासी सरोजनी ने ग्रामीण महिलाओं को सफलता का रास्ता दिखाया। जरी-जरदोजी के हस्तशिल्पियों को समूह से जोड़कर 1500 रुपये से शुरू किया गया व्यापार सात साल में 15 लाख के टर्नओवर में बदल गया। 250 महिलाओं को कमाई का जरिया भी उपलब्ध कराया। 2012 में सरोजनी ने नव दुर्गा स्वयं सहायता समूह का गठन किया। राष्ट्रीय आजीविका मिशन से वर्ष 2014 में जरी-जरदोजी का काम मिला। 1500 रुपये से सुई, धागा, साड़ी की कढ़ाई की सामग्री खरीदी। जरदोजी कारोबार में 3500 रुपये की बिक्री हुई। इससे हौसला बढ़ा तो साथ की महिलाओं को मिलाकर उत्पादन शुरू किया। सरोजनी के उत्पादों की मांग देश के बड़े शहरों में है। इस समय वह नोएडा में चल रहे सरस मेला में उत्पाद बेच रही हैं। समूह से 175 महिलाओं को सिलाई मशीन सहित 10 हजार की टूल किट भी दी है।
नवबहार ने कोरोना वैक्सीनेशन के लिए किया जागरूक
सफीपुर संवाद के अनुसार मुस्लिम बहुल पीखी गांव में कोविड टीकाकरण के लिए 4200 लोगों के टीकाकरण का लक्ष्य था लेकिन कोई आगे नहीं आया। दर्जनों लोगों में कोरोना जैसे लक्षण दिखे तो नवबहार बानो ने घर-घर जाकर लोगों को टीकाकरण के लाभ बताए। उसके प्रयासों ने यूनिसेफ को भी अचरज में डाल दिया। इस अभूतपूर्व प्रयास के लिए यूनिसेफ ने नवबहार की एक डाक्यूमेंट्री फिल्म तैयार कर उसे जिले में कोरोना टीकाकरण जागरुकता का माध्यम बनाया। यूनिसेफ के जिला मैनेजर मोहम्मद दिलशाद और ब्लाक कोआर्डिनेटर रुबीना खानम के अनुसार भ्रांतियों को दूर करने में नवबहार जैसी समाज सेवी न होती, तो लक्ष्य कठिन हो जाता।
सानिया ने कराया योग, कोरोना से ग्रामीणों को रखा दूर
जुराखन खेड़ा गांव निवासी सानिया सदर तहसील के कटरी पीपर खेड़ा परिषदीय विद्यालय में कक्षा सात की छात्रा हैं। वह योगाभ्यास में इतनी पारंगत हैं कि उनका हर कोई कायल है। कोरोना काल में सानिया और उनकी टीम ने गांव के हर व्यक्ति को योगाभ्यास कराया। इसी का नतीजा रहा कि गांव एक भी व्यक्ति कोरोना की चपेट में नहीं आया। शिक्षिका डॉ. रचना सिंह की पहल पर स्कूल के अन्य बच्चों के साथ मिलकर नयाखेड़ा, कल्लूपुरवा सहित अन्य गांव के लोगों को भी योग के प्रति जागरूक किया। वर्ष 2019 और 2021 में जिला स्तरीय योग प्रतियोगिता में चैंपियन रहीं। इसके बाद राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में पुरस्कार हासिल किया। शिक्षिका रचना सिंह ने बताया कि 11 मार्च को रायबरेली में होने वाली योगा प्रतियोगिता में जिले से सानिया के नेतृत्व में छह सदस्यीय टीम का चयन किया गया है। इस उपलिब्ध के लिए रविवार को पुलिस लाइन में सीओ सोनम सिंह ने सम्मानित किया।

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उन्नाव। सजग, सचेत, सबल समर्थ, आधुनिक युग की नारी है, मत मानों अब अबला, सक्षम है, बलधारी है। कवि हरीश नारंग की यह पंक्तियां उन महिलाओं पर सटीक बैठतीं हैं, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में सफलता के नए आयाम स्थापित किए। सामाजिक बंधनों को तोड़कर स्वावलंबन के नए रास्ते खोलने के साथ समाज को नई दिशा दी है। जिले में शिक्षा, समाज सेवा, स्वास्थ्य और जन जागरुकता सहित अन्य क्षेत्रों में सामाजिक सरोकारों को पूरा करने की मुहिम में जुटीं कुछ ऐसी महिलाओं की सफलता के उदाहरण प्रस्तुत हैं।

बच्चों को सिखाया नवाचार, गांवों को कर रहीं नशामुक्त

सिकंदरपुर सरोसी ब्लॉक के नयाखेड़ा उच्च प्राथमिक स्कूल में तैनात सहायक शिक्षिका शिखा मिश्रा छात्रों को नवाचार के माध्यम से पढ़ाई के साथ ही नशामुक्ति का अभियान भी चला रही हैं। 2016 वह इस स्कूल में तैनात हुईं थीं। छात्र पढ़ाई में रुचि नहीं दिखाते थे। उन्होंने नवाचार और रुचि पूर्ण तरीके से पहाड़े सिखाए। गणित की प्रयोगशाला बनाई और कई मॉडल तैयार किए। इससे छात्रों में पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ी। वह बच्चों के साथ मिलकर आसपास के गांवों में नशामुक्ति के लिए अभियान भी चला रही हैं। पिछले तीन साल में सौ से अधिक लोगों को नशे की लत से आजाद कराया। चौपाल लगाकर महिलाओं को अधिकार भी बता रही हैं।

नीतू ने समूह बनाकर बदली 1200 महिलाओं की जिंदगी

हिलौली संवाद के अनुसार पुरैनी खेड़ा बनिगांव निवासी नीतू यादव ने स्वयं सहायता समूह के जरिये महिलाओं को रंग, गुलाल, दीया, हैंड सैनिटाइजर, हैंडवॉश आदि बनाने का प्रशिक्षण दिया। ब्लॉक के 55 गांवों में रिकार्ड 80 महिला समूहों का गठन कर 1200 महिलाओं को स्वालंबी बनाया है। नीतू ने पति मनोज की मदद से टॉयलेट क्लीनर बनाने का काम शुरू किया। उन्होंने 25 महिलाओं को साथ जोड़ा। त्योहारों के हिसाब से उपयोगी सामग्री बनाना शुरू किया। होली के लिए हर्बल रंग-गुलाल, दीवाली पर दीये बनाए। कोरोना संक्रमण के दौरान बैंक से 65 हजार रुपये ऋण लेकर टायलेट क्लीनर, हैंडवाश, सैनेटाइजर बनाना शुरू किए। समूहों के माध्यम से उत्पादों को बेचा। समूह से जुड़ी महिलाएं हर माह पांच से 15 हजार रुपये कमा रहीं हैं।

1500 रुपये से शुरू किया व्यापार 15 लाख तक पहुंचा

चकलवंशी संवाद के अनुसार ब्लाक मियागंज के मोहल्ला घसियारी मंडी निवासी सरोजनी ने ग्रामीण महिलाओं को सफलता का रास्ता दिखाया। जरी-जरदोजी के हस्तशिल्पियों को समूह से जोड़कर 1500 रुपये से शुरू किया गया व्यापार सात साल में 15 लाख के टर्नओवर में बदल गया। 250 महिलाओं को कमाई का जरिया भी उपलब्ध कराया। 2012 में सरोजनी ने नव दुर्गा स्वयं सहायता समूह का गठन किया। राष्ट्रीय आजीविका मिशन से वर्ष 2014 में जरी-जरदोजी का काम मिला। 1500 रुपये से सुई, धागा, साड़ी की कढ़ाई की सामग्री खरीदी। जरदोजी कारोबार में 3500 रुपये की बिक्री हुई। इससे हौसला बढ़ा तो साथ की महिलाओं को मिलाकर उत्पादन शुरू किया। सरोजनी के उत्पादों की मांग देश के बड़े शहरों में है। इस समय वह नोएडा में चल रहे सरस मेला में उत्पाद बेच रही हैं। समूह से 175 महिलाओं को सिलाई मशीन सहित 10 हजार की टूल किट भी दी है।

नवबहार ने कोरोना वैक्सीनेशन के लिए किया जागरूक

सफीपुर संवाद के अनुसार मुस्लिम बहुल पीखी गांव में कोविड टीकाकरण के लिए 4200 लोगों के टीकाकरण का लक्ष्य था लेकिन कोई आगे नहीं आया। दर्जनों लोगों में कोरोना जैसे लक्षण दिखे तो नवबहार बानो ने घर-घर जाकर लोगों को टीकाकरण के लाभ बताए। उसके प्रयासों ने यूनिसेफ को भी अचरज में डाल दिया। इस अभूतपूर्व प्रयास के लिए यूनिसेफ ने नवबहार की एक डाक्यूमेंट्री फिल्म तैयार कर उसे जिले में कोरोना टीकाकरण जागरुकता का माध्यम बनाया। यूनिसेफ के जिला मैनेजर मोहम्मद दिलशाद और ब्लाक कोआर्डिनेटर रुबीना खानम के अनुसार भ्रांतियों को दूर करने में नवबहार जैसी समाज सेवी न होती, तो लक्ष्य कठिन हो जाता।

सानिया ने कराया योग, कोरोना से ग्रामीणों को रखा दूर

जुराखन खेड़ा गांव निवासी सानिया सदर तहसील के कटरी पीपर खेड़ा परिषदीय विद्यालय में कक्षा सात की छात्रा हैं। वह योगाभ्यास में इतनी पारंगत हैं कि उनका हर कोई कायल है। कोरोना काल में सानिया और उनकी टीम ने गांव के हर व्यक्ति को योगाभ्यास कराया। इसी का नतीजा रहा कि गांव एक भी व्यक्ति कोरोना की चपेट में नहीं आया। शिक्षिका डॉ. रचना सिंह की पहल पर स्कूल के अन्य बच्चों के साथ मिलकर नयाखेड़ा, कल्लूपुरवा सहित अन्य गांव के लोगों को भी योग के प्रति जागरूक किया। वर्ष 2019 और 2021 में जिला स्तरीय योग प्रतियोगिता में चैंपियन रहीं। इसके बाद राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में पुरस्कार हासिल किया। शिक्षिका रचना सिंह ने बताया कि 11 मार्च को रायबरेली में होने वाली योगा प्रतियोगिता में जिले से सानिया के नेतृत्व में छह सदस्यीय टीम का चयन किया गया है। इस उपलिब्ध के लिए रविवार को पुलिस लाइन में सीओ सोनम सिंह ने सम्मानित किया।

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