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इलेक्शन डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: हिमांशु मिश्रा
Updated Thu, 10 Mar 2022 12:33 PM IST
सार
उत्तर प्रदेश के रुझान बता रहे हैं कि योगी आदित्यनाथ फिर से उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने जा रहे हैं। इसी के साथ सीएम योगी के नाम जुड़ जाएंगे कई रिकॉर्ड।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
– फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
आज अगर उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी सरकार बनाने में कामयाब होती है तो यह एक नया इतिहास होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम चार रिकॉर्ड दर्ज हो जाएंगे। इसके साथ ही 37 साल से चला आ रहा एक बड़ा मिथक भी टूट जाएगा।
क्या है मिथक?
यूपी में अब तक माना जाता रहा है कि नोएडा जाने वाले मुख्यमंत्री की कुर्सी सुरक्षित नहीं रहती है। उसकी सत्ता में वापसी नहीं होती। इस कारण कुछ मुख्यमंत्री तो नोएडा जाने से बचते रहे। उद्घाटन या शिलान्यास को लेकर कुछ को कार्यक्रम के सिलसिले में वहां जाने की जरूरत पड़ी तो नोएडा न जाकर अगल-बगल या दिल्ली के किसी स्थान से इस काम को पूरा किया गया। योगी ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जो नोएडा जाने से डरने के बजाय वहां कई बार गए। उन्होंने नोएडा जाने के बाद भी लगातार पांच साल मुख्यमंत्री रहकर एक मिथक तोड़ दिया, लेकिन अब देखना यह है कि वह सत्ता में वापसी का मिथक तोड़ पाते हैं या नहीं?
कब से चल रहा यह मिथक?
1985 से यह मिथक है कि नोएडा जाने वाले मुख्यमंत्री की कुर्सी चली जाती है। वीर बहादुर सिंह प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। वह नोएडा गए और संयोग से उनकी मुख्यमंत्री की कुर्सी चली गई। नारायण दत्त तिवारी को मुख्यमंत्री बनाया गया। वह 1989 में नोएडा के सेक्टर-12 में नेहरू पार्क का उद्घाटन करने गए।
कुछ समय बाद चुनाव हुए, लेकिन वह कांग्रेस की सत्ता में वापसी नहीं करा पाए। इसके बाद कल्याण सिंह और मुलायम सिंह यादव के साथ भी ऐसा ही हुआ कि वह नोएडा गए और कुछ दिन बाद संयोग से मुख्यमंत्री पद छिन गया। राजनाथ सिंह मुख्यमंत्री थे तो उन्हें नोएडा में निर्मित एक फ्लाईओवर का उद्घाटन करना था। पर, उन्होंने नोएडा की जगह दिल्ली से उद्घाटन किया। अगर भाजपा फिर से चुनाव में जीत हासिल करती है तो योगी आदित्यनाथ इस मिथक को भी तोड़ देंगे।
छह मुख्यमंत्री डर चुके हैं
1985 में वीर बहादुर सिंह की सत्ता के जाने के बाद से छह मुख्यमंत्री यूपी में बदल चुके हैं और सभी इस अंधविश्वास से डरते रहे हैं। इनमें मुलायम सिंह यादव, राजनाथ सिंह, कल्याण सिंह, मायावती और अखिलेश यादव शामिल हैं। योगी आदित्यनाथ पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जो अपने पांच साल के कार्यकाल में कई बार नोएडा गए। उन्होंने खुले मंच से कहा कि वह इस अंधविश्वास को नहीं मानते हैं।
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