कानपुर के मामा और भांजे की हत्या खेत पर गला दबाकर की गई थी। इसके बाद शवों को बोरे में भरकर कुएं में फेंका गया था। पुलिस ने पिता, पुत्र और साले के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर गिरफ्तार किया है। 20-25 लाख रुपये के विवाद में दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया गया।
कानपुर के वैष्णवी विहार जरौली फेस 2 बर्रा आठ निवासी मयंक शर्मा (19) और कर्रही निवासी भांजे विपुल शर्मा (17) के शव बुधवार को जलाला एवं झंझरिया डेरा के बीच बने कुएं में मिले थे। मयंक की बहन प्रिया शर्मा ने पत्योरा के संतराम और उसके मामा राम स्वरूप पर हत्या का आरोप लगाया था।
पुलिस ने गुरुवार को दोहरे हत्याकांड का खुलासा किया। पुलिस अधीक्षक कमलेश दीक्षित ने बताया कि मुख्य आरोपी संतराम व उसका पिता शंकरी निषाद कुछ कबूलने को तैयार नहीं था। रामस्वरूप से कड़ाई से पूछताछ में हत्या का खुलासा हुआ है। संतराम की मृतक मयंक से दो वर्षों से जान- पहचान थी।
संतराम मृतक मयंक के पिता दयाराम के साथ एक एनजीओ चलाता था। इसके माध्यम से लोगों को सिलाई मशीन, आवास व नौकरी दिलाने के बहाने कानपुर, फतेहपुर, हमीरपुर के 250 लोगों से 20 से 25 लाख रुपये वसूला गया था। यह राशि लौटाने का संतराम पर भारी दबाव था।
रुपये लौटाने की बात कहकर तीनों ने मयंक को पत्योरा गांव बुलाया था। मयंक अपने भांजे विपुल को भी साथ ले आया था। यहां दोनों की हत्या कर शवों को बोरे में भरकर गांव से आठ किमी दूर दनकुंइया के कुएं में फेंक दिया था। प्रिया शर्मा की तहरीर पर दोहरे हत्याकांड में संतराम, उसके पिता शंकरी व मामा रामस्वरूप के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज की गई है।
होला खिलाने के बहाने ले गए खेत
एसपी ने बताया हत्यारोपी मयंक और विपुल को चने का होला खिलाने के बहाने 12 मार्च को गांव से छह किमी दूर खेतों में ले गए। वहां उन्होंने पहले होला भूना और पानी लेने के बहाने विपुल को नलकूप लेने भेज दिया। उसके जाते ही लाही के खेत में मयंक की गला घोंट कर हत्या कर दी। पानी लेकर विपुल आया तो मामा को न देख भागकर खेतों में कटाई कर रहे मजदूरों के पास पहुंच जान बचा लेने की गुहार लगाई। इस बीच आरोपी वहां पहुंचे और उससे बोले कि मयंक शौच को गया है। बाद में उसी खेत में ले जाकर विपुल की हत्या कर दी। वहीं लाही के खेत में दोनों शवों को छिपा दिया। बाद में रात के अंधेरे में दोनों शवों को बोरों में भरकर ले गए और कुएं में फेंक दिए।
पुलिस की कार्यशैली पर उठाए सवाल
मृतक के परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए बताया कि अगर पुलिस समय रहते सक्रियता दिखाती तो घटना का खुलासा उसी दिन हो जाता। मृतक की बहन प्रिया शर्मा ने कहा कि चार दिनों बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया है। सुमेरपुर एसओ ने उसे दुत्कार कर भगा दिया। उल्टा उसके खिलाफ कार्रवाई की धमकी देते रहे। 15 मार्च को भाजपा जिलाध्यक्ष बृजकिशोर गुप्ता ने एसपी को मामले पर संज्ञान लेने को कहा तब कहीं जाकर एसपी के कहने पर गुमशुदगी का मामला दर्ज किया गया।
सजेती एसओ ने छोड़ा हमीरपुर
मृतक मयंक के बड़े भाई विनय शर्मा ने बताया कि इस मामले में और कई लोग संदिग्ध हैं। बुधवार रात करीब दस बजे वह कानपुर से हमीरपुर के लिए निकले थे। रास्ते में उन्हें सूचना मिली कि उन लोगों की हत्या करने के लिए कुछ लोग लगे हैं। इस पर उसने सजेती एसओ से मदद मांगी। तब कहीं जाकर वह हमीरपुर आ सके।
पिता से था आरोपियों का लेनदेन
मृतक के भाई विनय शर्मा ने बताया कि उनके पिता एनजीओ चलाते थे। वह पत्योरा में दो साल तक रहे। वहीं से आरोपी संतराम से उनकी पहचान हुई। मरने से पहले पिता बता गए थे कि संतराम से 20 से 25 लाख रुपये लेना है। पिता के कहने पर एक-दो बार उनका भाई पहले भी पत्योरा आकर पैसा लेकर गया है। 12 मार्च को भी आरोपी ने सुबह करीब आठ बजे फोन कर भाई को पैसा ले जाने के लिए बुलाया था।
विपुल की मां बोली, छीन लिया लाल
मृतक विपुल की मां सुनीता शर्मा ने कहा कि आरोपियों ने मेरे लाल को मुझसे छीन लिया। मृतक तीन भाइयों में सबसे बड़ा था। निखिल व राज उससे छोटे हैं। पिता राजेंद्र ड्राइवर हैं।