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उन्नाव। मार्च में मई-जून जैसी गर्मी पड़ने के साथ जल संकट गहराता जा रहा है। जर्जर पाइप लाइनों के कारण करीब 15 हजार घरों में पीने का पानी नहीं पहुंच रहा है। जिम्मेदारों का कहना है कि जर्जर लाइनों की मरम्मत के लिए बजट नहीं आता है।
नगर पालिका क्षेत्र में 32 वार्ड हैं। पालिका का दावा है कि प्रतिदिन 13 लाख लीटर पानी की आपूर्ति की जा रही है। लेकिन दशकों पुरानी पाइप लाइनें जगह-जगह लीकेज हो गईं हैं।
इसके कारण हजारों लीटर पेयजल घरों में पहुंचने से पहले ही रास्ते में नाली-नालों में बह जाता है। नगर पालिका ने सैकड़ों मीटर दूर मुख्य मार्ग की भूमिगत पाइप लाइन से कनेक्शन दिए हैं। इन पाइप लाइनों में टूटफूट होने से जलापूर्ति प्रभावित रहती है। हालत यह है कि सुबह से ही पीने के पानी के लिए मशक्कत शुरू हो जाती है। कहने को तो सुबह चार से दस बजे तक और शाम पांच से सात बजे तक पानी की आपूर्ति होती है लेकिन इसके बाद भी 15 हजार घरों के नल सूखे हैं।
देखरेख न होने से खराब हो गई 50 साल पुरानी पाइप लाइन
नगर पालिका क्षेत्र में 50 साल पुरानी पाइप लाइन पड़ी है। देखरेख न होने से यह खराब हो गई है। खास तौर पर केसरगंज, डरियनटोला में पाइप लाइन का मकड़जाल सड़क से होकर निकला है। वाहनों की आवाजाही से लाइन जगह-जगह टूट गई है। लोगों ने लीकेज पाइप लाइन पर कपड़ा, पॉलिथीन, रबड़ का ट्यूब लगाकर काम चलने लायक बना रखा है। पुरानी बाजार, बाबूगंज, अनवार नगर, कंजी, घोसियाना सहित डेढ़ दर्जन मोहल्लों में पानी का संकट रहता है।
जर्जर पाइप लाइन ठीक कराने के लिए बजट नहीं आता है। जल्द ही अमृत योजना के तहत घरों में पानी पहुंचने लगेगा। जलकल विभाग हर दिन 24 नलकूप और नौ ओवरहेड टैंक के जरिये 13 लाख लीटर पानी की आपूर्ति करता है। इसमें कोई कटौती नहीं होती है। हालांकि आबादी के लिहाज से पानी की आपूर्ति कम है लेकिन जो संसाधन हैं उन्हीं से काम चलाया जा रहा है। – विवेक वर्मा, जलकल अभियंता
पाइप लाइन टूटी होने से बर्बाद होता पानी। संवाद– फोटो : UNNAO
पाइन लाइन का सड़क से होकर गुजरा मकड़जाल। संवाद– फोटो : UNNAO
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