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सार
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूपीएमआरसी) 15वीं पीएसी बटालियन के मैदान में 112 करोड़ रुपये की लागत से मेट्रो डिपो का निर्माण कर रहा है। डिपो में ट्रैक बिछाने का काम शुरू हो गया है।
आगरा के पीएसी मैदान में बन रहे डिपो में मेट्रो रेल के लिए ट्रैक बिछाने का काम सोमवार से शुरू हो गया है। ट्रैक के लिए रूस में निर्मित हेड हार्डेड पटरियों का इस्तेमाल होगा। हेड हार्डेड ट्रैक सामान्य रेल ट्रैक के मुकाबले में कम घिसता है। स्पीड बढ़ाने व ब्रेक लगाने पर ये पटरियां कम घर्षण उत्पन्न करती हैं।
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूपीएमआरसी) 15वीं पीएसी बटालियन के मैदान में 112 करोड़ रुपये की लागत से पहली मेट्रो डिपो का निर्माण कर रहा है। प्रबंध निदेशक कुमार केशव के अनुसार हेड हार्डेड रेल ट्रैक का रखरखाव बहुत कम है। रेलवे के मुकाबले मेट्रो ट्रैक पर ट्रेन का आवागमन अधिक होता है। हर पांच मिनट के अंतराल पर मेट्रो ट्रेन ट्रैक पर चलेगी।
हेड हार्डेड ट्रैक में कम होता है घर्षण
रेल की स्पीड बढ़ाने और ब्रेक लगाने के दौरान सामान्य ट्रैक पर पहियों व ट्रैक के बीच अधिक घर्षण होता है। इससे ट्रैक जल्दी घिसता है। हेड हार्डेड ट्रैक में घर्षण कम होने के कारण यह घिसता नहीं है। जिससे सालों साल पटरियां मजबूत बनी रहती हैं, उनमें क्रेक नहीं आते। उन्होंने बताया कि डिपो में ट्रैक बिछाने का काम पूरा होने के बाद प्राथमिकता सेक्शन में ट्रैक बिछाने का काम शुरू होगा।
हेड हार्डेड ट्रैक की खासियत
– पारंपरिक रेल ट्रैक की तुलना में अधिक मजबूत होता है।
– सामान्य रेल के मुकाबले अधिक भार सहने की क्षमता है।
– रेलवे ट्रैक की तरह अधिक रखरखाव नहीं करना पड़ता।
– रूस में निर्मित उच्च गुणवत्ता की स्टील का प्रयोग होता है।
डिपो में बिछेगा बैलास्टिड ट्रैक
आगरा मेट्रो प्रोजेक्ट में दो तरह के ट्रैक का इस्तेमाल होगा। एमडी कुमार केशव ने बताया कि डिपो में बैलास्टिड ट्रैक बिछेगा जबकि कॉरिडोर पर बैलास्टलैस ट्रैक बिछेगा। बैलास्टिड ट्रैक में समतल भूमि पर गिट्टी व कॉन्क्रीट स्लीपरों पर पटरियां बिछाई जाती हैं, जबकि बैलास्टलैस ट्रैक में पटरियों को बिछाने के लिए कॉन्क्रीट के बीम का इस्तेमाल होता है।
विस्तार
आगरा के पीएसी मैदान में बन रहे डिपो में मेट्रो रेल के लिए ट्रैक बिछाने का काम सोमवार से शुरू हो गया है। ट्रैक के लिए रूस में निर्मित हेड हार्डेड पटरियों का इस्तेमाल होगा। हेड हार्डेड ट्रैक सामान्य रेल ट्रैक के मुकाबले में कम घिसता है। स्पीड बढ़ाने व ब्रेक लगाने पर ये पटरियां कम घर्षण उत्पन्न करती हैं।
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूपीएमआरसी) 15वीं पीएसी बटालियन के मैदान में 112 करोड़ रुपये की लागत से पहली मेट्रो डिपो का निर्माण कर रहा है। प्रबंध निदेशक कुमार केशव के अनुसार हेड हार्डेड रेल ट्रैक का रखरखाव बहुत कम है। रेलवे के मुकाबले मेट्रो ट्रैक पर ट्रेन का आवागमन अधिक होता है। हर पांच मिनट के अंतराल पर मेट्रो ट्रेन ट्रैक पर चलेगी।
हेड हार्डेड ट्रैक में कम होता है घर्षण
रेल की स्पीड बढ़ाने और ब्रेक लगाने के दौरान सामान्य ट्रैक पर पहियों व ट्रैक के बीच अधिक घर्षण होता है। इससे ट्रैक जल्दी घिसता है। हेड हार्डेड ट्रैक में घर्षण कम होने के कारण यह घिसता नहीं है। जिससे सालों साल पटरियां मजबूत बनी रहती हैं, उनमें क्रेक नहीं आते। उन्होंने बताया कि डिपो में ट्रैक बिछाने का काम पूरा होने के बाद प्राथमिकता सेक्शन में ट्रैक बिछाने का काम शुरू होगा।
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