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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Thu, 24 Mar 2022 10:02 PM IST
सार
मामले में यमुना में औद्योगिक और घरेलू कचरे की डंपिंग के कारण यमुना में प्रदूषण और इससे होने वाले खतरे को आधार बनाया गया है। याचिका में पहले हुई सुनवाई पर कुछ जिम्मेदार अफसरों की ओर से जवाबी हलफनामा दाखिल किया गया है।
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विस्तार
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यमुना में प्रदूषण की वर्तमान स्थिति और प्रदूषण को कम करने के लिए किए गए उपायों की रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि डीएम मथुरा को अपनी रिपोर्ट हलफनामे पर दाखिल करनी होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति आशुतोष श्रीवास्तव की खंडपीठ ने गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है।
मामले में यमुना में औद्योगिक और घरेलू कचरे की डंपिंग के कारण यमुना में प्रदूषण और इससे होने वाले खतरे को आधार बनाया गया है। याचिका में पहले हुई सुनवाई पर कुछ जिम्मेदार अफसरों की ओर से जवाबी हलफनामा दाखिल किया गया है। लेकिन कोर्ट ने कहा कि मौजूदा समय में यमुना में प्रदूषण की स्थिति की कोई अद्यतन रिपोर्ट नहीं है। इसे देखते हुए हाईकोर्ट ने जिला मजिस्ट्रेट को जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।
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