अपराध नियंत्रण के 100 दिन

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उन्नाव। दोबारा प्रदेश की सत्ता में आने के लिए सुरक्षा का मुद्दा सरकार के लिए कारगर साबित हुआ। दोबारा शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री ने अपराधियों को उन्हीं की भाषा में जवाब देने का आदेश पुलिस को दिया है। अपराध पर अंकुश लगाने और अपराधियों को सजा दिलाने के लिए पुलिस अधिकारियों को 100 दिन का समय दिया है। अग्नि परीक्षा में पास होने के लिए जिले के एसपी व एएसपी ने अपराध रोकने व अपराधियों पर नकेल कसने के लिए कार्ययोजना बनाना शुरू कर दिया है।
कार्ययोजना के तहत एसपी दिनेश त्रिपाठी व एएसपी शशिशेखर सिंह ने स्वॉट, सर्विलांस, साइबर व मीडिया सेल को मजबूत करने के लिए अनुभवी पुलिस कर्मी चिन्हित करना प्रारंभ कर दिया है। उन्होंने सभी थानों व पुलिस की शाखाओं में पत्र भेजकर वहां तैनात निरीक्षकों, उपनिरीक्षकों व सिपाहियों को योग्यता साबित करने के लिए बुलाया है। थानों में भी ऐसे निरीक्षक व उपनिरीक्षक को तैनाती दी जाएगी, जिन्होंने अपराध नियंत्रण व कानून व्यवस्था संभालने में खुद को साबित किया है।
इधर, जेल से जमानत पर छूटे अपराधियों की भी सूची तैयार की गई है। मौजूदा समय में उनकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सिपाहियों को लगाया गया है। वह किसी अपराध से लिप्त हैं तो उन्हें जेल भेजा जाएगा। जेल में बंद विचाराधीन अपराधियों को सजा दिलाने के लिए के लिए अभियोजन व पैरोकारों की बैठक कर उन्हें कार्य के बारे में जानकारी दी गई है।
एएसपी ने शशिशेखर सिंह ने बताया कि योजना के तहत अब पुलिस को अपराधी के पीछे उसी तरह दौड़ना होगा जैसे गेंद को पकड़ने के लिए एक खिलाड़ी दौड़ता है।
…तो सजा भुगतने को रहे तैयार
एएसपी ने बताया कि गवाह को धमकाना अब महंगा पड़ेगा। शिकायत पर फौरन रिपोर्ट दर्ज कर आरोपी गिरफ्तारी की जाएगी। अगर धमकाने वाला जमानत पर है तो उसकी जमानत भी निरस्त कराई जाएगी। गवाह चाहने पर उसे सुरक्षा भी दी जाएगी।
थाना समाधान दिवस पर प्रभावी बनाया जाएगा
एएसपी ने बताया कि थाना समाधान दिवस को और प्रभावी बनाया जाएगा। फरियादियों की समस्याओं के समाधान के लिए उसी वक्त पुलिस टीम का गठन किया जाएगा। जब तक समाधान नहीं हो जाता, टीम को दूसरा कोई काम नहीं दिया जाएगा। निश्चित समय में समस्या निस्तारण न करने वाले पुलिस कर्मियाें पर कार्रवाई भी की जाएगी। राजस्व से संबंधित समस्याओं के लिए तहसील व प्रशासनिक स्तर पर रणनीति तैयार की जाएगी।
छात्रों की ली जाएगी मदद
शोहदों से निपटने व ट्रैफिक नियमों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए पुलिस छात्रों की भी मदद लेगी। इसके लिए भी एक योजना तैयार की गई है। इसके तहत थाना पुलिस क्षेत्र के सभी विद्यालयों की सूची तैयार करेगी। इसके बाद जागरूक छात्रों को अपनी मंशा बताकर मदद की अपील करेगी।

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उन्नाव। दोबारा प्रदेश की सत्ता में आने के लिए सुरक्षा का मुद्दा सरकार के लिए कारगर साबित हुआ। दोबारा शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री ने अपराधियों को उन्हीं की भाषा में जवाब देने का आदेश पुलिस को दिया है। अपराध पर अंकुश लगाने और अपराधियों को सजा दिलाने के लिए पुलिस अधिकारियों को 100 दिन का समय दिया है। अग्नि परीक्षा में पास होने के लिए जिले के एसपी व एएसपी ने अपराध रोकने व अपराधियों पर नकेल कसने के लिए कार्ययोजना बनाना शुरू कर दिया है।

कार्ययोजना के तहत एसपी दिनेश त्रिपाठी व एएसपी शशिशेखर सिंह ने स्वॉट, सर्विलांस, साइबर व मीडिया सेल को मजबूत करने के लिए अनुभवी पुलिस कर्मी चिन्हित करना प्रारंभ कर दिया है। उन्होंने सभी थानों व पुलिस की शाखाओं में पत्र भेजकर वहां तैनात निरीक्षकों, उपनिरीक्षकों व सिपाहियों को योग्यता साबित करने के लिए बुलाया है। थानों में भी ऐसे निरीक्षक व उपनिरीक्षक को तैनाती दी जाएगी, जिन्होंने अपराध नियंत्रण व कानून व्यवस्था संभालने में खुद को साबित किया है।

इधर, जेल से जमानत पर छूटे अपराधियों की भी सूची तैयार की गई है। मौजूदा समय में उनकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सिपाहियों को लगाया गया है। वह किसी अपराध से लिप्त हैं तो उन्हें जेल भेजा जाएगा। जेल में बंद विचाराधीन अपराधियों को सजा दिलाने के लिए के लिए अभियोजन व पैरोकारों की बैठक कर उन्हें कार्य के बारे में जानकारी दी गई है।

एएसपी ने शशिशेखर सिंह ने बताया कि योजना के तहत अब पुलिस को अपराधी के पीछे उसी तरह दौड़ना होगा जैसे गेंद को पकड़ने के लिए एक खिलाड़ी दौड़ता है।

…तो सजा भुगतने को रहे तैयार

एएसपी ने बताया कि गवाह को धमकाना अब महंगा पड़ेगा। शिकायत पर फौरन रिपोर्ट दर्ज कर आरोपी गिरफ्तारी की जाएगी। अगर धमकाने वाला जमानत पर है तो उसकी जमानत भी निरस्त कराई जाएगी। गवाह चाहने पर उसे सुरक्षा भी दी जाएगी।

थाना समाधान दिवस पर प्रभावी बनाया जाएगा

एएसपी ने बताया कि थाना समाधान दिवस को और प्रभावी बनाया जाएगा। फरियादियों की समस्याओं के समाधान के लिए उसी वक्त पुलिस टीम का गठन किया जाएगा। जब तक समाधान नहीं हो जाता, टीम को दूसरा कोई काम नहीं दिया जाएगा। निश्चित समय में समस्या निस्तारण न करने वाले पुलिस कर्मियाें पर कार्रवाई भी की जाएगी। राजस्व से संबंधित समस्याओं के लिए तहसील व प्रशासनिक स्तर पर रणनीति तैयार की जाएगी।

छात्रों की ली जाएगी मदद

शोहदों से निपटने व ट्रैफिक नियमों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए पुलिस छात्रों की भी मदद लेगी। इसके लिए भी एक योजना तैयार की गई है। इसके तहत थाना पुलिस क्षेत्र के सभी विद्यालयों की सूची तैयार करेगी। इसके बाद जागरूक छात्रों को अपनी मंशा बताकर मदद की अपील करेगी।

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