हड़ताल से लड़खड़ाई सेवाएं

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उन्नाव। निजीकरण के विरोध और पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर बैंककर्मी सोमवार को हड़ताल पर रहे। दो दिवसीय हड़ताल के पहले दिन 150 करोड़ का लेनदेन प्रभावित हुआ। बैंक कर्मियों ने केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध किया।
ऑल इंडिया बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन और केंद्रीय ट्रेड यूनियन के बैनर तले पीएनबी, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा सहित विभिन्न बैंकों के कर्मचारियों और अधिकारियों ने सोमवार को हड़ताल की। पंजाब नेशनल बैंक की मुख्य शाखा के बाहर धरना प्रदर्शन किया। उप्र बैंक इंप्लाइज यूनियन के अध्यक्ष बीडी सिंह ने कहा कि ये हड़ताल केंद्र सरकार की श्रम विरोधी नीतियों का परिणाम है। सार्वजनिक क्षेत्रों की बैंकों का निजीकरण कर उन्हें तहस-नहस किया जा रहा है। सरकार बैंकों का निजीकरण बंद करे तथा श्रम विरोधी कानून वापस ले। पुरानी पेंशन की बहाली कर जमा राशियों पर ब्याज दर बढ़ाई जाए। प्रदर्शन में डीके गौतम, बुधवीर सिंह, सत्यजीत सिंह, गौरव मिश्रा, दीपक तिवारी, कोमल सिंंह, प्रदीप त्रिपाठी, सुरेश बाजपेई, ओपी दीक्षित, फतेह सिंह आदि मौजूद रहे।
भ्रष्टाचार के विरोध में विद्युतकर्मियों ने किया कार्य बहिष्कार
उन्नाव। ऊर्जा निगम के अधिकारियों की मनमानी और भ्रष्टाचार के खिलाफ विद्युत विभाग के अवर अभियंता और कर्मचारियों ने दो घंटे का कार्य बहिष्कार किया। इस दौरान ऊर्जा निगम के चेयरमैन के खिलाफ नारेबाजी की गई। प्रदेश सरकार से मामले में हस्तक्षेप करने को कहा गया।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के नेतृत्व में बिजली विभाग के अवर अभियंता सोमवार को कार्य से विरत रहे। दोपहर तीन बजे से शाम पांच तक दही चौकी स्थित अधीक्षण अभियंता मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। उप्र राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ के जिलाध्यक्ष विनय रावत ने बताया कि ऊर्जा निगम में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार है। खुद को बचाने के लिए छोटे अधिकारियों और कर्मचारियों को परेशान किया जा रहा है। प्रदेश सरकार से मामले में जांच कर कार्रवाई की मांग की गई है। इस मौके पर उप्र राज्य विद्युत परिषद अभियन्ता संघ के सचिव दिनेश गौतम, सदस्य विष्णु शुक्ला, जुगराज रावत, शिवांश दुबे, यशवंत पासवान, कमलेश प्रजापति, विजय पाल यादव आदि मौजूद रहे।
सातवें दिन भी वकीलों की हड़ताल जारी
उन्नाव। सफीपुर कोतवाली से संबंधित मुकदमों की फाइलों को सफीपुर मुंसिफ कोर्ट स्थानांतरित किए जाने से नाराज अधिवक्ताओं की हड़ताल लगातार सातवें दिन जारी रही। वकीलों ने न्यायालय परिसर पहुंचकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। रजिस्ट्री कार्यालय काम बंद करा दिया। वरिष्ठ अपर जिला जज ने वकीलों के प्रतिनिधिमंडल को बुलाकर वार्ता की।
बार एसोसिएशन अध्यक्ष सतीश कुमार शुक्ला के साथ महामंत्री बृजेंद्र कुमार शुक्ला, पूर्व अध्यक्ष गिरीश मिश्र, कमलेश सिंह सिसौदिया, ज्ञानेंद्र कुमार सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष शिवप्रसाद पांडेय, राकेशप्रकाश श्रीवास्तव, संजय कुमार शुक्ला, मनोज कुमार सिंह ने अपर जिला जज एहसानुल्लाह खान से मुलाकात की। अपर जिला जज की ओर से प्रस्ताव रखा गया कि सफीपुर के शमनीय वाद सिविल जज जूनियर डिवीजन सफीपुर को स्थानांतरित रहने दें। अशमनीय वाद जिला मुख्यालय पर वापस मंगा लिए जाएं ताकि बार और बेंच का सामंजस्य बना रहे। इस पर प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि प्रस्ताव को बार एसोसिएशन के सदन में रखकर उचित निर्णय लिया जाएगा। अपर जिला जज से वार्ता के बाद अध्यक्ष ने मंगलवार को वकीलों की बैठक बुलाई है।

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उन्नाव। निजीकरण के विरोध और पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर बैंककर्मी सोमवार को हड़ताल पर रहे। दो दिवसीय हड़ताल के पहले दिन 150 करोड़ का लेनदेन प्रभावित हुआ। बैंक कर्मियों ने केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध किया।

ऑल इंडिया बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन और केंद्रीय ट्रेड यूनियन के बैनर तले पीएनबी, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा सहित विभिन्न बैंकों के कर्मचारियों और अधिकारियों ने सोमवार को हड़ताल की। पंजाब नेशनल बैंक की मुख्य शाखा के बाहर धरना प्रदर्शन किया। उप्र बैंक इंप्लाइज यूनियन के अध्यक्ष बीडी सिंह ने कहा कि ये हड़ताल केंद्र सरकार की श्रम विरोधी नीतियों का परिणाम है। सार्वजनिक क्षेत्रों की बैंकों का निजीकरण कर उन्हें तहस-नहस किया जा रहा है। सरकार बैंकों का निजीकरण बंद करे तथा श्रम विरोधी कानून वापस ले। पुरानी पेंशन की बहाली कर जमा राशियों पर ब्याज दर बढ़ाई जाए। प्रदर्शन में डीके गौतम, बुधवीर सिंह, सत्यजीत सिंह, गौरव मिश्रा, दीपक तिवारी, कोमल सिंंह, प्रदीप त्रिपाठी, सुरेश बाजपेई, ओपी दीक्षित, फतेह सिंह आदि मौजूद रहे।

भ्रष्टाचार के विरोध में विद्युतकर्मियों ने किया कार्य बहिष्कार

उन्नाव। ऊर्जा निगम के अधिकारियों की मनमानी और भ्रष्टाचार के खिलाफ विद्युत विभाग के अवर अभियंता और कर्मचारियों ने दो घंटे का कार्य बहिष्कार किया। इस दौरान ऊर्जा निगम के चेयरमैन के खिलाफ नारेबाजी की गई। प्रदेश सरकार से मामले में हस्तक्षेप करने को कहा गया।

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के नेतृत्व में बिजली विभाग के अवर अभियंता सोमवार को कार्य से विरत रहे। दोपहर तीन बजे से शाम पांच तक दही चौकी स्थित अधीक्षण अभियंता मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। उप्र राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ के जिलाध्यक्ष विनय रावत ने बताया कि ऊर्जा निगम में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार है। खुद को बचाने के लिए छोटे अधिकारियों और कर्मचारियों को परेशान किया जा रहा है। प्रदेश सरकार से मामले में जांच कर कार्रवाई की मांग की गई है। इस मौके पर उप्र राज्य विद्युत परिषद अभियन्ता संघ के सचिव दिनेश गौतम, सदस्य विष्णु शुक्ला, जुगराज रावत, शिवांश दुबे, यशवंत पासवान, कमलेश प्रजापति, विजय पाल यादव आदि मौजूद रहे।

सातवें दिन भी वकीलों की हड़ताल जारी

उन्नाव। सफीपुर कोतवाली से संबंधित मुकदमों की फाइलों को सफीपुर मुंसिफ कोर्ट स्थानांतरित किए जाने से नाराज अधिवक्ताओं की हड़ताल लगातार सातवें दिन जारी रही। वकीलों ने न्यायालय परिसर पहुंचकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। रजिस्ट्री कार्यालय काम बंद करा दिया। वरिष्ठ अपर जिला जज ने वकीलों के प्रतिनिधिमंडल को बुलाकर वार्ता की।

बार एसोसिएशन अध्यक्ष सतीश कुमार शुक्ला के साथ महामंत्री बृजेंद्र कुमार शुक्ला, पूर्व अध्यक्ष गिरीश मिश्र, कमलेश सिंह सिसौदिया, ज्ञानेंद्र कुमार सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष शिवप्रसाद पांडेय, राकेशप्रकाश श्रीवास्तव, संजय कुमार शुक्ला, मनोज कुमार सिंह ने अपर जिला जज एहसानुल्लाह खान से मुलाकात की। अपर जिला जज की ओर से प्रस्ताव रखा गया कि सफीपुर के शमनीय वाद सिविल जज जूनियर डिवीजन सफीपुर को स्थानांतरित रहने दें। अशमनीय वाद जिला मुख्यालय पर वापस मंगा लिए जाएं ताकि बार और बेंच का सामंजस्य बना रहे। इस पर प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि प्रस्ताव को बार एसोसिएशन के सदन में रखकर उचित निर्णय लिया जाएगा। अपर जिला जज से वार्ता के बाद अध्यक्ष ने मंगलवार को वकीलों की बैठक बुलाई है।

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