साहस-समझदारी से टाला बड़ा हादसा: टूटी पटरी देख ट्रैक पर खड़ी हो गई लाल साड़ी पहने महिला, रुकवाई ट्रेन

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एटा से आगरा जा रही सवारी रेलगाड़ी गुरुवार को बड़े हादसे का शिकार होने से बच गई। अवागढ़ ब्लॉक क्षेत्र के गांव नगला गुलरिया के पास रेल की पटरी टूटी हुई थी। गांव की महिला ओमवती ने टूटी हुई पटरी देखी तो खतरा भांप लिया। ट्रेन सामने से आ रही थी। ऐसे में वह पटरी के बीचोंबीच खड़ी हो गईं। वह लाल साड़ी पहन हुई थीं। उन्होंने साड़ी का पल्लू हिलाकर रेल चालक को खतरे का इशारा दिया। चालक ने इशारे को समझते हुए ट्रेन रोक दी। बाद में रेलवे अधिकारियों को सूचना दी गई। जिस पर कर्मचारियों को भेजकर पटरी को सही कराने का काम शुरू कराया गया।

सुबह 8.20 बजे गांव नगला गुलरिया पर ट्रेन पहुंची थी। इसी दौरान गांव की ओमवती वहां से गुजरते हुए अपने खेत पर जा रही थीं। तभी उनकी नजर पटरी के एक हिस्से पर पड़ी जो टूटा हुआ था। अवागढ़ से आती हुई ट्रेन को रुकवाने के लिए उन्होंने अपनी लाल रंग की साड़ी को झंडी के रूप में हिलाना शुरू कर दिया। ट्रेन चालक ने इसे देख ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक दिया।

150 यात्री कर रहे थे ट्रेन में यात्रा

एटा रेलवे स्टेशन से सुबह साढ़े सात बजे करीब 150 यात्री आगरा के लिए रवाना हुए थे। रेलवे कर्मचारियों ने बताया कि बृहस्पतिवार को करीब 150 यात्रियों ने आगरा जाने के लिए टिकट खरीदे थे। महिला के साहस और समझदारी से बड़ा हादसा टल गया। 

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चालक ने दिया 100 रुपये का इनाम

लाल कपड़ा पटरी के बीच महिला को खड़ा देख चालक ने ट्रेन रोक तो दी, लेकिन उसे भी सही जानकारी नहीं थी कि आखिर मामला क्या है। ट्रेन रुकने के बाद वह जब उतरकर नीचे आया तो उसे बताया गया कि पटरी टूटी हुई है। जिसे देखकर चालक चौंका, साथ ही ओमवती का उत्साहवर्धन करते हुए इनाम के रूप में 100 रुपये दिए।

आधे घंटे में हुई मरम्मत, तब गुजरी ट्रेन

नगला गुलरिया पर पटरी टूटने की सूचना कर्मचारियों को दी गई। जिसके बाद कीमैन समेत अन्य कर्मचारियों ने टूटी हुई पटरी को ठीक किया। करीब आधा घंटे पटरी सही करने में लग गया। पटरी सही होने के बाद ट्रेन को निकाला गया।

प्रयागराज मंडल के पीओरओ अमित सिंह ने बताया कि ग्राम गुलरिया के समीप रेल लाइन पर काम चल रहा था, यहां पर ट्रेन 20 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से अधिक तेजी से नहीं निकल सकती थी। हालांकि वहां पर मौजूद कीमैन ने रेलवे अधिकारियों को सूचना दी थी। पटरी को सही कराने के बाद ही ट्रेन को वहां से निकाला गया। 

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