आगरा: किरायेदार ने मकान हड़कंप के लिए दिव्यांग को मार डाला, फंदे पर लटका शव, एक साल बाद खुला राज

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सार

 आगरा के थाना जगदीशपुरा क्षेत्र में अप्रैल 2021 में हुए हत्याकांड का खुलासा पुलिस ने कर दिया है। दिव्यांग मकान मालिक ने आत्महत्या नहीं की थी, जबकि हत्या कर उसका शव लटकाया गया था। किरायेदार ने साजिश रची थी।  

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आगरा में बोदला क्षेत्र के मनीष नगर निवासी दिव्यांग राजेंद्र ने खुदकुशी नहीं की थी। उसकी हत्या की गई थी। उसे फंदे पर लटकाया गया था। मृतक के भाई संतोष के आरोप लगाने पर पुलिस ने जांच की। क्राइम सीन दोहराया। एक साल में तीन आरोपी पकड़े गए। मकान हड़पने के लिए किरायेदार ने हत्या की साजिश रची थी। घटना के बाद किरायेदार की भी मौत हो गई। 

बोदला स्थित मनीष नगर निवासी राजेंद्र (53) पुत्र हजारी लाल का शव चार अप्रैल 2021 को कमरे में फांसी पर लटका मिला था। उनके घर में पायल किन्नर किरायेदार थीं। उन्होंने परिजनों को जानकारी दी थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण फांसी लगने से आया था। 

परिजनों ने साजिश के तहत हत्या की आशंका जाहिर की। भाई संतोष कुमार उर्फ बबलू का कहना था कि उसके भाई दोनों पैरों से दिव्यांग थे। वह फांसी कैसे लगा सकते थे? इसकी शिकायत थाना पुलिस के साथ ही अधिकारियों से भी की। 

बेटे से की थी पूछताछ 

राजेंद्र का सात साल का बेटा प्रिंस है। पुलिस ने उसके बयान दर्ज किए। उसने बताया कि घटना से एक दिन पहले किन्नर पायल और उसका परिचित धर्मेंद्र उर्फ नंदू पिता से मिलने आए थे। नंदू के पास रस्सी थी। वह पिता के साथ सो रहा था। पायल ने उसे बाहर दूसरे कमरे में लिटा दिया। कमरे की कुंडी लगा दी। कमरे से पिता से झगड़े की आवाज आने लगी। 

दूसरे दिन नंदू ने बताया कि पिता मर गए हैं। संतोष ने पायल से मकान खाली करने को कहा था। इस पर उसका उससे झगड़ा हो गया था। संतोष की पायल और उसके साथियों ने पिटाई कर दी थी। पायल की 22 सितंबर 2021 को मौत हो गई थी। मामले में संतोष कुमार ने 28 सितंबर 2021 को मुकदमा दर्ज कराया। इसमें किन्नर पायल के अलावा धर्मेंद्र, यतेंद्र, नूरजहां और यासमीन पर हत्या के आरोप लगाए। पुलिस ने अपनी जांच की।

केयरटेकर ने बना लिए थे फर्जी कागजात

सीओ लोहामंडी अर्चना सिंह ने बताया कि मामले में धर्मेंद्र, यतेंद्र और नूरजहां को गिरफ्तार किया है। पुलिस की जांच में पता चला कि किराये पर रहने के दौरान किन्नर पायल की नजर राजेंद्र के मकान पर थी। उसका मकान 150 गज का है। कीमत भी अच्छी है। पायल अक्सर राजेंद्र को रुपये देती रहती थीं। धर्मेंद्र उर्फ नंदू राजेंद्र की देखभाल करता था। 

उसने धोखे से राजेंद्र के मकान की अपने नाम पावर ऑफ अटार्नी करा ली थी। इसमें नूरजहां और यतेंद्र गवाह बने थे। वह पायल की मदद से उस पर मकान खाली करने का दबाव बना रहा था। इसलिए हत्या की योजना बनाई। राजेंद्र की मौत के बाद भाई संतोष पायल से मकान खाली कराना चाहता था। मगर, वो तैयार नहीं थे। इससे ही पायल पर शक हुआ। 

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पुलिस ने जांच की। क्राइम सीन भी दोहराया गया। विकलांग के कुर्सी पर चढ़कर फंदे पर लटकने की पुष्टि नहीं हुई। इसमें हत्या करना साबित हुआ। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि राजेंद्र को फंदे पर लटका दिया था, जिससे हत्या नहीं खुदकुशी लगे। 

इनकी हुई गिरफ्तारी

– धर्मेंद्र नरवाली उर्फ नंदू निवासी आवास विकास कॉलोनी, बोदला।
– यतेंद्र उर्फ गोलू निवासी मनीष नगर, बोदला।
– नूरजहां पत्नी अनवर निवासी नीरज विहार, बोदला।

विस्तार

आगरा में बोदला क्षेत्र के मनीष नगर निवासी दिव्यांग राजेंद्र ने खुदकुशी नहीं की थी। उसकी हत्या की गई थी। उसे फंदे पर लटकाया गया था। मृतक के भाई संतोष के आरोप लगाने पर पुलिस ने जांच की। क्राइम सीन दोहराया। एक साल में तीन आरोपी पकड़े गए। मकान हड़पने के लिए किरायेदार ने हत्या की साजिश रची थी। घटना के बाद किरायेदार की भी मौत हो गई। 

बोदला स्थित मनीष नगर निवासी राजेंद्र (53) पुत्र हजारी लाल का शव चार अप्रैल 2021 को कमरे में फांसी पर लटका मिला था। उनके घर में पायल किन्नर किरायेदार थीं। उन्होंने परिजनों को जानकारी दी थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण फांसी लगने से आया था। 

परिजनों ने साजिश के तहत हत्या की आशंका जाहिर की। भाई संतोष कुमार उर्फ बबलू का कहना था कि उसके भाई दोनों पैरों से दिव्यांग थे। वह फांसी कैसे लगा सकते थे? इसकी शिकायत थाना पुलिस के साथ ही अधिकारियों से भी की। 

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