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उन्नाव। प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरसीएच) में 78.54 फीसदी अंकों के साथ जिले को प्रदेश में पहला स्थान मिला है। इसमें एक अप्रैल 2021 से मार्च 2022 तक योजनाओं के संचालन के साथ गर्भवतियों का पंजीयन व बच्चों के टीकाकरण जैसे आठ बिंदु शामिल हैं।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक इंतिजार अहमद सिद्दीकी ने बताया कि केंद्र व प्रदेश सरकार के संयुक्त तत्वावधान में संचालित राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं को गुणवत्तापूर्ण तरह से जनमानस तक पहुंचाना है। इसी के तहत में जिले में शहरी व 16 ब्लॉक क्षेत्रों में प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम संचालित है। इसके तहत सभी गर्भवतियों का प्रथम तिमाही में पंजीयन, गर्भावस्था के दौरान प्रसव से पहले जांचें, उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं का चिह्ीकरण, बच्चों का पंजीयन, कुल प्रसव, संस्थागत प्रसव, एक साल तक के बच्चों का पूर्ण प्रतिरक्षण शामिल है। इन सभी सेवाओं का आरसीएच पोर्टल पर अंकन किया जाता है। इसके आधार पर जिला प्रदेश में अव्वल रहा है। सफलता पर डीएम रवींद्र कुमार ने स्वास्थ्य विभाग को बधाई दी है।
राज्य सरकार की ओर से साल 2021-22 में 89676 गर्भवतियों व 75994 बच्चों के पंजीयन का लक्ष्य था। लक्ष्य के सापेक्ष 80551 गर्भवतियों का पंजीयन किया गया। जो लक्ष्य का 90 प्रतिशत है। वहीं 75,047 बच्चों के पंजीयन का लक्ष्य पूरा कर लिया गया। उच्च जोखिम वाली गर्भवतियों के चिह्नांकन का लक्ष्य 8055 था, 8127 का इलाज किया गया। कुल पंजीकृत 78,539 गर्भवतियों में 64,509 को प्रसव पूर्व सेवाएं दी गईं। साथ ही 75,539 के लक्ष्य के सापेक्ष 68,085 प्रसव आरसीएच पोर्टल पर दर्ज किए गए। ये लक्ष्य का 90 फीसदी है। 65,085 संस्थागत प्रसव (सरकारी अस्पतालों में) हुए, जो लक्ष्य का 86 फीसदी है। बच्चों के पूर्ण प्रतिरक्षण (टीकाकरण) में 69,394 की जगह 62,100 का टीकाकरण किया गया।
उन्नाव। प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरसीएच) में 78.54 फीसदी अंकों के साथ जिले को प्रदेश में पहला स्थान मिला है। इसमें एक अप्रैल 2021 से मार्च 2022 तक योजनाओं के संचालन के साथ गर्भवतियों का पंजीयन व बच्चों के टीकाकरण जैसे आठ बिंदु शामिल हैं।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक इंतिजार अहमद सिद्दीकी ने बताया कि केंद्र व प्रदेश सरकार के संयुक्त तत्वावधान में संचालित राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं को गुणवत्तापूर्ण तरह से जनमानस तक पहुंचाना है। इसी के तहत में जिले में शहरी व 16 ब्लॉक क्षेत्रों में प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम संचालित है। इसके तहत सभी गर्भवतियों का प्रथम तिमाही में पंजीयन, गर्भावस्था के दौरान प्रसव से पहले जांचें, उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं का चिह्ीकरण, बच्चों का पंजीयन, कुल प्रसव, संस्थागत प्रसव, एक साल तक के बच्चों का पूर्ण प्रतिरक्षण शामिल है। इन सभी सेवाओं का आरसीएच पोर्टल पर अंकन किया जाता है। इसके आधार पर जिला प्रदेश में अव्वल रहा है। सफलता पर डीएम रवींद्र कुमार ने स्वास्थ्य विभाग को बधाई दी है।
राज्य सरकार की ओर से साल 2021-22 में 89676 गर्भवतियों व 75994 बच्चों के पंजीयन का लक्ष्य था। लक्ष्य के सापेक्ष 80551 गर्भवतियों का पंजीयन किया गया। जो लक्ष्य का 90 प्रतिशत है। वहीं 75,047 बच्चों के पंजीयन का लक्ष्य पूरा कर लिया गया। उच्च जोखिम वाली गर्भवतियों के चिह्नांकन का लक्ष्य 8055 था, 8127 का इलाज किया गया। कुल पंजीकृत 78,539 गर्भवतियों में 64,509 को प्रसव पूर्व सेवाएं दी गईं। साथ ही 75,539 के लक्ष्य के सापेक्ष 68,085 प्रसव आरसीएच पोर्टल पर दर्ज किए गए। ये लक्ष्य का 90 फीसदी है। 65,085 संस्थागत प्रसव (सरकारी अस्पतालों में) हुए, जो लक्ष्य का 86 फीसदी है। बच्चों के पूर्ण प्रतिरक्षण (टीकाकरण) में 69,394 की जगह 62,100 का टीकाकरण किया गया।
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