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उन्नाव। प्रदेश में लगातार दूसरी बार भाजपा सरकार बनने के बाद अवैध निर्माण कराने वालों पर प्रशासन की नजरें टेढ़ी हैं। उन्नाव-शुक्लागंज विकास प्राधिकरण (यूएसडीए) शहर के आसपास की गई अवैध प्लाटिंग पर बुलडोजर चलाने की तैयारी में है। पिछले दिनों सात बिल्डरों को नोटिस जारी करने के बाद सुनवाई की गई। जांच में तीन प्लाटिंग कृषि उपयोग की भूमि पर होने की बात सामने आई है।
शहरी क्षेत्र के अनियोजित विस्तार और मनमानी प्लाटिंग पर यूएसडीए उपाध्यक्ष/डीएम रवींद्र कुमार ने दिसंबर 2021 में अवैध प्लाटिंग की जांच और सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। अभिलेखों में कृषि उपयोग में दर्ज भूमि का बिना भू उपयोग (आवासीय में) परिवर्तित कराए कॉलोनी बसाने और प्लाट बेचने वालों पर कार्रवाई की बात कही थी।
यूएसडीए सचिव एपीएन सिंह ने जांच कराकर सात बिल्डरों को 16 दिसंबर 2021 को नोटिस जारी की थी। नोटिस में निर्देश दिए गए थे कि संपूर्ण कार्य रोककर लेआउट पास कराने व अन्य आवश्यक प्रक्रिया पूरी करें। ऐसा न करने पर निर्माण तोड़ा जाएगा लेकिन अधिकांश बिल्डरों ने काम जारी रखी। सुनवाई के दौरान निर्माण में उत्तर प्रदेश नगर योजना विकास अधिनियम 1974 का पालन नहीं पाया गया। अब इन प्लाटिंग पर बुलडोजर चलाने की तैयारी है।
इन्हें दी थी नोटिस
निकेतन डेवलपर्स-राकेश सिंह, गंगाविहार कालोनी-अलोक कुमार, आदर्श नगर के प्रापर्टी डीलर-शैलेंद्र मिश्रा, गोकुल रियल स्टेट-रवि प्रताप सिंह, अकरमपुर में प्लाटिंग कर रहे अंशु गुप्ता, रौतापुर में प्लाटिंग कर रहे देशराज और आजाद मार्ग चौराहे के पास प्लाटिंग कर रहे सोनू गुप्ता।
वर्जन
यूएसडीए सचिव एपीएन सिंह ने बताया कि सभी ने नोटिस के जवाब में पक्ष रखा है। कुछ ने शमन शुल्क और लेआउट चार्ज जमा करने की बात कही, लेकिन अब तक जमा नहीं किया। उनकी भी समयावधि पूरी हो रही है। बताया कि तीन प्लाटिंग अवैध साबित हुईं हैं, जबकि चार पर सुनवाई अंतिम चरण हैं। अवैध प्लाटिंग व निर्माण के खिलाफ जल्द ही कार्रवाई शुरू की जाएगी।
उन्नाव। प्रदेश में लगातार दूसरी बार भाजपा सरकार बनने के बाद अवैध निर्माण कराने वालों पर प्रशासन की नजरें टेढ़ी हैं। उन्नाव-शुक्लागंज विकास प्राधिकरण (यूएसडीए) शहर के आसपास की गई अवैध प्लाटिंग पर बुलडोजर चलाने की तैयारी में है। पिछले दिनों सात बिल्डरों को नोटिस जारी करने के बाद सुनवाई की गई। जांच में तीन प्लाटिंग कृषि उपयोग की भूमि पर होने की बात सामने आई है।
शहरी क्षेत्र के अनियोजित विस्तार और मनमानी प्लाटिंग पर यूएसडीए उपाध्यक्ष/डीएम रवींद्र कुमार ने दिसंबर 2021 में अवैध प्लाटिंग की जांच और सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। अभिलेखों में कृषि उपयोग में दर्ज भूमि का बिना भू उपयोग (आवासीय में) परिवर्तित कराए कॉलोनी बसाने और प्लाट बेचने वालों पर कार्रवाई की बात कही थी।
यूएसडीए सचिव एपीएन सिंह ने जांच कराकर सात बिल्डरों को 16 दिसंबर 2021 को नोटिस जारी की थी। नोटिस में निर्देश दिए गए थे कि संपूर्ण कार्य रोककर लेआउट पास कराने व अन्य आवश्यक प्रक्रिया पूरी करें। ऐसा न करने पर निर्माण तोड़ा जाएगा लेकिन अधिकांश बिल्डरों ने काम जारी रखी। सुनवाई के दौरान निर्माण में उत्तर प्रदेश नगर योजना विकास अधिनियम 1974 का पालन नहीं पाया गया। अब इन प्लाटिंग पर बुलडोजर चलाने की तैयारी है।
इन्हें दी थी नोटिस
निकेतन डेवलपर्स-राकेश सिंह, गंगाविहार कालोनी-अलोक कुमार, आदर्श नगर के प्रापर्टी डीलर-शैलेंद्र मिश्रा, गोकुल रियल स्टेट-रवि प्रताप सिंह, अकरमपुर में प्लाटिंग कर रहे अंशु गुप्ता, रौतापुर में प्लाटिंग कर रहे देशराज और आजाद मार्ग चौराहे के पास प्लाटिंग कर रहे सोनू गुप्ता।
वर्जन
यूएसडीए सचिव एपीएन सिंह ने बताया कि सभी ने नोटिस के जवाब में पक्ष रखा है। कुछ ने शमन शुल्क और लेआउट चार्ज जमा करने की बात कही, लेकिन अब तक जमा नहीं किया। उनकी भी समयावधि पूरी हो रही है। बताया कि तीन प्लाटिंग अवैध साबित हुईं हैं, जबकि चार पर सुनवाई अंतिम चरण हैं। अवैध प्लाटिंग व निर्माण के खिलाफ जल्द ही कार्रवाई शुरू की जाएगी।
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