देश की सबसे तेज चलने वाली पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन गतिमान एक्सप्रेस के संचालन के मंगलवार को छह साल पूरे हो गए हैं। दिल्ली से झांसी के बीच 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने वाली इस ट्रेन में अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू होने के साथ ही यात्रियों में इजाफा हो गया है। अभी तक देश में गतिमान की रफ्तार से कोई ट्रेन संचालित नहीं हो पाई है।
मंगलवार को आजादी के अमृत महोत्सव के तहत सेमी हाई स्पीड गतिमान एक्सप्रेस की छठवीं वर्षगांठ मनाई गई। दिल्ली के निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के डिजाइन का केक को काटा गया। इसके बाद सीनियर लोको पायलट पंकज गर्ग और सहायक लोको पायलट राजपाल ने गतिमान एक्सप्रेस की कमान संभाली और आगरा के लिए रवाना हुए। ट्रेन अपने निर्धारित समय पर 90 मिनट में सुबह 9:50 पर आगरा कैंट स्टेशन पर पहुंच गई।
पहली सेमी हाईस्पीड ट्रेन गतिमान एक्सप्रेस का संचालन पांच अप्रैल 2016 को हजरत निजामुद्दीन (दिल्ली) से आगरा के बीच शुरू किया गया था। दो साल बाद इसका विस्तार झांसी तक कर दिया गया, लेकिन इसकी रफ्तार में कोई बदलाव नहीं आया।
आगरा से झांसी के बीच भी ट्रैक पर गतिमान की रफ्तार को बढ़ाकर 130 से 180 किमी प्रति घंटे तक किया गया। अब यह शुक्रवार को छोड़कर पूरे सप्ताह संचालित हो रही है। ट्रेन के संचालन की शुरुआत से ही इसमें दिल्ली रेलवे के सीनियर लोको पायलट पंकज गर्ग कमान संभालते हैं।
उनका कहना है कि वंदेभारत एक्सप्रेस और शताब्दी, राजधानी एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों की रफ्तार भी 130 किमी प्रति घंटे से ज्यादा नहीं है। गतिमान एक्सप्रेस का ट्रायल 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से किया गया था। छठवीं वर्षगांठ पर गतिमान एक्सप्रेस को निजामुद्दीन से रवाना किया गया।
आगरा फोर्ट-लखनऊ इंटरसिटी एक्सप्रेस और आगरा फोर्ट-रामनगर एक्सप्रेस गाड़ियों में यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए रेलवे ने एक-एक कोच की वृद्धि की है। लखनऊ इंटरसिटी में एक 3-टीयर शयनयान और रामनगर एक्सप्रेस में स्लीपर कोच जोड़े गए हैं।