आगरा: गुरुद्वारा परिसर के कमरे में 55 साल के जत्थेदार ने की आत्महत्या, फंदे से लटका मिला शव

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अमर उजाला नेटवर्क, आगरा
Published by: मुकेश कुमार
Updated Fri, 08 Apr 2022 05:53 PM IST

सार

पंजाब के बठिंडा के रहने वाले 55 वर्षीय गुरु तेजसिंह पीलीभीत स्थित शहबाजपुर गुरुद्वारा गुरुनानक देव जी के जत्थेदार थे। वह यहां 15 दिन पहले आए थे। 

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आगरा के सिकंदरा थाना क्षेत्र में हाईवे किनारे स्थित गुरुद्वारा गुरु का ताल परिसर में एक जत्थेदार ने आत्महत्या कर ली। उसका शव कमरे में फंदे से लटका मिला। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लिया। बताया गया है कि जत्थेदार माइग्रेन बीमारी से पीड़ित था। 15 दिन पहले दवा लेने के लिए आगरा आया था।  

गुरुद्वारा गुरु का ताल के मीडिया समन्वयक गुरुनाम सिंह ने बताया कि पीलीभीत शहबाजपुर गुरुद्वारा गुरुनानक देव जी के जत्थेदार गुरु तेजसिंह (55) ने फांसी लगाकर आत्महत्या की है। वह 15 दिन पहले दवा लेने आगरा आए थे। तब से यहीं रह रहे थे। उन्हें माइग्रेन की बीमारी थी। उनका इलाज चल रहा था। 

सभी से मिलकर कमरे में गए थे तेजसिंह

शुक्रवार की सुबह 10 बजे वह सभी लोगों से मिले थे। इसके बाद गुरुद्वारा परिसर में बने अपने कमरे में चले गए। 11.30 बजे सेवादार उन्हें लंगर के लिए बुलाने गए तो कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। जब काफी देर बाद भी दरवाजा नहीं खोला गया तो दरवाजे को तोड़ा गया। अंदर पंखे से बंधे फंदे से उनका शव लटका मिला। 

इस पर पुलिस को सूचना दे दी गई। गुरु तेजसिंह पंजाब के बठिंडा के रहने वाले थे। वहां से परिवार के लोग आगरा के लिए चल दिए हैं। सीओ हरीपर्वत सत्यनारायण ने बताया कि जत्थेदार के आत्महत्या करने की जानकारी मिली है। मामले में विधिक कार्रवाई की जा रही है। आत्महत्या का कारण पता किया जा रहा है। 

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विस्तार

आगरा के सिकंदरा थाना क्षेत्र में हाईवे किनारे स्थित गुरुद्वारा गुरु का ताल परिसर में एक जत्थेदार ने आत्महत्या कर ली। उसका शव कमरे में फंदे से लटका मिला। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लिया। बताया गया है कि जत्थेदार माइग्रेन बीमारी से पीड़ित था। 15 दिन पहले दवा लेने के लिए आगरा आया था।  

गुरुद्वारा गुरु का ताल के मीडिया समन्वयक गुरुनाम सिंह ने बताया कि पीलीभीत शहबाजपुर गुरुद्वारा गुरुनानक देव जी के जत्थेदार गुरु तेजसिंह (55) ने फांसी लगाकर आत्महत्या की है। वह 15 दिन पहले दवा लेने आगरा आए थे। तब से यहीं रह रहे थे। उन्हें माइग्रेन की बीमारी थी। उनका इलाज चल रहा था। 

सभी से मिलकर कमरे में गए थे तेजसिंह

शुक्रवार की सुबह 10 बजे वह सभी लोगों से मिले थे। इसके बाद गुरुद्वारा परिसर में बने अपने कमरे में चले गए। 11.30 बजे सेवादार उन्हें लंगर के लिए बुलाने गए तो कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। जब काफी देर बाद भी दरवाजा नहीं खोला गया तो दरवाजे को तोड़ा गया। अंदर पंखे से बंधे फंदे से उनका शव लटका मिला। 

इस पर पुलिस को सूचना दे दी गई। गुरु तेजसिंह पंजाब के बठिंडा के रहने वाले थे। वहां से परिवार के लोग आगरा के लिए चल दिए हैं। सीओ हरीपर्वत सत्यनारायण ने बताया कि जत्थेदार के आत्महत्या करने की जानकारी मिली है। मामले में विधिक कार्रवाई की जा रही है। आत्महत्या का कारण पता किया जा रहा है। 

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