हाईकोर्ट ने कहा : भगोड़ा आरोपी अग्रिम जमानत का हकदार नहीं

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अमर उजाला नेटवर्क, प्रयागराज
Published by: विनोद सिंह
Updated Sat, 09 Apr 2022 01:02 AM IST

सार

मामले में कोर्ट द्वारा यह देखा गया कि यदि किसी को सीआरपीसी की धारा 82 के तहत भगोड़ा अपराधी घोषित किया गया है तो वह अग्रिम जमानत की राहत पाने का हकदार नहीं है। मामले में याची ने प्रयागराज की विशेष न्यायाधीश पॉक्सो ने अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया है। इस पर याची ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक नाबालिग लड़की और उसकी मां के साथ कथित रूप से बलात्कार करने वाले आरोपी (पॉक्सो) को अग्रिम जमानत से इंकार कर दिया। कहा कि यदि किसी आरोपी को सीआरपीसी की धारा 82 के तहत भगोड़ा घोषित कर दिया गया है तो वह अग्रिम जमानत की राहत पाने का हकदार नहीं है। यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की पीठ ने प्रेम शंकर प्रसाद की जमानत अर्जी को खारिज करते हुए दिया है।

मामले में कोर्ट द्वारा यह देखा गया कि यदि किसी को सीआरपीसी की धारा 82 के तहत भगोड़ा अपराधी घोषित किया गया है तो वह अग्रिम जमानत की राहत पाने का हकदार नहीं है। मामले में याची ने प्रयागराज की विशेष न्यायाधीश पॉक्सो ने अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया है। इस पर याची ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

शादी के लिए तैयार न होने पर लगाया झूठा आरोप

आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376, 506, 328, पॉक्सो एक्ट की धारा 3/4 और आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत मामला दर्ज किया गया है। उस पर एक नाबालिग लड़की और उसकी मां शिकायतकर्ता के साथ कथित रूप से बलात्कार करने का आरोप लगाया गया है। आरोपी के मामले के अनुसार उसके और शिकायतकर्ता के बीच सहमति से संबंध थे। जबकि आरोपी एक विवाहित व्यक्ति है और शिकायतकर्ता अपने पति से अलग रह रही है।

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आरोपी ने न्यायालय के समक्ष तर्क दिया कि शिकायतकर्ता उस स्कूल में शिक्षक है जहां याची चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी के रूप में कार्यरत है और जब शिकायतकर्ता ने उससे शादी करने के लिए कहा तो उसने मना कर दिया क्योंकि वह एक विवाहित व्यक्ति है। इसलिएए उसने झूठे आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवा दी है।

विस्तार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक नाबालिग लड़की और उसकी मां के साथ कथित रूप से बलात्कार करने वाले आरोपी (पॉक्सो) को अग्रिम जमानत से इंकार कर दिया। कहा कि यदि किसी आरोपी को सीआरपीसी की धारा 82 के तहत भगोड़ा घोषित कर दिया गया है तो वह अग्रिम जमानत की राहत पाने का हकदार नहीं है। यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की पीठ ने प्रेम शंकर प्रसाद की जमानत अर्जी को खारिज करते हुए दिया है।

मामले में कोर्ट द्वारा यह देखा गया कि यदि किसी को सीआरपीसी की धारा 82 के तहत भगोड़ा अपराधी घोषित किया गया है तो वह अग्रिम जमानत की राहत पाने का हकदार नहीं है। मामले में याची ने प्रयागराज की विशेष न्यायाधीश पॉक्सो ने अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया है। इस पर याची ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

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