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सार
मथुरा के जवाहर बाग में 2 जून 2016 को हिंसा हुई थी। जिसमें दो पुलिस अफसरों समेत 29 लोगों की जान चली गई थी। उस वक्त मुख्य आरोपी रामवृक्ष यादव का कुछ पता नहीं चल सका। साढ़े पांच साल बाद जवाहर बाग कांड में बड़ा खुलासा हुआ है।
मथुरा के जवाहर बाग कांड के साढ़े पांच साल बाद पुलिस ने भी मान लिया है कि मुख्य आरोपी रामवृक्ष यादव मर चुका है। मथुरा पुलिस ने हाईकोर्ट में यह जानकारी लिखित में दी है। इसका खुलासा रामवृक्ष के बेटे राजनारायण के पिता का मृत्यु प्रमाणपत्र मांगने के बाद हुआ है।
2 जून 2016 को जवाहर बाग को कब्जामुक्त कराते हुए तत्कालीन एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी और तत्कालीन थाना प्रभारी फरह संतोष यादव शहीद हो गए थे। जवाहर बाग हिंसा में 27 लोग भी मारे गए थे। लेकिन रामवृक्ष यादव के मरने की कोई पुष्टि नहीं हुई थी।
राजनारायण ने हाईकोर्ट में दिया था प्रार्थनापत्र
5 दिसंबर 2020 को रामवृक्ष के बेटे राजनारायण निवासी गांव रायपुर, गाजीपुर(उत्तर-प्रदेश) ने हाईकोर्ट में प्रार्थनापत्र देकर पिता के मृत्यु प्रमाणपत्र की मांग की। इसके बाद कोर्ट ने मथुरा पुलिस से पूछा। मथुरा पुलिस ने भी अपना बयान लिखित में कोर्ट को देकर रामवृक्ष की मौत होने की बात स्वीकार की।
कोर्ट ने मथुरा-वृंदावन नगर निगम को रामवृक्ष का मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने को कहा और इसके साथ ही रामवृक्ष की मौत स्वीकारने वाला मथुरा पुलिस का पत्र भी भेजा। लगातार चार दिनों से रामवृक्ष का बेटा राजनारायण पिता के मृत्यु प्रमाणपत्र की मांग कर रहा था।
हालांकि फॉर्म दो सोमवार को भरकर देने के बाद नगर निगम उसे मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर देगा। नगर स्वास्थ्य अधिकारी करीम अख्तर कुरैशी ने बताया कि शनिवार को राजनारायण नहीं आया। सोमवार को फार्म-2 देने के बाद मृत्यु प्रमाण पत्र की प्रक्रिया पूरी करके उसे जारी कर दिया जाएगा।
काफी समय तक चर्चा का विषय रहा
शहर व देश के लोगों के बीच काफी समय तर यह चर्चा का विषय रहा कि आखिर रामवृक्ष गया कहां ? ना ही कभी पुलिस ने उसकी मौत होने की बात स्वीकार की ना ही किसी अन्य माध्यम से इसकी कोई जानकारी हुई। पुलिस ने कोर्ट में भी स्वीकार तो कर लिया लेकिन इसकी भी किसी को कानो कान खबर तक नहीं हुई।
सीबीआई ने जांच में रामवृक्ष को मृत माना
एसएसपी डॉक्टर गौरव ग्रोवर ने बताया कि जवाहर बाग हिंसा की जांच सीबीआई कर रही है। सीबीआई ने अपनी जांच में रामवृक्ष की मौत होना मान लिया। उसी आधार पर मथुरा पुलिस ने कोर्ट में यह स्वीकार किया कि रामवृक्ष की मौत हो चुकी है। मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए नगर निगम को कार्रवाई करनी है।
विस्तार
मथुरा के जवाहर बाग कांड के साढ़े पांच साल बाद पुलिस ने भी मान लिया है कि मुख्य आरोपी रामवृक्ष यादव मर चुका है। मथुरा पुलिस ने हाईकोर्ट में यह जानकारी लिखित में दी है। इसका खुलासा रामवृक्ष के बेटे राजनारायण के पिता का मृत्यु प्रमाणपत्र मांगने के बाद हुआ है।
2 जून 2016 को जवाहर बाग को कब्जामुक्त कराते हुए तत्कालीन एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी और तत्कालीन थाना प्रभारी फरह संतोष यादव शहीद हो गए थे। जवाहर बाग हिंसा में 27 लोग भी मारे गए थे। लेकिन रामवृक्ष यादव के मरने की कोई पुष्टि नहीं हुई थी।
राजनारायण ने हाईकोर्ट में दिया था प्रार्थनापत्र
5 दिसंबर 2020 को रामवृक्ष के बेटे राजनारायण निवासी गांव रायपुर, गाजीपुर(उत्तर-प्रदेश) ने हाईकोर्ट में प्रार्थनापत्र देकर पिता के मृत्यु प्रमाणपत्र की मांग की। इसके बाद कोर्ट ने मथुरा पुलिस से पूछा। मथुरा पुलिस ने भी अपना बयान लिखित में कोर्ट को देकर रामवृक्ष की मौत होने की बात स्वीकार की।
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