रियल एस्टेट में 39 फीसदी उछाल: निवेशकों की पहली पसंद बन रही मेरठ की ये खास जगह, 12 महीने में हुए 65134 बैनामे

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सार

मेरठ जिले में  पिछले 12 महीने में 65134 बैनामे हुए हैं। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, रैपिड रेल, गंगा एक्सप्रेसवे जैसे प्रोजेक्ट का बड़ा असर दिखाई पड़ रहा है।

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मेरठ शहर में रैपिड रेल कॉरिडोर, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के चलते शहर में संपत्तियों की खरीद-फरोख्त में एक वर्ष के अंदर 39 फीसदी उछाल दर्ज किया गया है। दिल्ली रोड निवेशकों की पहली पसंद बन गई है। दिल्ली रोड पर एक वर्ष में सबसे अधिक आवासीय, कृषि भूमि, भवन, औद्योगिक को मिलाकर 14852 बैनामे किए गए हैं।

 इसमें 9610 बैनामे आवासीय हैं। वहीं, इससे स्टांप विभाग को 76 करोड़ 42 लाख 51 हजार रुपये की आय हुई है। रैपिड रेल की शुरुआत मेरठ में दिल्ली रोड से हो रही है। इसी के चलते दिल्ली रोड पर स्थित शताब्दीनगर, परतापुर, भूड़बराल आदि क्षेत्रों में संपत्तियों की बिक्री में इजाफा हुआ है। वहीं, छह रजिस्ट्री सर्किल में एक वर्ष में 65 हजार 134 बैनामे हुए। 

स्टांप विभाग में धनवर्षा, सात सर्किल में 694. 86 करोड़ की कमाई 
जिले में पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में साल 2021-22 में साढ़े 14 हजार बैनामे अधिक हुए हैं। यानी 12 माह में संपत्तियों की खरीद-बिक्री में 39 फीसदी का इजाफा हुआ है। इस बार रजिस्ट्री विभाग को 694 करोड़ 86 लाख 35 हजार रुपये प्राप्त हुए। विभाग ने 80 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किया।

पिछले वित्तीय वर्ष में मात्र 63 फीसदी लक्ष्य  प्राप्त किया गया था। अक्तूबर-2021 में विभाग के राजस्व प्राप्ति का 98 प्रतिशत रहा। जो वित्तीय वर्ष में सबसे अधिक है। इस महीने में 6926 बैनामे का लक्ष्य रखा गया था। इस महीने 6225 बैनामे किए गए। 

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पल्लवपुरम-मोदीपुरम भी तेजी से बढ़ा आगे
 संपत्तियों की खरीद-बिक्री में पल्लवपुरम से लेकर सरधना तक भी खूब उछाल आया है। सरधना सब रजिस्ट्रार कार्यालय में एक वर्ष में सात हजार 367 बैनामे हुए। इससे विभाग को 46 करोड़ 24 लाख चार हजार रुपये की आय हुई है। पल्लवपुरम क्षेत्र में भी रैपिड रेल कॉरिडोर गुजर रहा है। मोदीपुरम में ही रैपिड रेल का डिपो बनेगा और शहर का अंतिम स्टेशन भी यहीं होगा। 

आवास विकास परिषद
कुल बैनामे – 758, कुल आय – आठ करोड़ 45 लाख 94 हजार

मेरठ विकास प्राधिकरण
कुल बैनामे – 643, कुल आय – छ: करोड़ 31 लाख 48 हजार

किस इलाके में कितने बैनामे:
मेरठ प्रथम (शास्त्रीनगर, गंगानगर, गढ़ रोड, शहर)
कुल बैनामे – 11 हजार 94
कुल आय – 156 करोड़ 57 लाख 37 हजार
मेरठ द्वितीय (मुस्लिम इलाके, हापुड़ रोड)
कुल बैनामे – 10 हजार 158
कुल आय – 91 करोड़ 43 लाख 48 हजार
मेरठ तृतीय (दिल्ली रोड, एनएच-58)
कुल बैनामे – 14852
कुल आय – 167 करोड़ 47 लाख 47 हजार
मेरठ चतुर्थ (कंकरखेड़ा, रोहटा रोड, कैंट)
कुल बैनामे – 6926
कुल आय – 60 करोड़ 62 लाख 24 हजार
मवाना
कुल बैनामे – 9709
कुल आय – 57 करोड़ 17 लाख 90 हजार
सरधना (पल्लवपुरम)
कुल बैनामे – 12395
कुल आय – 105 करोड़ 49 लाख आठ हजार

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तेजी से बढ़ रहा मेरठ 
अगला विकसित होता शहर मेरठ ही दिखाई दे रहा है। सुविधाओं से भरपूर जिला आगे बढ़ता जा रहा है। इसी को देखते हुए निवेशक भी एनसीआर की पहली पसंद मेरठ को बता रहे हैं। इसका प्रमुख कारण रैपिड रेल, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे है। – इश्तियाक अहमद, मुख्य नगर नियोजक, एमडीए

यातायात पर प्लान जरूरी
शहर के विकसित होने के साथ ट्रैफिक पर भी प्लान बनाना जरुरी है। रैपिड रेल स्टेशनों के बन जाने के बाद नीचे ट्रैफिक समस्या उत्पन्न होगी। इस पर भी बात होनी जरुरी है, जिससे रैपिड रेल के संचालन से पहले आने वाली समस्याओं पर बात हो सके। – जागेश कुमार, अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश आर्किटेक्ट एसोसिएशन

विकास से आया बदलाव 
इस बार पिछले वर्ष की तुलना में संपत्तियों की बिक्री का ट्रेंड बढ़ा है। शहर में हो रहे विकास के कारण भी लोगों में उत्सुकता है। इससे सरकार को भी राजस्व मिल रहा है – विजय कुमार तिवारी, एआईजी, स्टांप

विस्तार

मेरठ शहर में रैपिड रेल कॉरिडोर, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के चलते शहर में संपत्तियों की खरीद-फरोख्त में एक वर्ष के अंदर 39 फीसदी उछाल दर्ज किया गया है। दिल्ली रोड निवेशकों की पहली पसंद बन गई है। दिल्ली रोड पर एक वर्ष में सबसे अधिक आवासीय, कृषि भूमि, भवन, औद्योगिक को मिलाकर 14852 बैनामे किए गए हैं।

 इसमें 9610 बैनामे आवासीय हैं। वहीं, इससे स्टांप विभाग को 76 करोड़ 42 लाख 51 हजार रुपये की आय हुई है। रैपिड रेल की शुरुआत मेरठ में दिल्ली रोड से हो रही है। इसी के चलते दिल्ली रोड पर स्थित शताब्दीनगर, परतापुर, भूड़बराल आदि क्षेत्रों में संपत्तियों की बिक्री में इजाफा हुआ है। वहीं, छह रजिस्ट्री सर्किल में एक वर्ष में 65 हजार 134 बैनामे हुए। 

स्टांप विभाग में धनवर्षा, सात सर्किल में 694. 86 करोड़ की कमाई 

जिले में पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में साल 2021-22 में साढ़े 14 हजार बैनामे अधिक हुए हैं। यानी 12 माह में संपत्तियों की खरीद-बिक्री में 39 फीसदी का इजाफा हुआ है। इस बार रजिस्ट्री विभाग को 694 करोड़ 86 लाख 35 हजार रुपये प्राप्त हुए। विभाग ने 80 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किया।

पिछले वित्तीय वर्ष में मात्र 63 फीसदी लक्ष्य  प्राप्त किया गया था। अक्तूबर-2021 में विभाग के राजस्व प्राप्ति का 98 प्रतिशत रहा। जो वित्तीय वर्ष में सबसे अधिक है। इस महीने में 6926 बैनामे का लक्ष्य रखा गया था। इस महीने 6225 बैनामे किए गए। 

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