यूपी: पीएफ ऑफिस में सीबीआई और विजिलेंस का छापा, कानपुर समेत देश के 50 कार्यालयों में एक साथ हुई कार्रवाई

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सार

क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त कार्यालय में दिल्ली मुख्यालय की विजिलेंस टीम और सीबीआई ने एक साथ छापा मारा। पिछले वित्तीय वर्ष में किए भुगतान को भी जांचा। इसके अलावा जेके जूट मिल, एलएमएल के हजारों कर्मचारी को पीएफ, पेंशन आदि का भुगतान अभी तक न होने की भी पड़ताल की। 

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कानपुर में क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त कार्यालय सर्वोदय नगर में मंगलवार को दिल्ली मुख्यालय की विजिलेंस टीम और सीबीआई ने एक साथ छापा मारा। हालांकि यह कार्रवाई पूरे देश के 50 क्षेत्रीय कार्यालयों में एक साथ हुई है। इस दौरान अफसरों ने विभाग की कार्य प्रणाली और लंबित मामलों की जांच की।

पिछले वित्तीय वर्ष में किए भुगतान को भी जांचा। इसके अलावा जेके जूट मिल, एलएमएल के हजारों कर्मचारी को पीएफ, पेंशन आदि का भुगतान अभी तक न होने की भी पड़ताल की। असिस्टेंट डायरेक्टर विजिलेंस की अगुवाई में सात सदस्यीय टीम सुबह 11 बजे कार्यालय पहुंची। टीम में पांच सीबीआई के अफसर भी थे।

अचानक छापा पड़ने से विभाग में हड़कंप मच गया। अफसरों ने विभाग के अलग-अलग सेक्शन जैसे क्लेम सेटलमेंट, एकाउंट, पेंडेंसी आदि जगहों पर जांच-पड़ताल की। टीम ने नाम सुधार प्रक्रिया में देरी के कारण पूछे। पिछले वर्ष अधिक भुगतान तो नहीं किया गया, इस संबंध में भी जांच पड़ताल की।

सालों से बंद जेके जूट मिल और एलएमएल के कर्मचारियों का अब तक भुगतान न होने पर सवाल जवाब किए। बताया गया कि मिलों में साइनिंग अथॉरिटी नहीं है। कर्मचारियों के बकाया का मामला पीएफ विभाग की क्षेत्रीय कमेटी की बैठक में उठाया गया था।
इसके अलावा जेके जूट मिल मजदूर मोर्चा के महामंत्री राजू प्रसाद ने भी प्रधानमंत्री, श्रम मंत्री, सीबीआई और विजिलेंस से शिकायत की थी। माना जा रहा है कि शिकायतों के क्रम में यह कार्रवाई हुई है। सूत्रों ने बताया कि विजिलेंस कमेटी ऑडिट, एकाउंट, पीएफ क्लेम, पेंशन से जुड़े मामलों में जांच-पड़ताल करने आती थी, लेकिन इस बार सीबीआई के साथ आई है। 

2014 से जेके जूट मिल में है तालाबंदी
जेके जूट मिल मजदूर मोर्चा के महामंत्री ने बताया कि 24 अगस्त 2021 को श्रम मंत्री को पत्र भेजा गया था। इसमें बताया गया था कि जेके जूट मिल कंपनी जीयो जूट मिल का संचालन 2008 से गोविंद शारडा, आदित्य शारडा, अमित शारडा कर रहे हैं। प्रबंधकों ने 8 मार्च 2014 को मिल में तालाबंदी कर दी। इसके अलावा चार हजार के करीब कर्मचारियों का पीएफ अंशदान निजी ट्रस्ट में करते रहे हैं। अब तक पीएफ, पेंशन का बकाया भुगतान नहीं किया गया। 
एलएमएल के कर्मचारियों का 182 करोड़ बकाया
टीम के सदस्यों ने एलएमएल के कर्मचारियों का बकाया भुगतान अब तक न होने की जानकारी जुटाई। हालांकि एलएमएल का मामला लिक्विडेशन में होने की बात बताई गई। दरअसल कुछ समय पहले हाईकोर्ट ने कर्मचारियों के बकाया भुगतान के निर्देश दिए थे। छह हजार कर्मचारियों का करीब 182 करोड़ अभी भी बकाया है, जो सैलरी, ग्रेच्युटी, बोनस, छुट्टी भुगतान से जुड़ा है।

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केस्को में हुए घोटाले को जोड़कर भी देखा जा रहा 
कुछ समय पहले केस्को के एक कर्मचारी ने कंपनी के तमाम कर्मचारियों के पीएफ खाते में सेंधमारी कर रुपया निकाल लिया था। हालांकि यह मामला लखनऊ पीएफ कार्यालय से जुड़ा था। इसमें केस्को के कर्मचारी का ही हाथ था। चर्चा रही कि इस मामले को लेकर भी टीम ने यहां छापा मारा। 

विस्तार

कानपुर में क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त कार्यालय सर्वोदय नगर में मंगलवार को दिल्ली मुख्यालय की विजिलेंस टीम और सीबीआई ने एक साथ छापा मारा। हालांकि यह कार्रवाई पूरे देश के 50 क्षेत्रीय कार्यालयों में एक साथ हुई है। इस दौरान अफसरों ने विभाग की कार्य प्रणाली और लंबित मामलों की जांच की।

पिछले वित्तीय वर्ष में किए भुगतान को भी जांचा। इसके अलावा जेके जूट मिल, एलएमएल के हजारों कर्मचारी को पीएफ, पेंशन आदि का भुगतान अभी तक न होने की भी पड़ताल की। असिस्टेंट डायरेक्टर विजिलेंस की अगुवाई में सात सदस्यीय टीम सुबह 11 बजे कार्यालय पहुंची। टीम में पांच सीबीआई के अफसर भी थे।

अचानक छापा पड़ने से विभाग में हड़कंप मच गया। अफसरों ने विभाग के अलग-अलग सेक्शन जैसे क्लेम सेटलमेंट, एकाउंट, पेंडेंसी आदि जगहों पर जांच-पड़ताल की। टीम ने नाम सुधार प्रक्रिया में देरी के कारण पूछे। पिछले वर्ष अधिक भुगतान तो नहीं किया गया, इस संबंध में भी जांच पड़ताल की।

सालों से बंद जेके जूट मिल और एलएमएल के कर्मचारियों का अब तक भुगतान न होने पर सवाल जवाब किए। बताया गया कि मिलों में साइनिंग अथॉरिटी नहीं है। कर्मचारियों के बकाया का मामला पीएफ विभाग की क्षेत्रीय कमेटी की बैठक में उठाया गया था।

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