उत्तर भारत की प्रसिद्ध भीमनगरी का आयोजन 26 साल से हो रहा है। पहली बार हुए हादसे के बाद इसके जिम्मेदारों पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
आगरा में भीमनगरी समारोह में शुक्रवार रात को हुए हादसे के बाद आयोजन समिति ने प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। आयोजन समिति ने कहा कि न तो मंच की मजबूती जांची गई, न मजिस्ट्रेट तैनात किए गए, जबकि पूर्व में हर आयोजन के दौरान फायर बिग्रेड, एंबुलेंस, लाइटिंग और ट्रैफिक को लेकर प्रशासनिक तैयारियां की जाती थीं।
केंद्रीय मंत्री के लिए तय प्रोटोकॉल का पालन भी नहीं किया गया। अगर उनके साथ हादसा होता तो कोई एंबुलेंस अस्पताल पहुंचाने के लिए नहीं थी। वहीं, प्रशासन ने इस मामले की जांच तहसीलदार सदर को सौंपी है। उनसे 24 घंटे में जांच रिपोर्ट मांगी गई है।
भीमनगरी केंद्रीय कमेटी अध्यक्ष करतार सिंह भारतीय ने कहा कि 26 साल के दौरान ऐसी लापरवाहियां देखने को नहीं मिली, जैसी इस बार थीं। आंधी का मौसम हर बार आता है, पर प्रशासन मंच की मजबूती के लिए निर्देश देता था और काम करता था। जहां लाइटिंग स्टैंड लगा, उसकी जांच नहीं की गई। भीमनगरी कमेटी के श्याम जरारी ने आयोजन में लोगों की सुरक्षा को लेकर बरती गई लापरवाही की जांच की मांग की।
प्रत्यक्षदर्शी बोले : मिट्टी धंसने से गिरा स्टैंड
भीमनगरी मंच के सामने सोफे पर बैठे ऋषि कुमार बताते हैं कि तेज हवा से जैसे ही लाइटिंग स्टैंड का पोल हिला, वह तेजी से बचने के लिए भागे। उनके ठीक पीछे राजू प्रधान बैठे थे, जो आगे दौड़े पर स्टैंड गिरने से हादसे के शिकार हो गए। लाइट जाने के कारण कई लोग सोफे से उठ गए, अन्यथा घायलों की संख्या 30 से ज्यादा होती। बाद में पता लगा कि स्टैंड के नीचे से मिट्टी धंस गई थी जिससे वह गिरा।
24 घंटे में मांगी जांच रिपोर्ट
नगला पदमा में सजाई गई भीमनगरी में केंद्रीय संस्कृति राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल की मौजूदगी में लाइटिंग स्टैंड गिरने से हुए हादसे की जांच के लिए प्रशासन ने तहसीलदार सदर को जिम्मेदारी दी है। उनसे 24 घंटे के अंदर जांच रिपोर्ट मांगी गई है। प्रशासन ने हादसे में लापरवाही के आरोपों से पल्ला झाड़ते हुए इसे निजी समारोह बताया, जबकि भीमनगरी आयोजन समिति ने प्रशासन के रुख पर ही सवाल खड़ा किया और कहा कि 26 साल से सामाजिक परंपरागत आयोजन, जिसमें प्रशासन ने पहली बार न मजिस्ट्रेट तैनात किए, न एंबुलेंस मंगवाई। लाखों की भीड़ में एक चिकित्सक तक नहीं भेजा।
रविवार को इस मामले में पीड़ितों, घायलों से मिलने के लिए प्रदेश सरकार के समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण आएंगे। एडीएम सिटी अंजनी कुमार सिंह का कहना है कि भीमनगरी समारोह में हुई दुर्घटना के संबंध में तहसीलदार सदर से जांच कराई जा रही है। किन वजहों से हादसा हुआ। कौन जिम्मेदार हैं। सभी पहलुओं पर 24 घंटे में जांच रिपोर्ट देनी होगी। निजी समारोह था। आयोजन समिति ने मंच बनाया था। जांच के बाद स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
सामूहिक विवाह समारोह बाद में होगा
भीमनगरी केंद्रीय समिति के महामंत्री, स्थानीय समिति के अध्यक्ष के घायल होने और आईसीयू में होने के बाद भीमनगरी के शनिवार और रविवार को होने वाले कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए थे। शनिवार को 50 जोड़ों का विवाह होना था, जिसे अब बाद में कराया जाएगा। छीपीटोला स्थित आंबेडकर सामुदायिक भवन में विवाह समारोह होगा, जिसकी तिथियां बाद में घोषित की जाएंगी।
केंद्रीय मंत्री ने हादसे पर जताई संवेदना
भीमनगरी में शुक्त्रस्वार को हुए हादसे पर केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने संवेदना जताई है। शनिवार सुबह उन्होंने ट्वीट कर हादसे में राजू प्रधान के निधन व पदाधिकारियों के घायल होने को दुखद बताया। पूर्व मंत्री और छावनी के विधायक डा. जीएस धर्मेश ने इस मामले में मुख्यमंत्री के सचिव को पूरी जानकारी दी। वह रविवार को मुख्यमंत्री से वार्ता करेंगे और मृतक राजू प्रधान के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की मांग करेंगे।
राजू प्रधान का अंतिम संस्कार
भीमनगरी हादसे में मृतक राजू प्रधान का शनिवार को गांव में अंतिम संस्कार किया गया। गमगीन माहौल के बीच बसपा और भाजपा के नेताओं ने राजू प्रधान के दाह संस्कार में हिस्सा लिया। विधायक डॉ. जीएस धर्मेश, पूर्व एमएलसी सुनील कुमार चित्तौड़ समेत लोग पहुंचे और प्रदेश सरकार से परिवार को आर्थिक मदद देने की मांग की। राजू प्रधान जूते के काम से जुड़े थे। उनके दो बेटे हैं, जो पढ़ाई कर रहे हैं।
हादसे पर अखिलेश यादव ने जताया दुख
भीमनगरी समारोह में मंच पर हुए हादसे को लेकर सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दुख जताया है। मृतक राजू प्रधान के परिजनों को सांत्वना देते हुए घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। भीम नगरी समिति अध्यक्ष पूर्व मंत्री अजयशील गौतम को भेजे सांत्वना पत्र अखिलेश ने भेजा है। जिसे शनिवार को सपा नेता कुंवरचंद वकील, विनय अग्रवाल, गौरव यादव, राहुल चौधरी, राजपाल यादव, ज्ञानेंद्र गौतम आदि ने अजयशील गौतम की पत्नी को सौंपा।
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आगरा में भीमनगरी समारोह में शुक्रवार रात को हुए हादसे के बाद आयोजन समिति ने प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। आयोजन समिति ने कहा कि न तो मंच की मजबूती जांची गई, न मजिस्ट्रेट तैनात किए गए, जबकि पूर्व में हर आयोजन के दौरान फायर बिग्रेड, एंबुलेंस, लाइटिंग और ट्रैफिक को लेकर प्रशासनिक तैयारियां की जाती थीं।
केंद्रीय मंत्री के लिए तय प्रोटोकॉल का पालन भी नहीं किया गया। अगर उनके साथ हादसा होता तो कोई एंबुलेंस अस्पताल पहुंचाने के लिए नहीं थी। वहीं, प्रशासन ने इस मामले की जांच तहसीलदार सदर को सौंपी है। उनसे 24 घंटे में जांच रिपोर्ट मांगी गई है।
भीमनगरी केंद्रीय कमेटी अध्यक्ष करतार सिंह भारतीय ने कहा कि 26 साल के दौरान ऐसी लापरवाहियां देखने को नहीं मिली, जैसी इस बार थीं। आंधी का मौसम हर बार आता है, पर प्रशासन मंच की मजबूती के लिए निर्देश देता था और काम करता था। जहां लाइटिंग स्टैंड लगा, उसकी जांच नहीं की गई। भीमनगरी कमेटी के श्याम जरारी ने आयोजन में लोगों की सुरक्षा को लेकर बरती गई लापरवाही की जांच की मांग की।